Chhattisgarh DFO News: DFO को शोकाज नोटिस: सूचना आयोग के निर्देश पर राज्य शासन ने जारी किया नोटिस, मांगा जवाब...
Chhattisgarh DFO News: राज्य सूचना आयोग के निर्देशों की अवहेलना के आरोप में फंसे खैरागढ़ वन मंडल के डीएफओ को राज्य शासन ने शोकाज नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है। जारी नोटिस में लिखा है कि कर्तव्यों के निष्पादन में लापरवाही बरती गई जो अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन है। अतः कारण बताएं कि क्यों ना उक्त कृत के लिए आपके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही कार्यवाही प्रारंभ की जाए।

Chhattisgarh DFO News: रायपुर। पंकज राजपूत तत्कालीन वनमंडल अधिकारी महासमुंद वर्तमान पदस्थापना खैरागढ़ वनमंडल के विरुद्ध सूचना आयोग के आदेश के बाद मंत्रालय वन एंव जलवायु परिवर्तन विभाग ने अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एव अपील) नियम 1969 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है।
जनवरी 2020 में रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने महासमुंद वनमंडल से हाथी द्वारा जनहानि और धनहानि के संबंध में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। तत्कालीन जन सूचना अधिकारी सह डीएफओ मयंक पाण्डेय द्वारा जवाब दिया गया कि दस्तावेज विशालकाय है, आकर अवलोकन कर लें। अवलोकन के पश्चात चिन्हित दस्तावेज निशुल्क प्रदाय कर दिए जायेंगे। मामला सूचना आयोग पंहुचा। सुनवाई के दौरान 15 फरवरी 2021 को आयोग को जन सूचना अधिकारी ने बताया गया कि जानकारी 94928 पेज में हो सकती है। आयोग ने आदेशित किया कि आवेदक को दस्तावेज मांगे जाने पर अवलोकन हेतु बाध्य नहीं किया जा सकता। आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी निशुल्क प्रेषित करें। प्रधान मुख्य वन संरक्षक को शासन पर निशुल्क सूचना प्रदाय किये जाने वाले दस्तावेजों की लागत दोषी अधिकारी से वसूल कर शासन के कोष में जमा करने के आदेश दिए।
अगली सुनवाई में क्या हुआ
अगली सुनवाई तक 2020 में महासमुंद वन मण्डल में पदस्थ रहे डीएफओ मयंक पांडे का तबादला बालोद हो गया और नए डीएफओ पंकज राजपूत ने अपनी ज्वाइनिंग दी। जो अब खैरागढ़ वन मण्डल में पदस्थ हैं। उन्होंने आयोग को 28 अगस्त 2021 को निशुल्क सूचना प्रदाय करने के आदेश के संबंध में बताया कि मत मांगे जाने उपरान्त महाधिवक्ता द्वारा आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट बिलासपुर में अपील करने की अनुशंसा की है। लिहाजा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उन्होंने आयोग से 15 दिन का समय मांगा। जिस पर आयोग ने हाई कोर्ट का स्थागन आदेश प्रस्तुत करने का आदेश दिसा। जन सूचना अधिकारी द्वारा 17 सितंबर 2021 और 18 अप्रैल 2022 की सुनवाई के दौरान स्थागन आदेश की कापी प्रस्तुत नहीं किया। जिस पर आयोग ने माना कि स्थागन आदेश प्रस्तुत न कर पाने के कारण प्रकरण अनावश्यक रूप से लंबित रहा और शासन से पंकज राजपूत के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की।
आयोग ने मांगा पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट, तब जाकर की कार्रवाई
आयोग के आदेश के बावजूद पंकज राजपूत के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं किए जाने की जानकारी सूचना आयोग के समक्ष 2025 में लाने के बाद अवर सचिव सूचना आयोग द्वारा शासन से सूचना आयोग के आदेश के पालन प्रतिवेदन की मांग की। जिसके पश्चात मंत्रालय वन एंव जलवायु विभाग द्वारा 11 जुलाई 2025 को पंकज राजपूत वर्तमान पदस्थापना खैरागढ़ वनमण्डल कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के कारण शोकॉज नोटिस जारी कर 15 दिवस में जवाब मांगा है। नोटिस में लिखा गया है कि आपके द्वारा अपने कर्तव्यों के निष्पादन में लापरवाही बरती गई जो अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन है। अतः कारण बताएं कि क्यों ना उक्त कृत के लिए आपके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही कार्यवाही प्रारंभ की जाए।
