Chhattisgarh News: होली से पहले गन्ना किसानों को मिली बड़ी सौगात, 5.22 करोड़ रूपए का भुगतान...
Chhattisgarh News: उप मुख्यमंत्री शर्मा ने किसानों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गन्ना किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनके परिश्रम से मिठास घर-घर तक पहुंचती है। सरकार उनकी समृद्धि के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

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Chhattisgarh News: कवर्धा। होली त्योहार के पहले गन्ना किसानों को बड़ी सौगात मिली है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर होली के त्योहार से पहले गन्ना किसानों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना ने 7 मार्च 2025 को 5.22 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया।
पेराई सत्र 2024-25 के दौरान गन्ना किसानों को 315.10 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया गया है। अब तक कारखाने द्वारा कुल 50.21 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जिससे क्षेत्र के हजारों किसानों को सीधा लाभ मिला है। कलेक्टर गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में लगातार यह सुनिश्चित किया जा रहा कि गन्ना किसानों को भुगतान समय पर मिले।भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना द्वारा इस सत्र में कुल 2.78 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की गई, जिससे 2.59 लाख क्विंटल शक्कर का उत्पादन हुआ। यह सफलता क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएगी।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के हक और सम्मान को सर्वोपरि मानती है। हमने सुनिश्चित किया कि होली से पहले किसानों को उनका मेहनताना मिले, ताकि वे खुशी और आत्मनिर्भरता के साथ त्योहार मना सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सरकार के इस कदम से गन्ना किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है। किसान परिवार अब होली को और हर्षोल्लास के साथ मना सकेंगे।
उप मुख्यमंत्री शर्मा ने किसानों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गन्ना किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनके परिश्रम से मिठास घर-घर तक पहुंचती है। सरकार उनकी समृद्धि के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को उनके परिश्रम का पूरा मूल्य मिले और वे आर्थिक रूप से सशक्त बनें। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे प्रयासों से उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो रही है। यह भुगतान किसानों के लिए न केवल एक आर्थिक राहत है, बल्कि होली के त्यौहार की मिठास को और बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।