Begin typing your search above and press return to search.

छत्तीसगढ़ में सुरक्षित होता छात्रों का भविष्य, 15 प्रयास विद्यालयों में पढ़ रहे हैं 5254 छात्र, 9 वीं से 12 वीं के स्टूडेंट्स को दी जा रही प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग

छत्तीसगढ़ सरकार ने छात्रों के भविष्य को लेकर कई फैसले किया है। इनमें एक प्रयास विद्यालय और कोचिंग सुविधा भी शामिल है।

छत्तीसगढ़ में सुरक्षित होता छात्रों का भविष्य,
X

vishnudeo sai

By Sandeep Kumar

रायपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों तथा नक्सल हिंसा में पीड़ित विद्यार्थियों का जीवन संवर रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार आस्था और प्रयास आवासीय विद्यालय के माध्यम से प्रदेश के संपूर्ण अनुसूचित क्षेत्र सहित गैर अनुसूचित क्षेत्र में नक्सल प्रभावित जिले के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों के जीवन में स्थिरता प्रदान करने में सफलता पाई है। इसे राज्य में आस्था और प्रयास आवासीय विद्यालय का उद्देश्य सार्थक हो रहा है। छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, कांकेर, कोरबा तथा जशपुर सहित 12 जिलों में संचालित प्रयास विद्यालयों में 5254 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इनमें 2891 बालक और 2367 बालिकाएं शामिल है। नक्सल हिंसा से अनाथ हुए बच्चों के लिए आस्था आवासीय विद्यालय संचालित की जाती है।

उल्लेखनीय है कि वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थीयों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चत करने हेतु मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना संचालित है इस योजना के घटक में आस्था, प्रयास एवं सहयोग शामिल हैं। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्र सहित गैर अनुसूचित क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जिले के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विद्यार्थियों सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, आवास, भोजन, खेल एवं मनोरंजन आदि की सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। कक्षा 9वीं से 12वीं तक विद्यार्थियों को शालेय शिक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग मेडिकल, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, एनटीएसई, सीए, सीएस, सीएमए, क्लैट इत्यादि प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान कर इन विद्यार्थियों के स्वयं के प्रतिभा के बल पर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हेतु योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

वर्तमान में दंतेवाड़ा जिले में आस्था गुरूकुल आवासीय विद्यालय संचालित है। इस विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, खेल एवं मनोरंजन आदि की सुविधाएं दी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान सर्वप्रथम वर्ष 2010 में राजधानी रायपुर में 200 सीटर प्रयास आवासीय विद्यालय स्थापित किया गया था। इन विद्यालयों में निजी कोचिंग संस्थाओं को ‘रूचि की अभिव्यक्ति‘ के माध्यम से चयन कर अध्यापन एवं कोचिंग का कार्य कराया जाता है, जिससे विद्यार्थी प्रारंभ से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जागरूक होकर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें। वर्तमान में राज्य में 15 आवासीय विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में 5254 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इनमें 2891 बालक और 2367 बालिकाएं शामिल है। राजधानी रायपुर स्थित प्रयास विद्यालयों में ही 884 विद्यार्थी अध्ययरत है।

हर संभव मदद कर रही सरकार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तथा कमजोर वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थीयों को उच्च श्रेणी के शैक्षिणिक संस्थाओं में प्रवेश करा कर उनके जीवन में स्थायित्व प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने हाल ही में राजधानी रायपुर सड्डू स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय में नवादिम नाम से कम्प्यूटर लैब का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी के साथ अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के निर्माण का सपना जुड़ा होता है। विद्यार्थियों को भी अपने माता-पिता तथा रिश्ते-नातेदारों के सपने को साकार करने के लिए शांत मन से अर्जुन की भांति केवल चिड़िया के नेत्र को केन्द्र में रखकर लक्ष्य को भेदने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रयास में राज्य सरकार भी हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है।

आईआईटी, एनआईटी में मिला एडमिशन

रायपुर प्रयास आवासीय विद्यालय के 122 विद्यार्थी आईआईटी, 356 विद्यार्थी एनआईटी तथा 70 विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है। इस वर्ष आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 06 अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है, जो पहले प्रयास विद्यालय में रह कर पढ़ाई कर चुके हैं। इसी प्रकार यहां 9वीं, 10वीं के शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को एनटीएसई, ओलंपियाड, गणित एवं विज्ञान पहेली की तैयारी कराई जा रही है, ताकि इससे इंजीनियरिंग एवं मेडिकल (नीट) की बेसिक तैयारी कराई जा सके। इसी तरह 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को जेईई (मेंस/एडवांस) की तैयारी कराई जा सके। वर्तमान में 173 विद्यार्थियों को जेईई मेंस और 61 विद्यार्थियों को एनडीए प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराया जा रहा है।

सौ प्रतिशत 10 वीं, 12 वीं का रिजल्ट

प्रयास विद्यालय का 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम लगभग शत्-प्रतिशत रहा है। वर्ष 2024 में 10वीं में 174 विद्यार्थी में से 123 विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे। इनमें 74 विद्यार्थी 90 प्रतिशत से भी अधिक अंक अर्जित किए। वहीं कक्षा 12वीं में 95 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए तथा जेईई मेंस में 62 विद्यार्थी क्वालीफाई हुए तथा इन 62 विद्यार्थियों में 33 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस क्वालीफाई किया। इसी तरह यहां के विद्यार्थियों ने आईआईटी में 05, एनआईटी में 04 तथा ट्रिपल आईटी में 09 विद्यार्थी ने प्रवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है।

सड़क मार्ग से पहुंची बोर्ड परीक्षा की गोपनीय सामग्री

छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना और सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का एक और सकारात्मक पहलू देखने को मिला है। जहां पहले नक्सली खतरे के कारण जगरगुंडा जैसे अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से बोर्ड परीक्षा की गोपनीय सामग्री भेजी जाती थी, वहीं इस बार पहली बार सड़क मार्ग से यह सामग्री सुरक्षित रूप से पहुँचाई गई। सड़क मार्ग से परीक्षा सामग्री की सुरक्षित आपूर्ति सिर्फ एक प्रशासनिक सफलता नहीं, बल्कि यह बस्तर में बढ़ती सुरक्षा और शांति की झलक है। यह सिर्फ परीक्षा सामग्री पहुँचने की बात नहीं, बल्कि बस्तर अंचल में सुरक्षा और विश्वास की एक नई सुबह की दस्तक है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मार्च के पहले सप्ताह से आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए 18 परीक्षा केंद्रों में गोपनीय सामग्री भेजी गई।

इनमें से 15 केंद्र संवेदनशील और 3 अति संवेदनशील घोषित किए गए थे। बावजूद इसके, प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इतने आत्मविश्वास और नियंत्रण की स्थिति बनी कि पहली बार जगरगुंडा तक सड़क मार्ग से परीक्षा सामग्री भेजी गई। बस्तर के सुदूर इलाकों में वर्षों तक नक्सली गतिविधियाँ बड़ी चुनौती बनी रहीं। लेकिन शासन-प्रशासन और सुरक्षा बलों के सतत प्रयासों से अब हालात तेजी से बदल रहे हैं। पहले जहाँ नक्सली खतरे के चलते जगरगुंडा में हवाई मार्ग से ही आवश्यक सामग्रियाँ भेजनी पड़ती थीं, वहीं अब सड़क मार्ग से सामग्री का सुरक्षित पहुँचाना इस बात का प्रमाण है कि इलाके में कानून व्यवस्था सुदृढ़ हो रही है।

पुलिस और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से सड़कों का विस्तार, सुरक्षा बलों की तैनाती और विकास कार्यों के चलते बस्तर अब नई राह पर आगे बढ़ रहा है। सभी 18 परीक्षा केंद्रों के लिए परीक्षा सामग्री निकटतम पुलिस थानों और चौकियों में सुरक्षित रखी गई है, जिससे परीक्षाओं को सुचारू रूप से संपन्न कराया जा सके। इस वर्ष हाई स्कूल पाकेला और हाई स्कूल तालनार को दो नए परीक्षा केंद्र के रूप में शामिल किया गया है। इस पूरे अभियान के दौरान माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर से आए अधिकारियों श्री मोहम्मद फिरोज, श्री नारायण नेताम, जिला शिक्षा अधिकारी जी आर मंडावी, समन्वयक केंद्र प्राचार्य पी. अनिल कुमार समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी और केंद्राध्यक्ष उपस्थित रहे।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story