Chhattisgarh News: ये तो गजब हो गया: बच्चा पैदा नहीं हुआ और चार साल पहले ही स्कूल में करा दिया एडमिशन: हत्या के एक मामले में आरोपी को बचाने इस तरह रची जा रही साजिश...
Chhattisgarh News: ऐसा गजब का खेल ना तो आपने किसी क्राइम सीरियल में देखी होगी और ना ही ऐसा कोई मूवी ही बनी होगी। पर यह तो इन दोनों से भी एडवांस और बेहतर खतरनाक और शातिराना अंदाज है। हत्या के आरोपी को बचाने के लिए परिजनों ने गजब का खेल खेला है,इस खेल में एक नायब तहसीलदार की भूमिका भी संदेहास्पद हो गया है। हत्या के आरोपी को नाबालिग बताने और मामले को कमजोर करने के लिए जन्म तिथि को ही बदलवा दिया है। आधार कार्ड भी नया बनवा लिया। फर्जीवाड़े की पोल तब खुली जब स्कूल के रजिस्टर में एडमिशन की तिथि निकाली गई। एडमिशन हुआ 2004 में और नया बर्थडे बनवा लिया 2008 का।

Chhattisgarh News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के तखतपुर में यह सनसनीखेज मामला सामने आया है। क्राइम सीन और क्राइम मूवी से भी कई कदम आगे की सोच रखने वालों ने गजब ही कर दिया। हत्या के एक आरोपी को बचाने के लिए जन्म तिथि में ही हेरफेर कर दिया है। नया बर्थ डे के हिसाब से आधार कार्ड भी बन गया है। यही नहीं नायब तहसीलदार ने फर्जी जन्म तिथि को प्रमाणित भी कर दिया है। बच्चा पैदा होने से पहले से ही स्कूल में एडमिशन भी हो गया। वह भी एक दो नहीं पूरे चार साल पहले। ऐसा कभी हो सकता है। पर ऐसा हुआ है। यह पूरा खेला तखतपुर के नायब तहसीलदार कार्यकाल में ही हुआ है।
हत्या केआरोपी को बचाने के लिए दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई है। दस्तावेजों में कूटरचना कर तहसील कार्यालय से फर्जी प्रमाणपत्र हासिल कर लिया है। फर्जीवाड़ा और जालसाजी का खुलासा आरोपी के स्कूल दाखिला रजिस्टर ने कर दिया है। स्कूल के दाखिल रजिस्टर में जन्मतिथि 2004 दर्ज है। नया आधार कार्ड में जन्मतिथि 2008 करा लिया है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
तखतपुर ब्लाक के भीमपुरी क्षेत्र में अतिक्रमण की शिकायत पर तहसीलदार कोर्ट द्वारा जांच कराई गई थी। जांच में अतिक्रमण सही पाए जाने पर कब्जा हटाने का आदेश जारी किया गया था। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान गांव में दो पक्षों में विवाद हुआ और विनोद नवरंग (उम्र 21 वर्ष) ने अपने साथियों के साथ मिलकर दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की हत्या कर दी। हत्या के आरोप में विनोद जेल में बंद है।
इसलिए किया फर्जीवाड़ा और चार साल छोटे का बनवाया आधार कार्ड
हत्या के आरोपी विनोद नवरंग को जमानत दिलाने के लिए परिजनों ने उसे नाबालिग बताने के लिए खेला कर दिया है। वास्तविक जन्मतिथि 2004 को चार आगे बढ़ाकर 2008 कर नया आधार कार्ड जारी करा लिया है। इसी आधार पर नायब तहसीलदार ने नया बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। सवाल उठ रहा है कि नायब तहसीलदार ने सिर्फ आधार कार्ड के जरिए कैसे और किस लिहाज से बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। अन्य दस्तावेजों की पड़ताल क्यों नहीं किया।
पुलिस ने शुरू की जांच
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर जमानत की कोशिश की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। तहसील कार्यालय से जारी प्रमाणपत्र और स्कूल के दाखिल-खारिज रजिस्टर के रिकार्ड में अंतर होने के कारण पुलिस ने तहसीलदार को पत्र लिखकर प्रमाणित प्रतिलिपियां मांगी हैं।
तहसील कार्यालय से दस्तावेज मंगाकर करेंगे जांच
संख्यिकी अधिकारी बिलासपुर झील जायसवाल ने एनपीजी को बताया की मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन यदि ऐसा कुछ सामने आया है तो यह अत्यंत गंभीर है। नायब तहसीलदार से दस्तावेज मंगवाकर इसकी जांच कराई जाएगी।
