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Teacher Yuktiyuktkaran: शिक्षकों और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण को लेकर मुखर हुआ विरोध, दो विधायको ने सोशल मीडिया पर लिखा...

Teacher Yuktiyuktkaran: शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है और इसी अनुरुप आदेश भी जारी कर दिया है। राज्य शासन के निर्देश के बीच कांग्रेस के दो विधायकों का विराेध भी सामने आया है।

Teacher Yuktiyuktkaran: शिक्षकों और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण को लेकर मुखर हुआ विरोध, दो विधायको ने सोशल मीडिया पर लिखा...
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By Ragib Asim

Teacher Yuktiyuktkaran: शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है और इसी अनुरुप आदेश भी जारी कर दिया है। राज्य शासन के निर्देश के बीच कांग्रेस के दो विधायकों का विराेध भी सामने आया है। व्यास कश्यप और यशोदा निलांबर वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सरकार के इस निर्णय को लेकर विराेध जताया है। पढ़िए विधायकों ने सोशल मीडिया में क्या लिखा है।

रायपुर। नए शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पहले शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। राज्य शासन ने इस संबंध में प्रदेशभर के कलेक्टर व डीईओ को निर्देश भी जारी कर दिया है। मिडिल स्कूल में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण करते समय विषयों पर विशेष ध्यान देना होगा। राज्य शासन की कोशिशों और प्रक्रिया के बीच कांग्रेस के दो विधायकों ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का खुलकर विरोध किया है। कांग्रेस विधायक व्यास कश्यप और यशोदा निलांबर वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सरकार के इस निर्णय का ना केवल विरोध किया है साथ ही प्राथमिक शिक्षा के चौपट होने की आशंका भी जताई है।


विधायक व्यास कश्यप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा है कि 14 तारीख को साय सरकार की कैबिनेट मंत्रियों की बैठक हुई । बैठक में मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत के संबंध में निर्णय लिया गया। शालाओं में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया गया। लेकिन वहीं दूसरी ओर सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के. ऐसे विद्यालय जहां बच्चों की संख्या बहुत ही कम है, उसे बंद करेंगे. स्कूलों में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर उनकी संख्या घटाए जाने की कार्यवाही जारी है। जहां पहले एक प्राथमिक शाला में 1 प्रधान पाठक और 3 शिक्षक होते थे उसे घटा कर 1+2 किया जा रहा है। इसी प्रकार मिडिल स्कूल में भी शिक्षकों की संख्या घटाया जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में लगभग 4000 स्कूल पूरी से बंद हो जाएंगे और लगभग 45000 शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे।अब ऐसे में कैसे शिक्षा में गुणवत्ता आएगी?

विधायक यशोदा निलांबर वर्मा ने कुछ इस तरह की बातें सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है। यशोदा ने लिखा है कि आज दिनांक 14/05/2025 को छ.ग. कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें एक महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गईं है जिसके अंतर्गत विभिन्न अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि प्रदेश के प्रत्येक शालाओं का निरीक्षण कर गुणवत्ता परखेंगे अजीब विरोधाभास की स्थिति प्रतीत होता है।


एक तरफ तो सरकार युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के स्कूलों को बंद कर रही है तथा प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में इतनी कमी कर दी गई है, कि एक से पांच कक्षाओं के लिए सिर्फ दो शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। 18 विषय, दो शिक्षक पढ़ाएंगे, पहले से पांचवी तक। उसके बाद सिर्फ दो शिक्षक के भरोसे प्राथमिक शिक्षा का बंटाधार करने वाली सरकार गुणवत्ता परखेगी।

यह तो वही बात हो गई की सरकार को एक अच्छी चाय बनवाना है, पानी और दूध की उपलब्धता तो है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण शक्कर और चाय पत्ती ही उपलब्ध नहीं। अब बना के दिखाओ अच्छी चाय। छत्तीसगढ़ सरकार नया शिक्षक भर्ती नहीं करने एवं युक्तियुक्त कारण के नाम पर जो स्कूलों को बंद किया जा रहा है, प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या को कमी किया जा रहा है। इसके बहुत दूरगामी परिणाम आएंगे। छत्तीसगढ़ की प्राथमिक शिक्षा लगभग समाप्त होने की कगार पर है। इस युक्तियुक्तकरण से सबसे ज्यादा प्रभाव प्राथमिक विद्यालय कक्षा 1 से 5 तक पर ही पड़ेगी, जिसे शिक्षा व्यवस्था का रीढ़ माना जाता है। ये है छत्तीसगढ़ में सुशासन।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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