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Chhatisgarh Mansoon session 2024: PSC के पूर्व चेयरमैन टॉमन सिंह ने CEO रहने के दौरान भी किया था भ्रष्टाचार, दोष सिद्ध भी हुआ, CM ने...

Chhatisgarh Mansoon session 2024: पीएससी भर्ती फर्जीवाड़े में चर्चा में रहे विवादित पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टॉमन सिंह सोनवानी आईएएस की सेवा के दौरान भी दागी रहें हैं। उनके खिलाफ पूर्व में भी भ्रष्टाचार के मामले में जांच व आरोपों की पुष्टि हुई हैं। जिसके चलते उन्हें दंडित भी किया गया है।

Chhatisgarh Mansoon session 2024: PSC के पूर्व चेयरमैन टॉमन सिंह ने CEO रहने के दौरान भी किया था भ्रष्टाचार, दोष सिद्ध भी हुआ, CM ने...
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By Sandeep Kumar

Chhatisgarh Mansoon session 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के विवादों में आने के बाद विवादित रहे पीएससी अध्यक्ष टॉमन सिंह सोनवानी अपनी आईएएस की सेवा के दौरान भी दागी रहे थे। परिवार के कई सदस्यों के चयन के बाद छत्तीसगढ़ पीएससी में देशभर में सुर्खियां बटोरी थी। अब उनके सेवाकाल के दौरान हुए एक घोटाले के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह लिखित जानकारी दी है। उन्हें सजा 3 जुलाई 2019 को कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान दी गईं थीं।

विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल पूछा कि क्या वर्ष 2012 से वर्ष 2014 के समय अंतराल में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जांजगीर चांपा के विरुद्ध महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं अन्य योजना में अनियमितता के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कोई जांच की थी? जांच में कौन-कौन से बिंदु सही पाए गए थे? क्या पंचायत में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन तथा अपील नियम 8 के तहत जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को समुचित कार्यवाही के लिए लिखा गया है? यदि हां तो जांच अधिकारी कौन थे और विभागीय प्रस्तुत कर्ता अधिकारी कौन थे? जांच सही पाई गई या गलत पाई गई? यदि जांच सही पाई गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

जिसके जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि हां जांच की गई थी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा 7 अगस्त 2014 को जारी आदेश के तहत राज्य के ऐसे 9 ग्राम पंचायत जिनके द्वारा वर्ष 2014-15 में जुलाई 2014 तक राशि 1 करोड रुपए से अधिक व्यय किया गया है जिसकी जांच के लिए तीन जांच स्थल गठित किया गया था जिसमें जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा विकासखंड के चार तथा पामगढ़ विकासखंड के दो ग्राम पंचायत की जांच के लिए आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा और मुख्य अभियंता एवं राज्य गुणवत्ता समन्वयक, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क अभिकरण, रायपुर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था।

इस प्रकरण में उल्लेखित 6 ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों,जनपद पंचायत माल खरौदा एवं जिला पंचायत के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा योजना के दिशा निर्देश व शासकीय निर्देशों का खुला उल्लंघन किया गया एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया। जांच प्रतिवेदन में प्रशासकीय राशि स्वीकृति करने वाले अधिकारी द्वारा जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से नहीं किए जाने का भी उल्लेख किया गया है।

जांच हेतु विभागीय जांच आयुक्त रायपुर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। अपर आयुक्त महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना रायपुर को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था। विभाग द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जांजगीर चांपा टॉमन सिंह सोनवानी के विरुद्ध 12 आरोप अधिरोपित किए गए थे। जिनमें से तीन प्रमाणित पाए गए। इसके अलावा तीन आंशिक रूप से प्रमाणित पाए गए है।

प्रमाणित आरोप

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की हैसियत से 13 वें वित्त आयोग अंतर्गत जिले को प्राप्त आवंटन के रूप कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना था। परंतु सोनवानी के द्वारा प्राप्त आवंटन से अधिक राशि के स्वीकृति आदेश जारी कर दिए गए जो अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के तहत कदाचार किस श्रेणी में आता है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की हैसियत से सोनवानी का दायित्व था कि 13वें वित्त आयोग मद हेतु उच्च समिति द्वारा अनुमोदित कार्य योजना एवं शासन के निर्देशों का पालन करते हुए कार्यों की स्वीकृति दिया जाता है। परंतु 13 वें वित्त आयोग मद हेतु राज्य अधिकार समिति द्वारा अनुमोदित वार्षिक कार्य योजना एवं राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देश अनुसार मदवार प्रतिशत के आधार पर राशि की स्वीकृति ना कर अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से मनमानी पूर्ण सोनवानी के द्वारा अधोसरंचना निर्माण कार्य के अधिकतर कार्य स्वीकृत किए गए। जो कदाचरण की श्रेणी में आता है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की हैसियत से सोनवानी का दायित्व था कि जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में 13वें वित्त आयोग अंतर्गत सदस्यों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृति आदेश जारी किया जाता है परंतु सोनवानी के द्वारा जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक दिनांक 11 जून 2014 में 13वें वित्त आयोग योजना अंतर्गत सदस्यों के प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर प्राथमिकता क्रम से अनुमोदन के आधार पर स्वीकृति आदेश जारी करने के निर्देश का पालन नहीं किया। जो कदाचरण की श्रेणी में आता है

सजा

प्रकरण में सामान्य प्रशासन के आदेश दिनांक 3 जुलाई 2019 के द्वारा टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला जांजगीर चांपा के विरुद्ध 1 वर्ष की अवधि के लिए समय वेतनमान में एक स्तर से निचले स्तर में कटौती आगे इन निर्देशों के साथ की सेवा के सदस्य ऐसी कटौती की अवधि के दौरान वेतन वृद्धि अर्जित नहीं करेंगे और इस अवधि की समाप्ति पर कटौती का उनकी भी वेतन वृद्धियों को स्थगित करने पर प्रभाव नहीं पड़ेगा किए जाने की शास्ती अधिरोपित की गई है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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