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Chattisgarhi Bartan Name : कुंडेरा, हड़िया, बटलोहि, घाघरा ... ये कोई नाम या डिश नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के अनोखे बर्तन, यहाँ बर्तनों में भी है कई वैराइटी

छत्तीसगढ़ अपने पारंपरिक मिटटी, पीतल और कांसे के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है.

Chattisgarhi Bartan Name : कुंडेरा, हड़िया, बटलोहि, घाघरा ... ये कोई नाम या डिश नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के अनोखे बर्तन, यहाँ बर्तनों में भी है कई वैराइटी
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By Meenu Tiwari

Chattisgarhi Bartan Name : छत्तीसगढ़ विविधताओं से भरा प्रदेश है. यहाँ जहाँ रंग-बिरंगी बोलियां, जातियां, खानपान और परम्पराएं है, वही यहाँ रोज दिनचर्या में उपयोग होने वाले बर्तन भी नाना प्रकार के हैं, यहाँ के बर्तनों में भी कई वैराइटी है, तो वहीँ इनके नाम भी बड़े अनोखे हैं.


यहाँ कांसे, पीतल से लेकर लोहे और मिटटी के भी जरुरत और मौके के हिसाब से कई बर्तन है, जिन्हें कलाकार और कुम्हारों द्वारा बनाया जाता है. तो आइये फिर जानते हैं यहाँ के बर्तनों के बारे में. की क्या उनका नाम है और क्या है उपयोग.


मिट्टी के बर्तन




  • कुंडेरा :- गंजनुमा पात्र विशेषकर गोरस(दूध) पकाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • हड़िया :- हंडी
  • कसेली :- लोटे से बड़ा काला दोहन पात्र
  • दुहना :- कसेली से बड़ा पात्र जिसमे गोरस उबाला जाता है।
  • पोटली :- चौड़ी ठेकली
  • पोरहा :- कुल्हड़
  • मरकी :- गुंड के समान हंडी
  • मंडसा या मण्डिसा :- दही मथने या सामान रखने को हण्डी
  • करसी :- लाल रंग की हंडी,शीतल जलपात्र
  • कलौरी :- नादी तथा बड़े दीप का मिश्रण
  • घघरी :- सुराही के समान पात्र
  • चुकिया :- छोटा कुल्हड़
  • कुथिया :- वह हंडी जो जन्म-मृत्यु आदि के कारण अशुद्ध हो जाती है।
  • ठेकली :- लोहे या कसेली के समान पात्र
  • डोकसी :- करछुल या डुआ
  • कटाही :- सकरे गले वाली हंडी
  • कनौजी :- हत्था विहीन कड़ाही
  • ढूंढवा :- सकरे गले वाली लुटिया, तेल पात्र
  • ढोमरा :- चौड़ी तथा गहरी थाली
  • तउला :- तसले के समान पात्र

बटलोहि, घाघरा, हंडिया - पीतल और कांसे के बर्तन


छत्तीसगढ़ अपने पारंपरिक पीतल और कांसे के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है. बस्तर और रायगढ़ जैसे क्षेत्रों में "ढोकरा खोखरा" जैसी मोम-शिल्प तकनीक का उपयोग करके कई जटिल कलाकृतियाँ और बर्तन बनाए जाते हैं। पीतल के बर्तन, जैसे पानी के लिए "घाघरा", पुसौर क्षेत्र में मुख्य रूप से बनाए जाते हैं, जबकि कांसा, जो तांबे और टिन का मिश्रण है, घंटियों, दीयों और विभिन्न बर्तनों के लिए उपयोग किया जाता है।



बटलोहि : यह कांसे का बर्तन है इस बर्तन का उपयोग दाल चावल बनाने मे किया जाता है


पीतल के बर्तन



घाघरा : पानी रखने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक सामान्य बर्तन है।

हंडिया : इसमें चावल बनाया जाता है. पीतल से बने अन्य बर्तनों में से एक है।

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