Chhattisgarh News: सहायक शिक्षक भर्ती-हाई कोर्ट ने कहा, राज्य और व्यापम के समक्ष डी.एड डिग्री करना होगा जमा
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश के बाद उप निदेशक लोक शिक्षण संचालनालय ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के मद्देनजर पांचवे चरण की भर्ती के लिए 24 जनवरी 2025 को जारी सूचना को निरस्त कर दिया है। संचालनालय द्वारा सहायक शिक्षक पद की पंचम चरण की भर्ती प्रक्रिया के संबंध में संशोधित सूचना पृथक से जारी करने की बात कही गई है। देखें आदेश...

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश के बाद सहायक शिक्षक भर्ती के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने 24 जनवरी को आदेश जारी कर अभ्यर्थियों के लिए जरुरी सूचना जारी की थी। पांचवे चरण की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद जरुरी निर्देश जारी किया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने पांचवे चरण की भर्ती प्रक्रिया के संंबंध में कोर्ट के निर्देशों का पालन करने की बात कही है।
सहायक शिक्षक के पद पर डीएड डिप्लोमाधारकों की भर्ती करने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने निर्देश जारी किया है। इसी आदेश के मद्देनजर सहायक शिक्षक पद की पंचम चरण की भर्ती प्रक्रिया की काउंसिलिंग एवं दस्तावेज सत्यापन की समय सारिणी संचालनालय, लोक शिक्षण द्वारा 24.01.2025 को जारी किया गया था। भर्ती प्रक्रिया के दौरान दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 03.02.2025 को आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार शासन को निर्देशित किया गया है कि अंतरिम उपाय के रूप में प्रत्येक याचिकाकर्ता को काउंसलिंग कार्यवाही में भाग लेने के लिए अपनी डी.एड डिग्री पर विचार करने के लिए अलग-अलग आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया है।
आवेदन के साथ प्रत्येक याचिकाकर्ता द्वारा राज्य और व्यापम के समक्ष विधिवत प्रमाणित डी.एड डिग्री की प्रति संलग्न की जाएगी, और बदले में राज्य और व्यापम उस पर विचार करेंगे और याचिकाकर्ताओं को उनकी डी.एड डिग्री के आधार पर काउंसलिंग कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देंगे, जिसे 10 फरवरी, 2025 से शुरू किया जाना है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ताओं को उनके डी.एड. डिग्री का उल्लेख करने के लिए आवेदन दाखिल करने के लिए दी गई अंतरिम सुरक्षा है तथा उन्हें उनकी आगे की पात्रता के अनुसार काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि प्रतिवादियों को यह भी निर्देश दिया जाता है कि वे इस न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया में कोई अंतिम आदेश पारित न करें।