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CGMSC Scam Case: वित्त मंत्री ने घोटाले का संज्ञान लिया और सीएम ने एसीबी को सपूर्द किया, फिर भी जांच को दबाने गोलबंदी

CGMSC Scam Case: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सीजीएमएससी घोटाले की एसीबी जांच तेज हो गई है। एसीबी मुख्यालय में सीजीएमएससी से जुड़े आधा दर्जन आरोपी अधिकारियों से तगड़ी पूछताछ चल रही है। कुछ दिन बाद बड़े अधिकारियों को भी एसीबी तलब कर सकती है।

CGMSC Scam Case: वित्त मंत्री ने घोटाले का संज्ञान लिया और सीएम ने एसीबी को सपूर्द किया, फिर भी जांच को दबाने गोलबंदी
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By Neha Yadav

CGMSC Scam Case: रायपुर। सीजीएमएसी घोटाले में मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलते ही एसीबी ने अब तक की सबसे फास्ट कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर मोक्षित कारपोरेशन के मालिक शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर लिया था।

दरअसल, एसीबी को इनपुट्स मिले थे कि यथाशीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आरोपी सप्लयार देश से बाहर भाग सकता है। मुख्यमंत्री सचिवालय से भी एसबी को फास्ट एक्शन के निर्देश मिले थे। लिहाजा, एसीबी तुरंत हरकत में आते हुए 27 जनवरी को एक साथ दर्जन भर ठिकानों पर रेड कर बड़ी संख्या में दस्तावेजों को जब्त कर लिया।

एसीबी मुख्यालय में सीजीएमएससी से जुड़े आधा दर्जन आरोपी अधिकारियों से तगड़ी पूछताछ चल रही है। इनमें जीए फायनेंस मीनाक्षी गौतम, जीएम टेक्निकल रहे वसंत कौशिक, टेक्निकल एक्सपर्ट क्षिरौंद रावटिया, स्टोर इंचार्ज डॉ0 अनिल परसाई और फार्मासिस्ट आनंद राव शामिल हैं।

इन आधा दर्जन मुलाजिमों से पूछताछ के बाद एसीबी सीजीएमएससी के सीनियर अधिकारियों को बुला सकती है। मगर इसमें अभी इसमें अभी वक्त लगेगा। क्योंकि, मोक्षित कारपोरेशन के कागज सेंट्रल जीएसटी ने पहले ही जब्त कर चुका है। सेंट्रल जीएसटी को जीएसटी चोरी की शिकायत मिली थी। इस पर मोक्षित कारपोरेशन पर छापा मारकर सप्लाई और बिलिंग के पूरे पेपर सेंट्रल जीएसटी में जमा है।

डायरेक्टर हेल्थ की भी भूमिका

सीजीएमएससी के साथ रीएजेंट घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के संचालकों की भी बड़ी भूमिका के प्रमाण मिले हैं। 2023 में सीजीएमएससी को रीएजेंट की जरूरत और जगह न होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने रीएजेंट खरीदी का आर्डर दे दिया। हालांकि, हेल्थ डायरेक्ट्रेट के सूत्रों का कहना है कि रीएजेंट के लिए स्पेशिफिक कमेटी होती है, उसकी अनुशंसा पर सीजीएमएससी से रीएजेंट खरीदवाया गया।

मगर बिना जरूरत के स्वास्थ्य संचालक द्वारा रिएजेंट का आर्डर देना घोटाले में संलिप्तता की चुगली कर कर रहा है। जब अस्पतालों से रिएजेंट की डिमांड नहीं आई थी और न ही प्राइमरी और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटरों में रीएजेंट रखने की कोई व्यवस्था थी, इसके बाद भी डायरेक्टर हेल्थ ने रीएजेंट खरीदी का आर्डर दे दिया।

सीजीएमएससी ने अगर रीएजेंट की खरीदी में अगर जल्दीबाजी नहीं दिखाई होती तो यह घोटाला दफन हो गया होता। दरअसल, डायरेक्टर हेल्थ ने करीब 175 करोड़ के रीएजेंट खरीदने का आर्डर सीजीएमएससी को दिया था मगर उसने 27 दिन के भीतर 350 करोड़ का रीएजेंट खरीद लिया। चूकि विधानसभ चुनाव सामने था, इसलिए सीजीएमएससी के अधिकारियों ने जल्दीबाजी दिखाई और खुद फंसे भी डायरेक्टर हेल्थ भी इसमें घिर गए हैं। आखिर, 50 परसेंट का आर्डर तो उन्होंने ही दिया। याने घोटाले का खेल डायरेक्ट्रेट से प्रारंभ हुआ।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने लिया था संज्ञान

पिछले साल बजट से पहले जनवरी में वित्त मंत्री सभी विभागों की मीटिंग ले रहे थे। इसी दौरान स्वास्थ्य विभाग का नंबर आया। डायरेक्टर हेल्थ ने सीजीएमएससी को रीएजेंट खरीदी का पेंडिंग भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपए की जरूरत बताई। इस पर वित्त मंत्री ने क्वेरी की। ओपी चौधरी ने पूछा कि 27 दिन के भीतर इतनी बड़ी खरीदी कैसे हो गई? क्या इसके लिए डायरेक्टर हेल्थ ने डिमांड किया था? आईएएस पृष्ठभूमि क़े मंत्री को गड़बड़झाला भाँपने में देर नहीं लगी. उन्होंने इसकी जांच करने कहा।

7 सदस्यीय जांच कमेटी

वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक ऋतुराज रघुवंशी ने रीएजेंट खरीदी की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित करने में देर नहीं लगाई। जांच कमेटी ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि बिना जरूरत के रीएजेंट खरीदने का कोई औचित्य नहीं था। इससे पैसे की बर्बादी हुई है। इसी जांच रिपोर्ट के बाद मोक्षित कारपोरेशन का पेमेंट रोका गया। मोक्षित कारपोरेशन इसको लेकर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया, मगर कहीं से भी उसे राहत नहीं मिली। बता दें, इसी जांच के बाद मोक्षित कारपोरेशन का घोटाला पर्दे से बाहर आया। अलबत्ता, कुछ लोग नहीं चाह रहे कि मामले को और आगे बढ़ाया जाए। इसलिए, जांच के खिलाफ लाबिंग भी खूब हो रही।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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