CGPSC Scam Case: रायपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी के साले और उसकी पत्नी को किया गिरफ्तार
CGPSC Scam Case: CGPSC घोटाला में जेल में बंद पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साले और उसकी पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इन दोनों पर नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का आरोप है.

रायपुर। CGPSC घोटाला मामले में एक और बड़ा अपडेट के सामने आया है. जेल में बंद सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साले देवेंद्र जोशी और उसकी पत्नी झगीता जोशी को गिरफ्तार किया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बेरोजगारों को नौकरी लगाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की है. दोनों ने 9 बेरोजगारों से 1.50 करोड़ रूपये की ठगी की है।
आरोप है क़ि इन दोनों ने कई बेरोजगार युवाओं को अपने झांसे में लिया, जिनमें आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं। वे खुद को बड़े अधिकारियों के परिचित बताकर विशेष अनुशंसा के तहत नौकरी लगाने का झांसा देते थे। बाद में वे फर्जी नियुक्ति प्रमाणपत्र देकर रकम ऐंठ लेते थे।
इन पर आरोप है कि फूड इंस्पेक्टर, लेक्चरर और पटवारी जैसी नौकरियों का झांसा देकर 9 पीड़ितों से भारी रकम वसूली। आरोपियों ने रिश्तेदारों समेत अन्य कई पीड़ितों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। सिविल लाईन थाना पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
क्या है मामला
अंबिकापुर की निवासी अंजना गहिरवार ने रायपुर निवासी देवेंद्र जोशी से नौकरी के बारे में बात की थी। जोशी ने बताया कि उसकी बड़े अधिकारियों से जान पहचान है और वह सरकारी नौकरी दिलवाने में मदद कर सकता है। इसके बाद देवेंद्र जोशी ने उसे खाद्य विभाग में फूड इंस्पेक्टर के पद के लिए आवेदन करने को कहा। नौकरी दिलाने के एवज में 25 लाख रुपये की डिमांड. अंजना ने 2022 में आवेदन किया और परीक्षा दी। देवेंद्र जोशी ने काउंसलिंग के लिए पैसे की मांग की. अंजना ने छह लाख 35 हजार रुपये कैश और बाकी की रकम खाते में ट्रांसफर की। इसके बाद जोशी ने दस्तावेज सत्यापन भी करवा दिया, जब अंजना ने फाइनल चयन सूची मांगी तो उसका नाम उसमें नहीं था। जब वह विभाग में लेटर लेकर गई, तो उसे फर्जी लेटर बताते हुए भगा दिया गया। देवेंद्र जोशी ने अंजना के अलावा अन्य 8 लोगों गजेंद्र लहरे, कुणाल देव, और भुनेश्वर सोनवानी से भी फूड इंस्पेक्टर की नौकरी दिलवाने के नाम पर 25-25 लाख रुपये ठगे।