छत्तीसगढ़ DMF घोटाला: 28 ठिकानों पर ED की छापेमार कार्रवाई; 4 करोड़ नकद और 10 किलो चांदी बरामद
छत्तीसगढ़ में हुए कथित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। तीन और चार सितंबर को राज्य के 28 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई, जिसमें करोड़ों की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। इस दौरान जांच टीम ने चार करोड़ रुपए नकद, 10 किलोग्राम चांदी के गहने, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं।

Chhattisgarh DMF scam: ED raids 28 locations; Rs 4 crore cash and 10 kg silver recovered
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए कथित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। तीन और चार सितंबर को राज्य के 28 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई, जिसमें करोड़ों की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। इस दौरान जांच टीम ने चार करोड़ रुपए नकद, 10 किलोग्राम चांदी के गहने, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं।
यह छापेमारी छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड (बीज निगम) से जुड़े कारोबारियों, ठेकेदारों और बिचौलियों के ठिकानों पर की गई। ईडी का मानना है कि इस पूरे नेटवर्क के जरिए करीब 350 करोड़ रुपए की डीएमएफ राशि का दुरुपयोग किया गया है।
क्या है यह पूरा मामला?
ईडी की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है। इन एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि खनन प्रभावित इलाकों के विकास के लिए मिले डीएमएफ फंड का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया। जांच में सामने आया कि बीज निगम के जरिए करोड़ों रुपए के काम सिर्फ कागजों पर दिखाए गए।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच में पता चला कि ठेकेदारों को कृषि उपकरण, पल्वराइजर, मिनी दाल मिल और बीज सप्लाई करने के ठेके दिए गए। इन ठेकों पर ठेकेदारों से 40 से 60% तक कमीशन वसूला जाता था। यह कमीशन बिचौलियों के जरिए सरकारी अफसरों और नेताओं तक पहुंचाया जाता था।
आरोपियों की गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त
इस मामले में ईडी पहले भी कार्रवाई कर चुकी है। अब तक 21.47 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है और 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई है। इसमें निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, राज्य सेवा अधिकारी माया वॉरियर और मनोज कुमार द्विवेदी जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जिन्हें गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
ईडी की टीम ने रायपुर, दुर्ग, भिलाई और गरियाबंद समेत 28 जगहों पर छापेमारी की।
रायपुर: शंकर नगर स्थित खाद कारोबारी विनय गर्ग और लॉ विस्टा कॉलोनी में कृषि उपकरण सप्लायर पवन पोद्दार और सतपाल छाबड़ा के ठिकानों पर जांच हुई।
भिलाई: भिलाई-3 के वसुंधरा नगर में अन्ना एग्रो टेक प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तरों पर छापा मारा गया। इसके साथ ही शांति नगर में चार्टर्ड अकाउंटेंट आदित्य दिनोदिया अग्रवाल के घर भी तलाशी ली गई।
राजिम (गरियाबंद): यहां कृषि उपकरण सप्लायर उगम राज कोठारी के घर और दुकान पर भी छापेमारी हुई।
अब जानिये आखिर क्या है DMF?
डीएमएफ एक फंड है जिसे खनन से प्रभावित इलाकों के विकास के लिए बनाया गया है। इसमें खनन करने वाली कंपनियां रॉयल्टी के अलावा एक अतिरिक्त राशि जमा करती हैं। इस फंड का इस्तेमाल स्कूल, अस्पताल, सड़क, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया जाना होता है, लेकिन ईडी की जांच में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ में इस फंड को कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया गया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, डीएमएफ के वर्क प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के लिए फंड खर्च के नियमों को बदल दिया गया था। नए नियमों में मटेरियल सप्लाई, ट्रेनिंग, कृषि उपकरण, खेल सामग्री और मेडिकल उपकरणों जैसी कैटेगरी जोड़ी गईं, ताकि डेवलपमेंट वर्क को दरकिनार कर ज्यादा कमीशन वाले प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जा सके। कोरबा में अकेले 575 करोड़ रुपए से ज्यादा के डीएमएफ स्कैम का खुलासा हुआ है। ईडी इस मामले की आगे की जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
