Chhattisgarh Teacher Transfer: शिक्षकों पर होगी बड़ी कार्रवाईः युक्तियुक्तकरण के बाद 800 शिक्षकों ने ज्वाईन नहीं किया, डीपीआई ने दिया फायनल अल्टीमेटम, डीईओ को पत्र भेज कहा..
Chhattisgarh Teacher Transfer: छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया था। इसमें 13 हजार से अधिक शिक्षकों का ट्रांसफर किया गया था। मगर तीन महीने बीत जाने के बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने ट्रांसफर के बाद भी ज्वाईन नहीं किया है। डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी ने अब दो दिन में ज्वाईन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख कहा है...खबर के नीचे देखिए उनका पत्र।

Chhattisgarh Teacher Transfer: रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के तहत 13 हजार से अधिक शिक्षकों का ट्रांसफर किया था। मगर तीन महीना हो जाने के बाद भी अभी भी 800 से अधिक शिक्षकों ने ज्वाईनिंग नहीं दी है। जबकि, कई मामलों में हाई कोर्ट से उनकी अर्जी खारिज हो गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्हें दो सुनवाई का मौका भी दिया। मगर वे ट्रांसफर आदेश को मानने तैयार नहीं हैं। बताते हैं, हाई कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि बिना कार्रवाई किए शिक्षक ज्वाईन नहीं करेंगे।
हालांकि, डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी ने पिछले महीने भी चेतावनी दी थी। उसके बाद 500 से अधिक शिक्षकों ने ज्वाईन किया था। इस बार स्कूल शिक्षा विभाग के डायरेक्टर रघुवंशी एक्शन मोड में हैं। उन्होंने दो दिन का टाईम दिया है। जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज उन्होंने कहा है कि दो कार्यदिवस के भीतर अगर ज्वाईन नहीं किए तो फिर कार्रवाई करें। व्याख्याता के खिलाफ कार्रवाई उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई पत्रक तैयार करें। पढ़िये उन्होंने पत्र में क्या लिखा है....
युक्तियुक्तकरण उपरांत कार्यभार ग्रहण न करने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही बाबत्।
छ.ग.शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ 2-24/2024/20-तीन दिनांक 02.08.2024 तथा पत्र कमांक एफ 2-24/2024/20-तीन दिनांक 28.04.2025 में जारी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत शालाओं का तथा अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया है।
युक्तियुक्तकरण के पश्चात कई शिक्षकों के द्वारा आज पर्यन्त कार्यभार ग्रहण नहीं किये गये है। माननीय न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण जिनमें राहत अथवा स्थगन दिया गया है, को छोड़कर शेष सभी शिक्षकों को 02 कार्य दिवस के भीतर तत्काल कार्यभार ग्रहण करावें अन्यथा की स्थिति में उनके विरूद्ध छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
जिन मामलों में जिला शिक्षा अधिकारी अथवा संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा नियोक्ता नहीं है, उन प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव तत्काल उपलब्ध करावें।
देखिए डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी का पत्र
