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छत्तीसगढ़ रेरा का फैसला: रखरखाव शुल्क और विकास लागत का भुगतान करे आबंटी...

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में एक आबंटी को लंबित रखरखाव शुल्क और विकास लागत प्रमोटर को भुगतान करने का आदेश दिया है

छत्तीसगढ़ रेरा का फैसला: रखरखाव शुल्क और विकास लागत का भुगतान करे आबंटी...
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By Sandeep Kumar

रायपुर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में एक आबंटी को लंबित रखरखाव शुल्क और विकास लागत प्रमोटर को भुगतान करने का आदेश दिया है। यह फैसला उन आबंटियों के लिए चेतावनी स्वरूप है, जो बार-बार सूचना देने के बावजूद अपने वित्तीय दायित्वों से बचते रहे हैं।

प्राधिकरण के अनुसार, संबंधित आवंटी को 75,600 रुपए की लंबित रखरखाव राशि तत्काल प्रमोटर को चुकानी होगी। रेरा ने स्पष्ट किया कि जब तक परियोजना का विधिवत हस्तांतरण हाउसिंग सोसायटी को नहीं हो जाता, रखरखाव की जिम्मेदारी प्रमोटर की होती है और इस अवधि के लिए शुल्क का भुगतान करना आबंटी का दायित्व है। इसके अतिरिक्त, आदेश में यह भी कहा गया है कि आबंटी को 4लाख 77 हजार 744 रुपए की एकमुश्त विकास लागत भी प्रमोटर को अदा करनी होगी। यह राशि समझौते के अनुसार देय थी, जिसकी कई बार सूचना देने के बावजूद आबंटी द्वारा भुगतान नहीं किया गया।

सीजी रेरा ने कहा कि इस प्रकार के मामलों में यदि आबंटी अपने दायित्वों से बचते हैं तो इससे प्रमोटरों की परियोजना संचालन प्रक्रिया बाधित होती है। और यह रियल एस्टेट अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध है।

रेरा ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही रियल एस्टेट सेक्टर की मजबूती के लिए अनिवार्य है। यह आदेश इस दिशा में एक दृढ़ कदम है जो आबंटितियों को वित्तीय अनुशासन अपनाने और प्रमोटरों को उनके वाजिब अधिकार दिलाने की दिशा में मददगार साबित होगा।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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