Chhattisgarh Me Tin Ka Utpadan: पूरे देश में छत्तीसगढ़ में ही पाया जाता है यह खनिज, जानिए प्राकृतिक संपदा के बारे में...
Chhattisgarh Me Tin Ka Utpadan: जब भारत में टिन उत्पादन की बात आती है तो छत्तीसगढ़ का नाम पहले और एकमात्र विकल्प के रूप में लिया जाता है।

Chhattisgarh Me Tin Ka Utpadan: छत्तीसगढ़ अपनी खनिज संपदा और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है यह राज्य खनिज संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है इन खनिजों में टिन अयस्क का विशेष स्थान है इसके उत्पादन में छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में एकाधिकार स्थापित किया है जब भारत में टिन उत्पादन की बात आती है तो छत्तीसगढ़ का नाम पहले और एकमात्र विकल्प के रूप में लिया जाता है।
छत्तीसगढ़ में टिन का उत्पादन
देश में जितना भी टिन का उत्पादन होता है वह संपूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ से ही आता है। यह स्थिति राज्य को टिन उत्पादन के मामले में एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है। भारत के कुल टिन अयस्क भंडार का लगभग एक तिहाई से अधिक हिस्सा छत्तीसगढ़ में स्थित है। छत्तीसगढ़ में टिन अयस्क का भंडार लगभग 30 मिलियन टन उपलब्ध है, जबकि राष्ट्रीय खनिज भंडार में 35.83 प्रतिशत का योगदान शामिल है।
छत्तीसगढ़ में ही क्यों पाया जाता है टीन
छत्तीसगढ़ में पाया जाने वाला टिन अयस्क मुख्य रूप से कैसिटराइट के रूप में उपलब्ध है। यह टिन का प्राथमिक खनिज रूप है जिससे धातु का निष्कर्षण किया जाता है। यहाँ का टिन अयस्क लेपिडोलाइट असर वाले पेगमाटाइट चट्टानों से संबंधित है। ये पेगमाटाइट संरचनाएं न केवल टिन के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि अन्य दुर्लभ खनिजों का भी स्रोत हैं। इन पेगमाटाइट संरचनाओं में कोलम्बाइट और टैंटलाइट जैसे खनिज भी पाए जाते हैं।
प्रमुख उत्पादन केंद्र
छत्तीसगढ़ में टिन उत्पादन का मुख्य केंद्र दंतेवाड़ा और सुकमा जिला है। यह जिला राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है और खनिज संपदा की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। दंतेवाड़ा में कई महत्वपूर्ण टिन उत्पादन क्षेत्र हैं जिनमें गोविंदपाल-तोंगपाल क्षेत्र सबसे प्रमुख है। यह क्षेत्र न केवल उत्पादन की मात्रा में बल्कि अयस्क की गुणवत्ता (क्वालिटी) में भी आगे है।
कटेकल्याण क्षेत्र में 13395 टन टिन अयस्क का संचित भंडार है। यह क्षेत्र अपनी विशिष्ट भूगर्भीय संरचना के कारण टिन उत्पादन के लिए अनुकूल है। बचेली और नरेली क्षेत्रों में संयुक्त रूप से 3740 टन टिन अयस्क का भंडार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी छत्तीसगढ़ ने देश के संपूर्ण टिन उत्पादन में शत-प्रतिशत योगदान दिया।
सी.एम.डी.सी. द्वारा टिन अयस्क का क्रय अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की सहकारी समितियों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान छत्तीसगढ़ में किया गया है। टिन का उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य पैकेजिंग और मिश्र धातु निर्माण प्रमुख हैं।
अन्य खनिज संसाधन
छत्तीसगढ़ केवल टिन उत्पादन तक ही सीमित नहीं है। राज्य कोयला, लौह अयस्क और डोलोमाइट का भी प्रमुख उत्पादक है। बॉक्साइट, चूना पत्थर और क्वार्टजाइट के विशाल भंडार भी राज्य में उपलब्ध हैं। कोरबा जिला तो भारत की शक्ति राजधानी के रूप में विख्यात है जहाँ अनेक ताप विद्युत संयंत्र स्थापित हैं।
