Chhattisgarh DMF Scam: ACB-EOW ने स्पेशल कोर्ट में दाखिल किया आरोप पत्र: रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी सहित 9 लोगों को बनाया आरोपी...
Chhattisgarh DMF Scam: छत्तीसगढ़ में DMF घोटाला मामले में ACB-EOW ने 9 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट 6 हजार पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है।

Chhattisgarh DMF Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुते DMF घोटाला में ACB-EOW ने स्पेशल कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ 6000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र में रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया है।
आरोप पत्र के अनुसार टेंडर की राशि का 40 फीसदी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है।
गिरफ्तार आरोपियों में कोरबा DMF के तत्कालीन नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर, तत्कालीन जनपद CEO भुनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर शामिल हैं। सभी 9 आरोपी न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं।
12 लोगों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, फिर भी जेल में
3 मार्च को कोल घोटाले में रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी सहित 12 लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। जमानत मिलने से पहले ही EOW ने DMF मामले में प्रोडक्शन वारंट लेकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में एक आरोपी मनोज द्विवेदी की गिरफ्तारी हुई थी।
ऐसे किया DMF घोटाला
ED की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत मामला दर्ज किया है। DMF कोरबा जिले के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं की गई है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया। टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभसोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर नाम के लोगों के साथ मिलकर पैसे कमाए गए। ED ने कुछ इस तरह के आरोप लगाया है।
टेंडर हासिल करने के लिए ठेकेदारों ने अफसरों और नेताओं को भारी मात्रा में कमीशन का भुगतान किया है। यह राशि ठेके का 25% से 40% तक था। इसमे कई आपत्तिजनक विवरण,फर्जी स्वामित्व इकाई और भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। तलाशी अभियान के दौरान 76.50 लाख कैश बरामद किया गया। 8 बैंक खाते सीज किए। इन खातों में 35 लाख रुपए हैं। इसके अलावा फर्जी डमी फर्मों से संबंधित विभिन्न स्टाम्प, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं।
DMF घोटाला मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जांच रह रही है। दोनों की जांच में यह सामने आया है कि जिला खनिज निधि में भ्रष्टाचार हुआ है। आरोप है कि, राज्य सरकार के अधिकारियों और राज नेताओं की मिलीभगत से DMF ठेकेदार द्वारा सरकारी खजाने से रकम निकाली गई।
इन जगहों पर छापेमारी
ED ने पहले कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर, सूरजपुर, बलरामपुर, बैकुंठपुर में छापेमारी की थी। बालोद के डौंडीनगर में पूर्व मंत्री अनिला भेंडिया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी, बैकुंठपुर जनपद के CEO राधेश्याम मिर्झा और कोरबा के कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल के घर कार्रवाई की गई थी। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र में ED की 4 जगह रेड की कार्रवाई की थी यहां से 1.11 करोड़ रुपए कैश, बैंक जमा और दस्तावेज सीज किए हैं।
ये आरोपी जेल में हैं बंद
छत्तीसगढ़ DMF घोटाला मामले में निलंबित IAS रानू साहू, छत्तीसगढ़ राज्य सेवा अधिकारी माया वॉरियर, NGO के सेक्रेटरी मनोज कुमार द्विवेदी रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। 4 आरोपियों में राधे श्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौर, भरोसा राम ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया है।