CG Yuktiyuktkaran: स्कूल शिक्षा ने युक्तियुक्तकरण के लिए टाईम बढ़ाने से किया इंकार, अभी तक सिर्फ एक जिला हुआ कंप्लीट, 4 जून लास्ट डेट, कलेक्टरों की बढ़ी मुसीबत
CG Yuktiyuktkaran: स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के लिए टाईम बढ़ाने से दो टूक इंकार कर दिया है। अभी तक सिर्फ एक जिला ने शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कंप्लीट किया है। जाहिर है, कलेक्टर युक्तियुक्तकरण समिति के चेयरमैन हैं। ऐसे में, उनके लिए आज कत्ल की रात है। कई जिलों में कलेक्टरों को आज रतजगा करना पड़ेगा क्योंकि स्कूल शि़क्षा विभाग ने उनसे ऐसी कुछ बातें कह दी है...

CG Yuktiyuktkaran: रायपुर। खुरेपात बीईओ और डीईओ की करतूतों का खामियाजा अब कलेक्टरों को भुगतना पड़ेगा। वो ऐसे कि स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के लिए टाईम बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है। सरकार में बैठे लोगों का मानना है कि युक्तियुक्तकरण में जितना विलंब होगा, परेशानी उतनी बढ़ेगी। सो, फटाफट इसे खत्म किया जाना चाहिए। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एनपीजी न्यूज को बताया कि कई कलेक्टरों ने युक्तियुक्तकरण के लिए टाईम बढ़ाने का आग्रह किया था, मगर इसे मना कर दिया गया।
4 जून युक्तियुक्तकरण का आखिरी दिन
युक्तियुक्तकरण में लेटलतीफी से डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी भी काफी नाराज हैं। उन्होंने कल डीईओ और ज्वाइंट डायरेक्टरों को चेतावनी देते हुए अलग-अलग पत्र लिखा था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि एक भी गल्ती पाई जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी बीईओ, डीईओ ने खेला बंद नहीं किया। डीपीआई ऑफिस इस बात को लेकर चिंतित है कि कल 4 जून आखिरी दिन है और आज शाम तक सिर्फ एक मुंगेली जिले ने युक्तियुक्तकरण पूरा किया है। मुंगेली ने 270 शिक्षकों को पोस्टिंग दे दी है। इनमें अचानकमार फॉरेस्ट रिजर्व एरिया के 80 स्कूलों में शिक्षक पोस्ट हो गए हैं। डीपीआई के सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि कई जिलों में युक्तियुक्तकरण आखिरी चरण में है, हो सकता है कि देर रात कुछ और जिलों में पोस्टिंग कंप्लीट हो जाए।
कलेक्टरों की शामत
बीईओ, डीईओ ने अतिशेष सूची तैयार करने में ऐसी गड़बड़ियां कर डाली कि उससे कई जिलों के कलेक्टरों पर उसकी आंच आ रही है। एनपीजी न्यूज ने पहले ही चेता दिया था कि स्कूल शि़क्षा विभाग के खटराल अधिकारी कलेक्टरों को फंसाएंगे। एनपीजी की खबर की हेडिंग थी...कलेक्टरों को फंसाएंगे, सरकार की होगी बदनामी। और वैसा ही हो रहा। कई कलेक्टरों की जान संसत में पड़ी हुई है। उपर स्तर में पार्टी नेताओं द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही है। यही वजह है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण का टाईम बढ़ाने से साफ मना कर दिया। कहा, 4 जून के बाद बिल्कुल नहीं। कलेक्टरों को यहां तक कह दिया गया कि 4 के बाद फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी जाएगी। उसके बाद जिस जिले की फाइल लेट में सीएम साहब के पास जाएगी, उस जिले का कलेक्टर आकर जवाब देगा।
जाहिर है, कलेक्टरों पर तलवार लटक गई है। इसके बाद अधिकांश जिलों में कलेक्टर ने युक्तियुक्तकरण का मोर्चा संभाल लिया है। कई जिलों के कलेक्टर आज दोपहर से डीईओ ऑफिस में जाकर बैठ गए हैं। पता चला है, डीईओ ऑफिस में कलेक्टरों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था की जा रही है। सारे कलेक्टर आज रतजगा कर शिक्षकों की पोस्टिंग फायनल कर देंगे। कल शाम तक सभी जिलों को इसकी सूचना स्कूल शिक्ष़्ा विभाग को भेजनी है। कलेक्टरों पर प्रेशर इसलिए भी है कि स्कूल शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के पास है। उपर से युक्तियुक्तकरण में अतिशेष के नाम पर भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही। स्कूल शिक्षा विभाग की कोशिश है कि जल्दी इसे खतम किया जाए। क्योंकि, जितना लंबा खींचेगा, उतना ही मामला और पेचीदा होगा।
कई डीईओ होंगे सस्पेंड, युक्तियुक्तकरण के बाद होगी कार्रवाई, इस वजह से स्कूल शिक्षा विभाग मूकदर्शक बना
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया निबट जाने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। पता चला है, कुछ निलंबित भी किए जाएंगे। जाहिर है, सूबे में युक्तियुक्तकरण में अतिशेष सूची से नाम निकालने बीईओ, डीईओ और जेडी लेवल पर अफसरों ने अति मचा दी है। इससे शिक्षक बिरादरी में बड़ी नाराजगी है। सरकार की छबि पर भी इसकी आंच आएगी।
डीपीआई ऑफिस की गल्तियां
स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के जो नियम बनाए, उसमें कई चीजें क्लियर नहीं की गई। दावा-आपत्ति मंगाने का प्रावधान नहीं किया गया। और न ही गंभीर बीमारी का कोई उल्लेख है। इसका नतीजा यह हुआ कि कुछ जिलों ने दावा-आपत्ति मंगाई मगर बाकी जिलों ने सीधे लिस्ट जारी कर दी। अधिकांश जिलों में काउंसलिंग के एक दिन पहले या कुछ घंटे पहले अतिशेष की लिस्ट जारी की।
सारंगढ़ में कमाल
सारंगढ़ के डीईओ ने पुराने शिक्षकों को फायदा पहुंचाने जिन शिक्षकों का प्रोबेशन पूरा हो गया था, उन्हें रेगुलर नहीं किया। ताकि, पुराने शिक्षकों को लाभ पहुंचाया जा सके। अफसरों ने भी इस पर हाथ झाड़ लिया। मगर कल विधायक उत्तरी जांगड़े डीईओ ऑफिस में जाकर बैठ गई, तब जाकर अतिशेष सूची को चेंज किया गया।
व्यापक गड़बड़ियां
डीपीआई ने कहा था कि कैमरे की निगरानी में काउंसलिंग करनी है। मगर जब अतिशेष सूची में ही बीईओ और डीईओ खेल कर चुके हैं तो फिर कैमरा क्या कर लेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के खटराल बीईओ और डीईओ पैसा लेकर अतिशेष लिस्ट में ही कमाल कर दिए थे। कहीं पर सीनियर शिक्षकों को बचा लिया गया, कहीं जूनियरों पर मेहरबानी बरपा दी गई। पैसा बोलता है...के तर्ज पर अतिशेष सूची तैयार करने में खेल किया गया।
युक्तियुक्तकरण के बाद कार्रवाई
स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों से पता चला है कि युक्तियुक्तकरण के बाद कुछ बीईओ और डीईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कुछ निलंबित भी किए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी सस्पेंड करने से युक्तियुक्तरण बाधित होगा। इसलिए युक्तियुक्तकरण के बाद सरकार पूरे मामले की जांच कराएगी। क्योंकि, अतिशेष सूची के घोटालों की खबरें जनप्रतिनिधियों के जरिये सरकार तक भी पहुंच गई है। कई विधायकों ने सरकार से इसकी शिकायत की है कि बीईओ, डीईओ युक्तियुक्तकरण के नाम पर तबाही मचा दिया है।