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Auto Mutation Registry: छत्तीसगढ़ में ज़मीन खरीदते ही बन जाएंगे मालिक! तहसीलदार आउट! अब नामांतरण होगा ऑटोमैटिक – जानें नया नियम

Auto Mutation Registry: छत्तीसगढ़ सरकार ने आम लोगों को राहत पहुंचाने और माफियाओं व राजस्व अफसरों की दखलंदाजी दूर करने के लिए आटो म्यूटेशन रजिस्ट्री की शुरुआत कर दी है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत बुधवार को राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के विधानसभा क्षेत्र में आटो म्यूटेशन रजिस्ट्री का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। रजिस्ट्री होते ही खरीदार का नाम बी-1 खसरा में दर्ज हो गया।

Auto Mutation Registry: छत्तीसगढ़ में ज़मीन खरीदते ही बन जाएंगे मालिक! तहसीलदार आउट, अब नामांतरण होगा ऑटोमैटिक – जानें नया नियम
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By Ragib Asim

Auto Mutation Registry: रायपुर। राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन कर जमीन की खरीदी बिक्री के बाद नामांतरण की प्रक्रिया को बेहद सरल कर दिया है। अब रजिस्ट्री होते ही आटोमेटिक भूमि व संपत्तियों का नामांतरण भी हो जाएगा। राज्य सरकार ने तहसीलदारों से नामांतरण का अधिकार छीन लिया है। इस प्रक्रिया को पुख्ता करने की तैयारी राज्य सरकार ने शुरू कर दिया है। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के विधानसभा क्षेत्र से बतौर पायलट प्रोजेक्ट इसकी शुरुआत कर दी है।

बुधवार को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में राजेंद्र प्रसाद शुक्ला पिता काशी प्रसाद की जमीन प्रसन्न शुक्ला पिता प्रवीण शुक्ला ने खरीदी। इसके लिए रजिस्ट्री की प्रक्रिया आटो म्यूटेशन सिस्टम से की गई। रजिस्ट्री होते ही ग्राम लिमिही निवासी प्रसन्न शुक्ला का नाम बी-1 में खसरा नंबर खसरा नंबर 414/2, 414/5 की जमीन दर्ज हो गई।


ये है गजट नोटिफिकेशन

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत के हस्ताक्षर से जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 (क्र. 20 सन् 1959) की धारा 24 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, ने खरीद तथा बिक्री से प्राप्त भूमि अंतरण के सरलीकरण हेतु किसी भूमि स्वामी के द्वारा धारित भूमि या भूमि का भाग (खसरा/भू-खण्ड), जिनका पंजीकृत विक्रय के आधार पर अंतरण किया जाता है, ऐसे भूमि के नामांतरण हेतु प्राप्त प्रकरणों पर, उक्त संहिता की धारा 110 के अधीन तहसीलदार को प्राप्त नामांतरण की शक्तियां, जिले में पदस्थ रजिस्ट्रार/सब रजिस्ट्रार जो अपने क्षेत्राधिकार में पंजीकृत विक्रय पत्र के निष्पादन हेतु अधिकृत है, को प्रदान करती है।


रजिस्ट्री होते ही नामांतरण का होगा आटो प्रोसेस

राज्य सरकार के इस आदेश और नामांतरण की सीधे प्रक्रिया से भूमि स्वामियों को राहत मिलेगी। अब तक होता यह था कि जमीन की खरीदी बिक्री के बाद तहसीलदार के समक्ष नामांतरण के लिए आवेदन पेश करना पड़ता था। तहसीलदार के कोर्ट से आगे की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। इससे जमीन के फर्जीवाड़ा की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा नामांतरण की प्रक्रिया लंबे समय से लंबित रहने के कारण भूमि स्वामियों खासकर किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले ऐसे किसान जिनका आपस में भाइयों के बीच जमीन के बंटवारे के बाद नामांतरण ना होने के कारण उत्ताधिकारी के नाम से ही धान बेचने की मजबूरी रहती थी। बैंक खाते में भी राशि उनके नाम से ही आता था। इसके चलते विवाद की स्थिति बनी रहती थी।

फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

छत्तीसगढ़ में सरकारी और निजी जमीनों को हड़पने और राजस्व दस्तावेजों में फर्जीवाड़े की लगातार शिकायतें मिलती है। फर्जी रजिस्ट्री के बाद राजस्व अमलों से मिलीभगत कर नामांतरण भी करा लिया जाता था। नामांतरण में फर्जीवाड़ा का यह खेला लंबे समय से चले आ रहा है। राज्य सरकार के नए नियमों से वास्तविक भूमि स्वामियों को राहत मिलेगी। फर्जीवाड़े तपर काफी हद तक रोक लगेगी।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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