Baghel vs OP Chaudhary: छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान, भूपेश बघेल की ‘कहानी डकैत’ पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी का तीखा पलटवार, देखें क्या लिखा?
Baghel vs OP Chaudhary: छत्तीसगढ़ में जमीन गाइडलाइन दरों के बदलाव पर राजनीति तेज। भूपेश बघेल की कहानी वाले हमले पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी का कड़ा पलटवार। जानें पूरे विवाद का राजनीतिक अर्थ।

गाइडलाइन दरों में बदलाव से राजनीति गरमाई, बघेल ने कहानी के बहाने साधा निशाना
Baghel vs OP Chaudhary: छत्तीसगढ़ में जमीन की गाइडलाइन दरों में बदलाव को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर एक व्यंग्यात्मक कहानी लिखकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने रूपक के माध्यम से आरोप लगाया कि सरकार जनता से करोड़ों का माल लूट रही है और फिर कुछ हजार लौटाकर एहसान दिखा रही है। बघेल की इस पोस्ट ने पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी और सरकार पर सवालों की बौछार कर दी। उनकी कहानी में एक परिवार, डकैती और लूट का प्रतीकात्मक इस्तेमाल करते हुए यह संदेश दिया गया कि सरकार जनता के संसाधनों का शोषण कर रही है और बदले में छोटी राहत को बड़ी उपलब्धि की तरह पेश कर रही है।
डकैतों का एक गिरोह था।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 10, 2025
उस गिरोह ने डकैती डाली। एक परिवार से करोड़ों का माल लूट कर ले गए।
परिवार टूट गया। रो रोकर गुहार लगाने लगा। परिवार कैसे चलेगा? बच्चे कैसे पलेंगे?
डकैतों को रहम आ गया। उन्होंने करोड़ों रूपयों में से दो चार हज़ार परिवार को लौटा दिए।
पर साथ में शर्त लगाई कि… pic.twitter.com/5l6Pf0DuoF
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कही अपनी ‘कहानी’, बघेल पर पलटवार तेज
बघेल के कहानी वाले हमले पर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी कहानी से ही जवाब दिया और पूर्व मुख्यमंत्री पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने लिखा कि गांव में एक मुखिया वर्षों तक शासन करता रहा, लेकिन सड़कों से लेकर अस्पताल तक कुछ भी नहीं सुधरा, बहनों के खातों में पैसा नहीं पहुंचा और सरकारी खजाना खाली होता गया। समय आया तो गांव ने मुखिया बदल दिया और नए लोगों को जब खजाना मिला तो उसमें पत्थर ही मिले। इसके बाद ओपी चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने खजाना खाली कर दिया था, वही अब सबसे ज्यादा शोर मचा रहे हैं कि लूट हो गई। उनकी कहानी के जरिए यह संकेत दिया गया कि पिछली सरकार के समय खजाने की स्थिति बदहाल थी और मौजूदा सरकार ने जमीन पर काम करके स्थितियों में सुधार किया है।
एक कहानी हमारी भी सुन लीजिए…
— OP Choudhary (@OPChoudhary_Ind) December 11, 2025
गांव में एक मुखिया था। सालों साल राज किया, चौपाल से रोज यही ऐलान कि, सब बढ़िया है...
पर गांव वालों की आंखों के सामने सच खड़ा था-
न सड़कें सुधारी
न बहनों के खातों में एक धेला पहुंचा,
न अस्पताल जागे,
और खजाना साल दर साल खाली होता गया।
समय आया,… https://t.co/MIozknVQMW
दोनों पक्षों की ‘कहानी’ में छिपा राजनीतिक संदेश
भूपेश बघेल की कहानी सरकार को “डकैतों का गिरोह” बताकर जनता से लूट का आरोप लगाती है, वहीं ओपी चौधरी की कहानी यह बताती है कि पिछली सरकार के कारण खजाना खाली हुआ और नई सरकार ने वास्तविक काम करके जनता का भरोसा जीता है। दोनों कथाएँ प्रतीकात्मक हैं लेकिन इनके माध्यम से दोनों राजनीतिक दल एक-दूसरे पर जवाबी हमला कर रहे हैं। यह पूरा विवाद छत्तीसगढ़ में जमीन की गाइडलाइन दरों में बदलाव से उपजा है, जिसे लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है और सरकार विपक्ष पर बदइंतजामी और खजाना खाली करने के आरोप लगा रही है।
राजनीतिक माहौल में बढ़ी तल्खी, दोनों पक्ष आमने-सामने
बघेल और चौधरी द्वारा कहानी के रूप में किए गए हमलों ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई तल्खी जोड़ दी है। सोशल मीडिया पर दोनों के पोस्ट तेजी से वायरल हो रहे हैं और समर्थक भी अपनी-अपनी तरफ से इन कथाओं को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। गाइडलाइन दरों का मुद्दा विधानसभा सत्र से लेकर जनता की बातचीत तक असर डाल रहा है और आने वाले दिनों में यह विवाद और भी गहराने की संभावना है क्योंकि दोनों की कहानियों ने राजनीति में प्रतीकात्मक संघर्ष को और तीखा कर दिया है।
