छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से बिजली का बिल हुआ जीरो, उपभोक्ताओं को बड़ी राहत...
Chhattisgarh News: प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति की मिसाल बन चुकी है। इस योजना ने न केवल आर्थिक राहत दी है, बल्कि आम लोगों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रेरित किया है।

Chhattisgarh News: रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति की मिसाल बन चुकी है। इस योजना ने न केवल आर्थिक राहत दी है, बल्कि आम लोगों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रेरित किया है।
कोरबा जिले के राजेंद्र प्रसाद नगर निवासी सेवानिवृत्त बालको कर्मचारी शुभेंदु घोष इस योजना की सफलता की जीवंत मिसाल हैं। पर्यावरण प्रेमी और ऊर्जा संरक्षण के प्रति सजग घोष ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस योजना की जानकारी प्राप्त की और तीन किलोवाट का रूफटॉप सोलर पैनल अपने घर पर स्थापित कर ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया।
घोष को इस पहल के लिए केंद्र सरकार से ₹78,000 की सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे सोलर पैनल की लागत का बड़ा हिस्सा वहन हुआ। पैनल लगने के बाद उनका बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है और कभी-कभी यूनिट माइनस में चले जाते हैं। उनके द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली ग्रिड में ट्रांसफर होती है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी हो रहा है।
घोष का कहना है, सूर्य की ऊर्जा अनमोल और निःशुल्क है। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि भावी पीढ़ी के लिए जिम्मेदार विकल्प भी है। अब समय आ गया है कि हम पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से हटकर नवीकरणीय विकल्पों को अपनाएं।
सिर्फ खुद तक सीमित न रहकर घोष ने अपने अनुभवों को आसपास के लोगों से साझा किया और उन्हें भी इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। परिणामस्वरूप, उनके प्रेरणा से कई परिवारों ने योजना में आवेदन कर सौर ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाया है।
घोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, यह योजना न केवल बिजली बिल को शून्य करने का माध्यम है, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए योगदान देने का अवसर भी है। यह एक क्रांतिकारी पहल है, जो देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है। ऐसा आंदोलन, जो हर घर को रोशन कर रहा है, हर जेब में बचत ला रहा है, और हर नागरिक को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर दे रहा है।
पीएम सूर्यघर योजना बनी राहत की किरण
गर्मियों के मौसम में जब आमतौर पर बिजली बिल लोगों की जेब पर बोझ बन जाते हैं, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने आम उपभोक्ताओं को इस चिंता से बड़ी राहत दी है। इस योजना के तहत घरों की छत पर लगाए जा रहे रूफटॉप सोलर पैनल न सिर्फ बिजली बिल को शून्य तक पहुंचा रहे हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को ऊर्जा उत्पादक बनाकर अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी बन रहे हैं।
ऐसा ही एक उदाहरण रायगढ़ के कोड़ातराई निवासी सतीश कुमार चौधरी का है, जिन्होंने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया है। इस पर उन्हें 78 हजार रुपये की सरकारी सब्सिडी प्राप्त हुई। चौधरी बताते हैं कि पहले गर्मियों के दौरान अप्रैल और मई में उनका बिजली बिल क्रमशः 2430 और 3220 रूपए तक आता था। लेकिन इस वर्ष जब उनके घर पर सोलर सिस्टम ने उत्पादन शुरू किया, तो अप्रैल 2025 में उनका बिजली बिल माइनस 921 रूपए और मई में माइनस 1077 रूपए रहा।
इसका मतलब यह है कि उनके घर में इतनी बिजली उत्पन्न हुई कि न केवल घरेलू खपत की पूर्ति हुई, बल्कि अतिरिक्त बिजली विद्युत ग्रिड को सप्लाई कर दी गई, जिसके बदले उतनी राशि उनके बिल में कटौती के रूप में जुड़ गई। अब वह राशि भविष्य की बिजली खपत के लिए उपयोग में लाई जा सकेगी। चौधरी ने इसे किफायती बिजली का सबसे कारगर उपाय बताया और लोगों से इस योजना का लाभ लेने की अपील भी की।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक दूरदर्शी पहल है, जो देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की दिशा में आगे ले जा रही है। यह योजना उपभोक्ताओं को न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्त करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और नवीन रोजगार सृजन का भी अवसर प्रदान करती है।
इस योजना के तहत 1 से 3 किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर संयंत्रों पर केंद्र और राज्य सरकार से अधिकतम 1.08 लाख रूपए तक की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे अब सोलर पैनल लगवाना आम लोगों के लिए किफायती और आसान हो गया है। रूफटॉप सोलर सिस्टम नेट मीटरिंग प्रणाली के जरिए विद्युत ग्रिड से जोड़े जाते हैं। इस प्रणाली के अंतर्गत जब उपभोक्ता आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं, तो वह अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को भेज सकते हैं। इसके बदले उपभोक्ताओं को उनकी यूनिट के मूल्य के अनुरूप राशि बिल से माइनस कर दी जाती है या अगली बार उपयोग के लिए जमा हो जाती है।
इस योजना ने छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में हजारों परिवारों को बिजली के बढ़ते खर्च से राहत दी है। साथ ही, पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा विकल्प को अपनाने की दिशा में प्रेरित किया है। यह वास्तव में एक ऊर्जा क्रांति है, जिसमें उपभोक्ता अब केवल ग्राहक नहीं, बल्कि साझेदार भी बन रहे हैं।
जीरो पर पहुंचा बिजली का बिल, सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे घर
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। इस योजना से न केवल घर रोशन हो रहे हैं, बल्कि हर महीने बिजली के बिल की बचत से लोगों के चेहरे भी दमक रहे हैं। छत पर सोलर ऑन-ग्रिड प्लांट की स्थापना से कई परिवारों में बिजली का बिल शून्य आ रहा है। जीरो बिजली बिल ने कई परिवारों को खुशियों की वजह दे दी है।
जिला मुख्यालय कांकेर के बरदेभाठा निवासी कांति गंजीर ने तीन किलोवॉट का सोलर ऑन-ग्रिड प्लांट अपनी छत पर लगवाया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत छत पर ही बिजली घर बनाया है, जिससे पिछले तीन महीनों से घर में बिजली का बिल शून्य आ रहा है। योजना के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान ने सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन को और भी किफायती बना दिया है। इससे कई परिवारों को मुफ्त बिजली मिल रही है।
कांकेर के चारामा विकासखण्ड के ग्राम दरगहन की चित्ररेखा सुकदेवे ने भी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अपने घर की छत पर सोलर प्लांट लगवाया है। वह कहती है कि सौर ऊर्जा ने हमें घर की बिजली की जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर बना दिया है, सरकार की मदद से यह संभव हुआ है। सौर ऊर्जा से अपने घर को रोशन कर रहे कांकेर के अलबेलापारा के कैलाश मंडावी ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से घर में बिजली की अच्छी-खासी खपत के बाद भी पिछले तीन महीने से बिल जीरो आ रहा है। बिजली पर हमें एक रुपए भी खर्च नहीं करना पड़ रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा को घर की छत पर ही विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित कर बिजली उपभोक्ताओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इस योजना का लाभ लेने वाले नागरिकों को केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिससे इसकी लागत काफी कम पड़ रही है।
