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Chhattisgarh Power Game: छत्तीसगढ़ पावर गेम पत्रिका ने पूरे किए प्रकाशन के सात वर्ष, जीता पाठकों का भरोसा, नई शिक्षा नीति पर चर्चा

छत्तीसगढ़ की नंबर-वन न्यूज मैगजीन छत्तीसगढ़ पावर गेम ने अपने प्रकाशन का सात वर्ष पूरा कर लिया है। इस मौके पर एनपीजी मीडिया कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर जूम ऐप से नई शिक्षा नीति पर चर्चा की गई।

Chhattisgarh Power Game: छत्तीसगढ़ पावर गेम पत्रिका ने पूरे किए प्रकाशन के सात वर्ष, जीता पाठकों का भरोसा, नई शिक्षा नीति पर चर्चा
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By Sandeep Kumar

रायपुर। छत्तीसगढ़ के एनपीजी मीडिया ग्रुप की मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ पावर गेम ने स्थापना याने प्रकाशन के सात वर्ष पूरे कर लिए हैं। सितंबर 2017 में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से छत्तीसगढ़ पावर गेम का प्रकाशन प्रारंभ हुआ था। तब से पत्रिका का सफर निर्बाध ढंग से जारी है। हालांकि, किसी समाचार पत्र या पत्रिका के लिए सात वर्ष का टाईम काफी नहीं होता। मगर इस थोड़े से समय में ही छत्तीसगढ़ पावर गेम प्रदेश की नंबर-1 न्यूज मैगजीन बन गई है। अपने कंटेंट और ले-आउट और उत्कृष्ट छपाई की वजह से छत्तीसगढ़ पावर गेम ने पत्रिकाओं की भीड़ में अपनी अलग पहचान बना ली है।

छत्तीसगढ़ पावर गेम अब भारत सरकार के डीएवीपी में भी इंपेनल हो चुका है। डीएवीपी में सूचीबद्ध होने वाले छत्तीसगढ़ पावर गेम छत्तीसगढ़ की पहली पत्रिका होगी। इससे छत्तीसगढ़ पावर गेम को अब दूसरे राज्यों से भी विज्ञापन प्राप्त होने का रास्ता खुल गया है।

छत्तीसगढ़ पावर गेम के सात वर्ष पूरे होने के अवसर पर जूम ऐप्प के जरिये नई शिक्षा नीति पर चर्चा की गई। मुद्दा था...नई शिक्षा नीति-2020 से छत्तीसगढ़ को फायदा। चर्चा में शामिल होने वाले गणमान्य लोगों ने कहा कि पिछड़े राज्यों के तौर पर गिने जाने वाले छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली साबित होगी।

चर्चा की शुरूआत करते हुए बेलतरा के युवा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की दूरदर्शिता के चलते नई शिक्षा 2020 पारित होकर देश में लागू हो पाया। इससे पहले किसी भी सरकार ने इसकी सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से सबसे अधिक फायदा उन छोटे राज्यों को होगा, जो शिक्षा और विकास की दौड़ में लंबे अरसे से पिछड़े हुए हैं। विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि पुरानी शिक्षा पद्धति डिग्री हासिल करने के अलावा कुछ और नहीं थी। उन्होंने सवाल किया कि आजादी के बरसों बाद आखिर देश में इतनी बेरोजगारी क्यों है। ये पुरानी शिक्षा पद्धति की देन है। नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। कुल मिलाकर शिक्षा को व्यवहारिका से जोड़ा गया है।

रायपुर साइंस कॉलेज के प्रोफेसर एसएस भदौरिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति को और पहले लागू हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति की खास बात यह है कि इसमें छात्र और शिक्षकों की एकाउंटबिलिटी तय होगी। दोनों ही प़क्ष जिम्मेदारियों से बच नहीं सकता। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैस राज्य के लिए नई शिक्षा नीति क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

इस अवसर पर सर्व शिक्षक संघ के छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा कि नई शिक्षा नीति हवा-हवाई की बजाए जमीन से जुड़ी है। याने लोकल इश्यू को उसमें वेटेज दिया गया है। नई शिक्षा नीति छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिए फायदेमंद इसलिए होगा क्योंकि, इसमें लोकल संस्कृतियों को सहेजते हुए रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है।

बिलासपुर हाई कोर्ट के अधिवक्ता ब्यास मुनी ने कहा बरसों से भारत देश मैकाले की शिक्षा पद्धति को ढोते-ढोते थक गया था। नई शिक्षा नीति को आज की जरूरत के हिसाब से वस्तुपरक बनाया गया है। इसमें अतीत, अध्यात्म और भविष्य सभी का समावेश किया गया है। सबसे अहम यह कि नई शिक्षा नीति में ट्रेनिंग को काफी अहमियत दी गई है। पहले थ्योरी काफी होती थी प्रैक्टिकल कम। अब थ्यौरी के साथ उतने ही प्रैक्टिकल होगा। ताकि स्किल पैदा हो सके।

बिलासपुर के जागरुक शिक्षक अरविंद शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति का सभी वर्ग के लोग इसलिए स्वागत कर रहे हैं क्योंकि, इसे रोजगार से जोड़ा गया है। नई शिक्षा नीति में अनेकों ऐसे प्वाइंट हैं, जो विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाएंगे। मसलन, बोर्ड की दो बार परीक्षा। एक बा अगर किन्हीं कारणों से विद्यार्थी रिजल्ट अच्छा न ला पाए या फिर परीक्षा में किसी कारणवश नहीं बैठ पाए, तो उनके पास फिर परीक्षा में बैठने का अवसर रहेगा। ऐसा नहीं कि एक परीक्षा में कुछ गड़बड़ हुआ तो फिर एक साल बाद में परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।

मुंगेली मीडिल स्कूल के प्रधान पाठक प्रवीण मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के आने के बाद विद्यार्थियों में ही उत्साह ही नहीं बल्कि शिक्षकों मेेें दायित्व का बोध करा रहा है। शिक्षक भी अब पठन करने के बाद बच्चों को क्लास में पढाएंगे।

रायपुर के जाने-माने गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ0 कुलदीप सोलंकी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने देश की जरूरतों को समझते हुए उन्होंने नई शिक्षा नीति बनाने की दिशा में काम किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश का यूथ काफी मजबूत होगा। यही नहीं, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के लिए भी नई शिक्षा नीति काफी कारगर साबित होगी। क्योंकि, शिक्षा में व्यवहारिकता न होने की वजह से विकसित राज्यों के सामने छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी स्पर्धा नहीं कर पाते थे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ पावर गेम के संपादक संजय के. दीक्षित ने बताया कि किस तरह एनपीजी न्यूज वेबसाइट का प्रारंभ हुआ। 2013 में एनपीजी न्यूज का प्रसारण शुरू होने के चार साल बाद छत्तीसगढ़ पावर गेम के नाम से मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया गया। इस समय एनपीजी मीडिया का यूट्यूब चैनल भी चल रहा है। यूट्यूब चैनल को भी लोगों से काफी अच्छा रिसपांस मिल रहा है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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