Chhattisgarh Teacher News: सोना साहू के पति ने इस शिक्षक नेता पर लगाए गंभीर आरोप...जानिए किसके लिए कहा - तालाब खुदाया नहीं और पहले से आकर बैठ गए मगरमच्छ
Chhattisgarh Teacher News: प्रदेश में शिक्षकों के मन में क्रमोन्नति की आस जगाने और सुप्रीम कोर्ट तक जीत का परचम लहराने वाली सोना साहू अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है और इस जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले उनके पति रामनिवास साहू ने जिस प्रकार जीत का रोडमैप तैयार किया उसने सरकार को भी संकट में खड़ा कर दिया है लेकिन उसी रामनिवास साहू ने उनके मामले में हो रही राजनीति का खुलासा करते हुए एक शिक्षक नेता पर गंभीर आरोप लगाया है। देखें सोना साहू के पति रामनिवास साहू द्वारा जारी पत्र

Chhattisgarh Teacher News: रायपुर। क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर छत्तीसगढ़ की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट से खारिज होते ही सोना साहू छत्तीसगढ़ के एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों के लिए रोल माडल बन गईं है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सोना साहू के मामले की पैरवी उनके पति रामनिवास साहू ने की। बिलासपुर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान देने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार की एसएलपी खारिज होने के बाद अब तय हो गया है कि शिक्षकों काे क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार की एसएलपी खारिज होने के बाद सोना साहू के साथ ही चर्चा में आए रामनाथ साहू ने उनके मामले में हो रही राजनीति का खुलासा करते हुए छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में पत्र भी जारी किया है।
दरअसल कल छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर अभियान चलाने की घोषणा की थी। सोना साहू के पति रामनिवास साहू ने खुला पत्र जारी कर कहा है कि शिक्षक नेता पर गंभीर आरोप लगाया है। रामनिवास साहू ने अपने पत्र में लिखा है कि इससे पहले भी संजय शर्मा इसी प्रकार का अभियान चलाकर शिक्षकों का लाखों रुपए बर्बाद कर चुके हैं और उनके इस कार्यक्रम का परिणाम शून्य रहा। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी प्रस्तुत की। एसएलपी के विरुद्ध लड़ाई लड़ने में अभ्यावेदन देने वालों ने एक रुपए की मदद नहीं की। और अब जब राज्य शासन की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है तो सोना साहू को लाभ मिलने से पहले अभ्यावेदन प्रस्तुत करके अपना लाभ खोज रहे है। शर्मा जी जिन्हें क्रमोन्नति का एबीसीडी नहीं पता । उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि "तलाब खुदाया नहीं और मगरमच्छ जाकर पहले से बैठ गए हैं।
पत्र में एक खुलासा ऐसा भी
रामनिवास साहू ने पत्र में लिखा है कि जब राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया तब मैंने संजय शर्मा से बात की और उनसे शिक्षकों से अपील करने के लिए कहा। तब संजय शर्मा ने कहा की सोना साहू को गलत लाभ मिला है। सरकार जीत जाएगी और सोना साहू से रिकवरी होगी। उन्होंने ₹1 का सहयोग नहीं किया है और अब जब राज्य शासन की एसएलपी खारिज हो गई है तो इन्हें सोना साहू से पहले लाभ चाहिए।
एनपीजी से रामनिवास साहू ने कहा, हां मैंने लिखा है पत्र
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे पत्र के संबंध में जब एनपीजी ने रामनिवास साहू ने बात की तब उन्होंने स्वीकार किया और कहा कि हां मैंने पत्र लिखा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहा पत्र मेरा ही है। नाराज रामनिवास साहू ने कहा कि संघ के पदाधिकारी इस मामले में नेतागीरी करना बंद करें। अदालत का मामला है और अदालत ने अपना फैसला दे दिया है। जब संघ की ओर से हमें मदद की जरुरत थी तब किसी ने कोई मदद नहीं की और ना ही मदद पहुंचाई।