Begin typing your search above and press return to search.

CM साय के पोस्टर पर गोबर फेंकने का विवाद: आदिवासी समाज ने किया धरना प्रदर्शन, आरोपी के गिरफ्तारी की मांग

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक चौंकाने वाली घटना ने सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है। एक कांग्रेस नेता ने घायल गाय का इलाज न होने से नाराज होकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पोस्टर पर गोबर फेंक दिया।

CM साय के पोस्टर पर गोबर फेंकने का विवाद: आदिवासी समाज ने किया धरना प्रदर्शन, आरोपी के गिरफ्तारी की मांग
X
By Ashish Kumar Goswami

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक चौंकाने वाली घटना ने सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है। एक कांग्रेस नेता ने घायल गाय का इलाज न होने से नाराज होकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पोस्टर पर गोबर फेंक दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, सर्व आदिवासी समाज ने आज गुरुवार (4 सितंबर 2025) को इस हरकत के विरोध में कवर्धा कलेक्टर कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की।

क्या है पूरा मामला?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बताया जा रहा है कि, कांग्रेस नेता तुकाराम चंद्रवंशी ने एक घायल गाय के इलाज के लिए स्थानीय पशु डॉक्टर को फोन किया, लेकिन डॉक्टर ने उनका फोन नहीं उठाया। इससे तुकाराम इतना भड़क गए कि उन्होंने कवर्धा में सड़क किनारे लगे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के होर्डिंग पर गोबर पोत दिया। इस घटना का वीडियो तेजी से फैला और देखते ही देखते यह एक बड़ा विवाद बन गया।

आदिवासी समाज का विरोध

वीडियो सामने आने के बाद सर्व आदिवासी समाज ने इसे मुख्यमंत्री और पूरे आदिवासी समुदाय का अपमान बताया, क्योंकि विष्णुदेव साय खुद एक आदिवासी नेता हैं। समाज के सदस्यों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना देकर तुकाराम चंद्रवंशी पर तुरंत कार्रवाई करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

सियासी घमासान

इस घटना ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया उबाल ला दिया है। एक तरफ तुकाराम चंद्रवंशी ने पशु चिकित्सा सुविधाओं की कमी को उजागर करने की कोशिश की, वहीं बीजेपी समर्थकों और आदिवासी समाज ने इसे मुख्यमंत्री के अपमान से जोड़ दिया है। बीजेपी नेताओं ने इसे कांग्रेस की हताशा बताया है।

पुलिस और प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन धरने के बाद उन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। यह घटना कवर्धा में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा सकती है। वहीं, कांग्रेस ने इसे तुकाराम का निजी गुस्सा बताकर खुद को इस मामले से दूर रखने की कोशिश की है।

Next Story