Chhattisgarh News- NPG इम्पैक्ट: आत्महत्या को बताया सांप काटने से हुई मौत और हड़प लिया चार लाख, 19 महीने बाद कब्र खोद कर निकाला शव...
Chhattisgarh News-NPG ने प्राकृतिक मौत को सांप काटने से मौत बताकर केंद्र सरकार के खजाने पर सेंध लगाने वाले गिरोह के छत्तीसगढ़ में सक्रिय होने और लाखों रुपये हड़पने की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। एनपीजी के इस खुलासे के बाद विधानसभा के बजट सत्र में भी मामला गूंजा था। बेलतरा के विधायक सुशांत शुक्ला ने एनपीजी की खबर का हवाला देते हुए सवाल दागा था और गिरोह का भांडा फोड़ने के लिए जांच की मांग की थी।

Chhattisgarh News- बिलासपुर। एनपीजी ने 5 मार्च को जशपुर नागलोक का सांप बिलासपुर शिफ्ट, हेडिंग से रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें हमने बताया था कि प्राकृतिक आपदा को कैसे गिरोह में शामिल लोग सांप काटने या फिर बिजली गिरने, दबकर मरने का मामला बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में यह खेला चल रहा है। पीएम करने वाले स्टाफ,वकील,राजस्व महकमा सब मिलजुलकर सरकारी खजाने को जमकर चूना लगा रहे हैं। एनपीजी की रिपोर्ट सच साबित हुई है।
मामला मामला 12 नवंबर 2023 का है। बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम पोड़ी निवासी शिव कुमार घृतलहरे से जुड़ा है, जिसने 12 नवंबर 2023 को जहरीला पदार्थ खा लिया था। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई। आरोप है कि वकील कामता साहू ने परिजन को मुआवजा दिलाने का लालच देकर मामले को सर्पदंश का रूप दे दिया। डॉक्टर प्रियंका सोनी की मदद से फर्जी पीएम रिपोर्ट तैयार करवा ली। 9 मई को पुलिस ने डॉक्टर और वकील के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की, जिसने दोबारा पोस्टमार्टम कराने की सिफारिश की। मृतक का शव कब्र खोदकर निकाला गया है। मौत के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम दोबारा पीएम करेगी।
वकील और डॉक्टर पर षड्यंत्र रचने का आरोप
पुलिस जांच में सामने आया कि साजिश का मास्टरमाइंड वकील कामता साहू है। उसने मृतक के परिजन को गुमराह कर झूठा बयान दिलवाया और डॉक्टर के साथ मिलकर फर्जी पीएम रिपोर्ट तैयार करवाई, ताकि सरकार से मुआवजा प्राप्त किया जा सके। इस षड्यंत्र में शामिल वकील और डॉक्टर के खिलाफ पहले ही आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा चुका है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट और फोरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी में अदालत से आदेश लेकर शनिवार को शव की मुक्तिधाम में खुदाई की गई और पोस्टमार्टम के लिए सिम्स के मर्च्यूरी में भेजा गया।
0 पहला टारगेट ये, यहां से शुरू होता है खेला
मृतक के परिजनों को अपने भरा से में लेने के बाद मेडिकल स्टाफ पर टारगेट करते हैं। इसमें भी पीएम करने वाले चिकित्सक और स्टाफ। सरकारी खजाना लुटने की यही सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है। शुरुआत यहीं से होता है और खजाना लुटने का अंजाम भी यहीं से पूरा होता है। प्राकृतिक मौत को हादसा बताकर सरकारी खजाना लुटने का खेल सिम्स और जिला अस्पताल के चीरघर से शुरू होता है। आप अंदाज भी नहीं लगा सकते कि जिस जगह पर लोग जाने से कतराते हैं वहां से सरकारी खजाना लुटने का खेल शुरू होता है।
सांप काटने से मौत, पागल कुत्ता के काटने, घर की दीवार गिरी और दबने से मौत और बिच्छू के काटने से मौत। पीएम रिपोर्ट हाथ में लेने के बाद राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में क्षतिपूर्ति के लिए दावा किया जाता है। आपदा प्रबंधन विभाग से परीक्षण के लिए राजस्व विभाग में प्रकरण भेजा जाता है। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर क्लेम का निर्धारण किया जाता है।
0 इन अफसरों को है अधिकार
संभागीय आयुक्त - 15 लाख रूपये से अधिक
कलेक्टर- 15 लाख रूपये तक
अनुविभागीय अधिकारी- 4 लाख रूपये तक
तहसीलदार - 2 लाख रूपये तक
0 क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिए लिमिट तय
सहायता की राशि तहसीलदार के वित्तीय अधिकार की सीमा में है, तो 10 दिन के भीतर सहायता उपलब्ध कराई जायेगी और यदि प्रकरण तहसीलदार के वित्तीय अधिकार की सीमा से अधिक राशि का है, तो अनुविभागीय अधिकारी / कलेक्टर / संभागीय आयुक्त या शासन की स्वीकृति प्राप्त की जायेगी।
0 मुआवजा के लिए यह है जरुरी
ग्रामीण क्षेत्रों में सांप काटने या फिर प्राकृतिक आपदा से मौत के मामले में पंचनामा के आधार पर पटवारी रिपोर्ट तैयार करता है। शहरी इलाकों में इस तरह के मौत के प्रकरणों में पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया है।
