छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन से शुद्ध पानी के साथ सुगम हुई बेटियां और महिलाओं की जिंदगी, अब घर में ही पानी
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन से महिलाओं का न केवल समय बच रहा है बल्कि शुद्ध पानी घर में ही मिल जा रहा। इससे जल जनित बीमारियां पर लगाम लग रहा है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन का काम काफी तेज गति से संचालित हो रहा है। इससे महिलाओं और बेटियों की जिंदगी सुगम हो गई है। बेटियों और महिलाओं को घर से दूर जाकर पानी के लिए लंबी लाईन नहीं लगानी पड़ रही।
मोदी सरकार ने देश के सभी गांवों में हर घर तक साफ और सुरक्षित पानी पहुंचाने की संकल्पना के साथ 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य भारत के ग्रामीण इलाकों में नल के जरिये स्वच्छ जल पहुँचाना है। मोदी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार ग्रामीणजनों को शुद्ध और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
जल जीवन मिशन योजना माहिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है, क्यांकि घर में पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी आमतौर पर महिलाओं की होती है। पानी की व्यवस्था के लिए महिलाओं को लंबी दूरी तय करने के साथ-साथ समय भी जाया करना पड़ता था। घर मे नल से जल उपलब्ध होने से शारीरिक थकान से मुक्ति मिलेगी और जो समय बचेगा उसका उपयोग किसी अन्य कार्य को करने में किया जाएगा।
जल जीवन मिशन के तहत् नल जल योजना से रायपुर जिले के धरसींवा विकासखंड के ग्राम नकटी में जल उत्सव का आयोजन किया गया। ग्राम पंचायत के सरपंच कुमुद टण्डन ने बताया कि अब गांव के सभी परिवार को शुद्ध पेयजल मिलने लगा है। उनका कहना है कि पूर्व में कुएं और हैंड पंप से पानी भरना पड़ता था, जिसमें अतिरिक्त मेहनत के साथ ही काफी समय व्यय होता था। पानी की शुद्धता भी बहुत अच्छी नहीं रहती थी। प्रदेश सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के तहत् घर-घर नल से जल पहुंचाने की पहल से हमारे तथा हमारे परिवार तथा गांव की अन्य परिवारों की समस्याओं का निदान हो गया है। निश्चित समय पर नल से पानी आ जाता है। इस व्यवस्था से हम निश्चित रूप से अपनी दैनिक दिनचर्या एवं व्यवसाय भी कर पायेंगे।
पूर्णिमा टण्डन, कुन्ती साहू, चमेली साहू और सोनी बंजारे सहित गांव की अनेक महिलाओं ने जल जीवन मिशन के तहत् घर में नल कनेक्शन देने तथा समय पर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और राज्य के मुखिया विष्णु देव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
डोंगी की बदली सूरत
जिला मुख्यालय से लगभग 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटा ब्लॉक का आश्रित गांव डोंगी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह छोटा सा गांव है जिसमें 80 परिवार रहते हैं। जल जीवन मिशन आने के पूर्व इस ग्राम के लोगों को शुद्ध पेय जल की समस्या हमेशा बनी रहती थी। डोंगी के लोगों को पीने के पानी के लिए हैण्डपंप पर निर्भर रहना पड़ता था ऐसी परिस्थितियों में महिलाओं के लिए चुनौती बढ़ जाती थी। जल जीवन मिशन योजना का सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को हुआ है। महिलाएं दूर जाकर हैण्ड पंप से पानी लाने का संघर्ष करती थी। जल जीवन मिशन से उन्हे इन समस्याओं से छुटकारा मिल गया है। उनके समय और श्रम दोनों की बचत हो गई है। डोंगी में 80 परिवारों को घर में नल से पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। हैण्ड पंप पर निर्भरता खत्म हो गई है।
लाईन से छुटकारा
ग्राम पंचायत डोंगी के ग्रामीण और महिलाओं के लिए जल जीवन मिशन योजना किसी वरदान से कम नही है। महिलाओं को घंटो लगने वाली लाईन से छुटकारा मिल गया है। पहले डोंगी में बरसात में गंदा पानी निकलने की समस्या और गर्मी के दिनों में भू जल स्तर में गिरावट की समस्या के कारण हैण्डपंप से भी पानी नहीं मिल पाता था, तब गांव में हैण्डपंप होने के बाद भी पेजल संबंधित समस्या बनी रहती थी। अब जल जीवन मिशन के तहत पुरे डोंगी गांव में 80 टेप नल कनेक्शन दिए जाने के लिए 20,000 लीटर का स्टील स्ट्रक्चर जलागार का निर्माण किया गया है। कार्य पूर्ण होने पर ग्राम डोंगी के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति की खुशी में हर घर जल उत्सव मनाया गया एवं डोंगी को हर घर जल ग्राम घोषित किया गया। अब डोंगी के लोगों को पेयजल संबंधित समस्या से निजात मिल गया है। घरों तक नल का पानी पहुंचने से लोग खुश हैं।
हितग्राही धनकुंवर ने बताया कि पहले पानी भरने के लिए उन्हें दूसरे मोहल्ले जाना पड़ता था। वहां लोगों की बहुत भीड़ हुआ करती थी जिसके कारण पानी भरने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती थी और बहुत थकान हो जाती थी। लेकिन अब जल जीवन मिशन योजना से घर पर ही शुद्ध पेयजल मिल रहा है जिससे मैं बहुत खुश हूं। उन्होंने बताया कि अब मेरे श्रम और समय दोनों की बचत हो रही है। गांव के चंद्रकुमार साहू ने बताया कि जल जीवन मिशन से पूर्व उन्हे पेयजल के लिए हैण्डपंप पर निर्भर रहना पड़ता था और अपनी बारी के इंतजार में बहुत समय बीत जाता था जिससे वे अपने घरेलू कार्य एवं कृषि कार्य करने में पिछड़ जाते थे और कई महत्वपूर्ण कार्य समय के कमी के कारण चुक जाता था। जल जीवन मिशन के तहत अब घर पर ही टेप नल लगाये जाने से पानी भरने हेतु हैण्डपंप पर निर्भर नहीं होना पड़ता, अब सारा काम समय पर हो जाता है।
दूरस्थ वनांचल ग्रामों में जल जीवन मिशन पूरा होने से गांव की तस्वीर बदल रही है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल के दूरस्थ ग्राम राजादेवरी में अब लोगों को पीने के लिए घर में ही स्वच्छ जल मिलने लगा है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस मिशन का उद्देश्य हर घर तक नल द्वारा स्वच्छ और सुरक्षित पानी पहुँचाना है, जिससे ग्रामीण जीवन में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। गांव वालों से चर्चा करते हुए जल जीवन मिशन के राजकुमार कोशले ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत, सिंगल विलेज योजना अन्तर्गत गांवों में नल-जल योजनाएं स्थापित की गई हैं, जिससे गांव के लोगों को स्वच्छ पानी प्राप्त हुआ है। स्वच्छ पानी की उपलब्धता से जल जनित बीमारियों में कमी आई है, जिससे ग्रामीणजनों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। पानी लाने में लगने वाला समय बचाने के कारण महिलाओं को अन्य कार्यों में भाग लेने का अवसर मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है।
आर्थिक समृद्धि
मिशन के अंतर्गत जल संरक्षण और कुशल उपयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम सतत चलाए जा रहे हैं, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बताया कि जल जीवन मिशन ने न केवल पेयजल की समस्या का समाधान किया है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और आर्थिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। हमारा लक्ष्य है कि सभी गांवों में पर्याप्त और स्वच्छ पेयजल उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए, ताकि हर नागरिक का जीवन बेहतर हो सके।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में राज्य के गांवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। विभिन्न विभागों की योजनाओं से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् 56 जरूरतमंद परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं और 483 परिवारों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए हैं।
कोरबा जिले के विकासखण्ड कोरबा, ग्राम पंचायत माखुरपानी के वनांचल ग्राम बिश्रामपुर जो जिला मुख्यालय से लगभग 28 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, इस ग्राम की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी अनुसूचित जनजाति की है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम में राशि रू. 29.64 लाख की सोलर पंप आधारित योजना की स्वीकृति जिला जल एवं स्वच्छता मिशन कोरबा द्वारा की गई थी। इस योजना के अंतर्गत ग्राम में 01 नग सोलर पंप की स्थापना कर 26 घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किये गये है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन अंतर्गत “हर घर जल“ पहुंचने से ग्राम में खुशी का माहौल व्याप्त है। ग्राम की महिला हितग्राही ब्रीज कुंवर एवं जानकी बाई ने बताया कि अब उन्हें घर में ही पेयजल उपलब्ध हो रहा है। पूर्व में उन्हें ग्राम में स्थापित हैण्डपंप से पानी लाकर जीविका उपार्जन करते थे।
इससे उन्हें काफी श्रम लगने के साथ-साथ समय भी नष्ट होता था, अब समय बचने से अन्य कार्य कर लेती है। जल जीवन मिशन के आने से अब यह समस्या दूर हो गई है। योजना का सफल क्रियान्वयन में ग्राम के सरपंच तथा ग्राम वासियों की सक्रिय सहभागिता रही है। हर घर में नल कनेक्शन पहुंचने एवं सुचारू रूप से नल से जल उपलब्ध होने से ग्राम बिश्रामपुर में पेयजल संकट से ग्रामवासियों को निजात मिल गया है। योजना का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात 02.10.2024 को ग्राम पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम की सरपंच बहोरन मंझवार, सचिव सुरेश तंवर, पंचगण एवं ग्रामीण जन मुकेश, इतवार सिंह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से उप अभियंता एस. एन कंवर, जिला समन्वयक राबिन एक्का, गोविंद निषाद समेत बड़ी संख्या में ग्रामवासी की उपस्थिति में हर घर जल उत्सव मनाया गया साथ ही योजना का हस्तांतरण ग्राम पंचायत को किया गया।
गांवों की समस्याएं दूर हो रहीं
जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घुघरी जिला मुख्यालय जशपुर से 93 किलोमीटर दूर स्थित है। इस गांव में पंचायत की बैठकों में गांव की समस्याओं का समाधान नियमित रूप से किया जा रहा है। गांव में 567 लोगों का राशन कार्ड बनाया गया हैं जिनमें 37 एपीएल कार्ड, 407 बीपीएल कार्ड शामिल हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 216 बच्चों को पोषण आहार का लाभ मिल रहा है। धात्री और गर्भवती महिलाओं के लिए भी पूरक पोषण आहार की व्यवस्था की गई है। सामाजिक सुरक्षा के लिए 342 लोगों को पेंशन योजनाओं से जोड़ा गया है। महिला सशक्तिकरण के उददेश्य से 36 स्व-सहायता समूहों का गठन कर 412 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है।
घुघरी निवासी मंगरी बाई ने बताया कि उन्हें हर महिना 500 रूपए पेंशन मिलती है। उसी पैसे से अपना जीवन यापन करती हैं। परिवार के पालन पोषण करने में सहायता मिल रही हैं। विनोद राम ने बताया कि मनरेगा में गांव के लोग काम करने जाते हैं। गांव के लोगों का जॉब कार्ड बना है। मनरेगा में कार्य करके उनके परिवार के लोग मिलकर 28 हजार रूपए तक कमा लेते हैं, इससे घर परिवार अच्छी तरह से चल रहा है।