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छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने कायम की मिसाल, महतारी वंदन योजना से महिलाएं बनी आत्मनिर्भर, पिछले 19 महीनों में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बनी नई पहचान...

महतारी वंदन योजना जैसी योजनाएं महिलाओं को उनके श्रम और भागीदारी के लिए सम्मानित करती हैं वहीं साय सरकार की आजीविकामूलक योजनाओं से महिलाओं को उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने की राह मिली है।

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने कायम की मिसाल, महतारी वंदन योजना से महिलाएं बनी आत्मनिर्भर, पिछले 19 महीनों में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बनी नई पहचान...
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By Sandeep Kumar

रायपुर। स्त्री पुरुष समानता के मामले में छत्तीसगढ़ की मिसाल पूरे देश में रही है लेकिन आर्थिक समानता में फिर भी पुरुषों का पलड़ा अब तक भारी होता था। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी की सरकार आने के बाद इस आर्थिक विषमता को दूर करने का रास्ता भी खुल गया है। अब छत्तीसगढ़ की हर माँ और बहन आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है। अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए वे स्वयं निर्णय ले सकती हैं।

महतारी वंदन योजना जैसी योजनाएं महिलाओं को उनके श्रम और भागीदारी के लिए सम्मानित करती हैं वहीं साय सरकार की आजीविकामूलक योजनाओं से महिलाओं को उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने की राह मिली है। आधी आबादी को सशक्त कर मुख्यमंत्री ने विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला रख दी है।

छत्तीसगढ़ ने पिछले 19 महीनों में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नई पहचान बनाई है। राज्य सरकार ने महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य के हर मोर्चे पर मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और त्वरित लाभ पहुंचाने की व्यवस्था स्थापित की गई है, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है।

महतारी वंदन योजना आत्मनिर्भर महिला की ओर कदम

1 मार्च 2024 से लागू इस महत्वाकांक्षी योजना ने राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में क्रांति ला दी है। विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपए सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित किए जा रहे हैं।मार्च 2024 से सितम्बर 2025 तक 69.15 लाख से अधिक महिलाओं को 12,376.19 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।यह राशि महिलाओं की आत्मनिर्भरता, पोषण और मूलभूत जरूरतों की पूर्ति में सहायक है।चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 5, 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

179 महतारी सदन के निर्माण के लिए 52.20 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। प्रत्येक सदन 2,500 वर्गफुट में 29.20 लाख रुपए की लागत से बनेगा, जो महिलाओं के लिए प्रशिक्षण, बैठक और सामुदायिक गतिविधियों का केंद्र होगा।

स्वरोजगार और उद्यमिता का विस्तार

साय सरकार ने महिला श्रमिकों और स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं:

जिसमें मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों को 7,900 रुपए की सहायता एक सिलाई मशीन के लिए दी जा रही है।दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना से 3 वर्ष से पंजीकृत महिला श्रमिकों को 1 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की जा रही है।

मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत गर्भवती महिला श्रमिकों को 20,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि उन्हें पौष्टिक आहार मिल सके।

मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना ने पंजीकृत श्रमिकों को अपनी 18-21 वर्ष की अविवाहित पुत्रियों के पढ़ाई लिखाई तथा अन्य आवश्यक खर्चों के लिए 20,000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी साय सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसमें महतारी शक्ति ऋण योजना के माध्यम से उन्हें बिना जमानत के 25,000 रुपए का ऋण देकर स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।सक्षम योजना–2 लाख से कम वार्षिक आय वाली महिलाओं को 3% ब्याज पर 2 लाख रुपए तक ऋण भी दिया जा रहा है।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) – 800 करोड़ रुपए का प्रावधान, “लखपति महिला” और “ड्रोन दीदी” जैसी नवाचारी पहलें भी योजनाओं में शामिल है।इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ, उन्हें रोजगार के स्थायी अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं।

साय सरकार ने महिला सुरक्षा को नीति के केंद्र में रखा

नवाबिहान योजना से घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी, चिकित्सा, परामर्श और आश्रय सुविधा प्रदान की जाती है।इसके लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ सखी वन-स्टॉप सेंटर में SOP लागू करने वाला देश में पहला राज्य बन गया है। 27 जिलों में सेंटर संचालित, 24x7 सेवा उपलब्ध है।महिला हेल्पलाइन 181 और डायल 112 द्वारा संकट में फंसी महिलाओं को त्वरित सहायता और पुलिस समन्वय की सुविधा प्रदान की जाती है।

शुचिता योजना के तहत 2,000 स्कूलों में नैपकिन वेंडिंग मशीनें, 3 लाख से अधिक किशोरियों को स्वच्छता सामग्री प्रदान की जा रही है जिसके लिए 13 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान है।हाई स्कूल छात्राओं के लिए साइकिल वितरण योजना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

गर्भवती और धात्री महिलाओं को पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य पूरक और पोषण पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से सहायता दी जा रही है।

नवा रायपुर में 200 करोड़ रुपए की लागत से यूनिटी मॉल का निर्माण किया जा रहा है,जहाँ महिला समूहों के उत्पादों की बिक्री होगी। जशप्योर ब्रांड जशपुर जिला में निवासरत आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित वन-आधारित उत्पाद है,जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पहचान बना रहा है, साथ ही“वोकल फॉर लोकल” का सफल उदाहरण भी है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में महिला एवं बाल विकास विभाग को 8,245 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया गया है। इसमें महतारी वंदन, पोषण, स्वास्थ्य, ऋण और सुरक्षा योजनाओं का विस्तार शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का मानना है कि महिला सशक्तिकरण केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि धरातल पर वास्तविक बदलाव लाने से संभव है। वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर योजना का लाभ पात्र महिलाओं तक समय पर और पारदर्शी ढंग से पहुँचे।

गौरेला पेन्ड्रा मरवाही जिले में महतारी वंदन योजना से मां-बेटी दोनों का भविष्य हुआ सुरक्षित

गौरेला पेन्ड्रा मरवाही जिले के पथर्रा गांव की 26 वर्षीय गृहिणी कीर्ति मार्काे केे पति खेती-किसानी से परिवार का भरण-पोषण करते हैं। पहले सीमित आमदनी के बीच वे बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित रहती थीं और बचत कर पाना संभव नहीं था। लेकिन महतारी वंदन योजना शुरू होने के बाद उन्हें हर माह एक हजार रुपये की सहायता मिलने लगी हैं। अब वे इस राशि में से 250 रुपये अपनी बेटी के नाम से ’’सुकन्या समृद्धि योजना’’ में जमा करती हैं और शेष राशि से घर का खर्च, दवाइयां और अन्य दैनिक जरूरतें पूरी होती हैं। कीर्ति मार्काे बताती हैं कि इस योजना से उन्हें आत्मनिर्भरता का अनुभव हुआ है और बेटी की पढ़ाई व भविष्य सुरक्षित लग रहा है। वे अन्य महिलाओं को भी इसके लाभ से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ’महतारी वंदन योजना’ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बन गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रारंभ की गई इस योजना का उद्देश्य नारी सम्मान, आत्मनिर्भरता और परिवार के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत राज्यभर की पात्र महिलाओं को हर माह एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह सहायता राशि महिलाओं की बुनियादी जरूरतों के साथ-साथ भविष्य की बचत योजनाओं में उपयोग होकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस योजना को महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर बताया है। उनका मानना है कि यदि महिला सशक्त होगी तो परिवार और समाज भी सशक्त होगा। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस जनकल्याणकारी कदम से हजारों महिलाएं प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रही हैं। ग्रामीण इलाकों में यह योजना महिलाओं के सपनों को नया आकाश दे रही है, वहीं शहरों की गृहणियां भी इसे अपनी आर्थिक सहारा मान रही हैं।

महतारी वंदन योजना ने महिलाओं को राहत और आत्मविश्वास दिया है। इस योजना ने यह स्थापित किया है कि सरकार की योजनाओं की सही जानकारी और समय पर प्राप्त सुविधा लोगों के जीवन में बड़े बदलाव ला सकती है।

कबीरधाम में महतारी वंदन योजना ने सोहागा बाई को बनाया आत्मनिर्भर

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया है। कबीरधाम जिले के ग्राम मझगांव की रहने वाली सोहागा बाई साहू आज आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं।

कुछ वर्ष पहले तक संघर्षों से भरा उनका जीवन अब योजनाओं के संबल से खुशहाल बन गया है। खेती-बाड़ी और गृहस्थी की जिम्मेदारियों के साथ आर्थिक चुनौतियों का सामना करने वाली सोहागा बाई को महतारी वंदन योजना से हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है। इस सहयोग से वे घर-गृहस्थी के छोटे-मोटे खर्च आसानी से पूरा कर पा रही हैं।

सोहागा बाई बताती हैं कि यह योजना उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि अब उन्हें खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। साथ ही उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में भी स्वीकृत हो गया है, जिसके तहत जल्द ही उन्हें अपना पक्का घर मिलने वाला है।खेती-किसानी उनका प्रमुख सहारा है। थोड़ी सी जमीन पर मेहनत करके वे अनाज और सब्ज़ियों की पैदावार से परिवार की जरूरतें पूरी करने के साथ अतिरिक्त आमदनी भी अर्जित कर रही हैं। परिवार में बेटा और बहू भी सहयोग कर रहे हैं। खास बात यह है कि उनकी बहू को भी महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति और अधिक सुदृढ़ हो गई है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। महतारी वंदन योजना के जरिए महिलाओं को आर्थिक संबल देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोहागा बाई जैसी सफलता की कहानियां इस योजना की वास्तविक उपलब्धि को दर्शाती हैं।

सोहागा बाई साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी बदौलत आज ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और सम्मानपूर्वक जीवन जी पा रही हैं।


Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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