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Chhattisgarh News- NPG ने पहले ही कर दिया था अगाह: लाखाें का मुआवजा हड़पने सामान्य मौत को बता दिया सांप ने काटा, वकील डाक्टर सहित पांच पर FIR

Chhattisgarh News-एनपीजी ने 5 मार्च को जशपुर नागलोक का सांप बिलासपुर शिफ्ट, हेडिंग से रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें हमने बताया था कि प्राकृतिक आपदा को कैसे गिरोह में शामिल लोग सांप काटने या फिर बिजली गिरने, दबकर मरने का मामला बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में यह खेला चल रहा है। पीएम करने वाले स्टाफ,वकील,राजस्व महकमा सब मिलजुलकर सरकारी खजाने को जमकर चूना लगा रहे हैं। एनपीजी की रिपोर्ट सच साबित हो रही है। बिलासपुर के ग्राम पोड़ी में ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें सामान्य मौत को सांप काटना बताकर तीन लाख रुपये मुआवजा हड़पने का खेल चल रहा था। पुलिस ने डाक्टर वकील सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।

Chhattisgarh News- NPG ने पहले ही कर दिया था अगाह: लाखाें का मुआवजा हड़पने सामान्य मौत को बता दिया सांप ने काटा, वकील डाक्टर सहित पांच पर FIR
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By Radhakishan Sharma

Chhattisgarh News-बिलासपुर। सांप काटने से मौत होने पर मृतक के परिजनों को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है। बिलासपुर के पोड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। सामान्य मौत को सांप काटना बता दिया। फर्जीवाड़े में मृतक के परिजन, एक वकील और फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉक्टर की संलिप्तता पाई गई। पुलिस ने जांच के बाद पांच आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।

मामला 12 नवंबर 2023 का है। ग्राम पोड़ी निवासी शिवकुमार घृतलहरे की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे पहले बिल्हा सीएचसी और फिर सिम्स अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस व डॉक्टरों को बताया कि उसकी मौत सांप के काटने से हुई है। इस आधार पर शव पंचनामा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तैयार की गई।

मामले में संदेह होने पर एसएसपी राजनेश सिंह ने जांच का निर्देश दिया। जांच में सामने आया कि मृतक के पैर में सर्पदंश का कोई निशान नहीं था। सिम्स के डॉक्टरों ने भी पुष्टि की कि शिवकुमार को शराब और जहर के सेवन के कारण भर्ती किया गया था और मौत का कारण भी शहर और जहर से होना पाया गया था।

जांच में पुलिस को यह भी पता चला कि वकील कामता साहू ने मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए झूठा बयान देने के लिए उकसाया। डॉक्टर प्रियंका सोनी को मौत के बारे में जानकारी होने के बाद भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्पदंश का उल्लेख कर दिया।

पीएम रिपोर्ट के आधार पर मृतक के पिता पराग दास, पत्नी नीता और भाई हेमंत ने तहसील कार्यालय में मुआवजा के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। पुलिस ने इस मामले में षड्यंत्र, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप में कामता साहू, डॉ. प्रियंका सोनी, पराग दास, हेमंत और नीता घृतलहरे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि यह संगठित प्रयास था, जिसका उद्देश्य शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाकर अवैध रूप से लाभ अर्जित करना था। विवेचना जारी है और अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।

0 पहला टारगेट ये, यहां से शुरू होता है खेला

मृतक के परिजनों को अपने भरा से में लेने के बाद मेडिकल स्टाफ पर टारगेट करते हैं। इसमें भी पीएम करने वाले चिकित्सक और स्टाफ। सरकारी खजाना लुटने की यही सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है। शुरुआत यहीं से होता है और खजाना लुटने का अंजाम भी यहीं से पूरा होता है। प्राकृतिक मौत को हादसा बताकर सरकारी खजाना लुटने का खेल सिम्स और जिला अस्पताल के चीरघर से शुरू होता है। आप अंदाज भी नहीं लगा सकते कि जिस जगह पर लोग जाने से कतराते हैं वहां से सरकारी खजाना लुटने का खेल शुरू होता है।

सांप काटने से मौत, पागल कुत्ता के काटने, घर की दीवार गिरी और दबने से मौत और बिच्छू के काटने से मौत। पीएम रिपोर्ट हाथ में लेने के बाद राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में क्षतिपूर्ति के लिए दावा किया जाता है। आपदा प्रबंधन विभाग से परीक्षण के लिए राजस्व विभाग में प्रकरण भेजा जाता है। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर क्लेम का निर्धारण किया जाता है।

0 इन अफसरों को है अधिकार

संभागीय आयुक्त - 15 लाख रूपये से अधिक

कलेक्टर- 15 लाख रूपये तक

अनुविभागीय अधिकारी- 4 लाख रूपये तक

तहसीलदार - 2 लाख रूपये तक

0 क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिए लिमिट तय

सहायता की राशि तहसीलदार के वित्तीय अधिकार की सीमा में है, तो 10 दिन के भीतर सहायता उपलब्ध कराई जायेगी और यदि प्रकरण तहसीलदार के वित्तीय अधिकार की सीमा से अधिक राशि का है, तो अनुविभागीय अधिकारी / कलेक्टर / संभागीय आयुक्त या शासन की स्वीकृति प्राप्त की जायेगी।

0 मुआवजा के लिए यह है जरुरी

ग्रामीण क्षेत्रों में सांप काटने या फिर प्राकृतिक आपदा से मौत के मामले में पंचनामा के आधार पर पटवारी रिपोर्ट तैयार करता है। शहरी इलाकों में इस तरह के मौत के प्रकरणों में पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया है।

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