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CG Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में बड़ा खेला, दर्ज संख्या बढ़ाने और स्कूल की दूरी ज्यादा बताने का शुरू हुआ खेल

CG Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर शिक्षक संगठनों के विरोध के बीच मुंगेली जिले में बड़ा खेला की तैयारी शिक्षा विभाग से जुड़े अफसरों ने कर लिया है। राज्य शासन की तैयारियों और मंशा पर विभागीय अफसर ही बट्टा लगा रहे हैं। यह पढ़कर आप भी चौंक जाएंगे कि विभागीय अफसर कैसे-कैसे खेल कर रहे हैं।

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By Radhakishan Sharma

CG Yuktiyuktkaran: बिलासपुर। शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर राज्य शासन ने तैयारी शुरू कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के कलेक्टर्स और डीईओ को सीधेतौर पर जवाबदारी देते हुए इस प्रक्रिया को पारदर्शितापूर्वक पूरा करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद भी विभागीय अफसर ही इस पर बट्टा लगाने की कोशिश में जुटे गए हैं। मामला मुंगेली जिले का है। विभागीय अफसरों ने कुछ ऐसी तरकीब निकाली है जिसे पढ़कर आप भी हैरत में पढ़ जाएंगे। मुंगेली जिले के विभागीय अफसरों की य तरकीब अगर पूरे प्रदेश में विभागीय अफसरों के पहुंच गई तब तो यह तय मानकर चलिए कि सरकारी की कोशिशें धरी की धरी रह जाएगी। खटराल अफसर अपनी मंशा में कामयाब हो जाएंगे।

कलेक्टर तक पहुंची शिकायत

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में विभागीय अफसरों द्वारा किए जा रहे खेला की शिकायत मुंगेली जिले के कलेक्टर कुंदन कुमार तक पहुंच गई है। कलेक्टन ने साफ कहा कि गड़बड़ी की पुष्टि होने और संबंधित अफसर की संलिप्तता सामने आने के बाद पहले एफआईआर कराया जाएगा और उसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी। कलेक्टर का साफ कहना है कि राज्य सरकार के स्पष्ट दिशा निर्देश के बाद भी अगर इस प्रक्रिया में गड़बड़ी की जाती है तो दोषी अफसर सीधे जेल जाएंगे।

ऐसे कर रहे खेला, रोड़ा अटकाने का हो रहा काम

युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में रोड़ा अटकाने के लिए स्कूलों मंं छात्रों की दर्ज संख्या को रजिस्टर में बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जैसे की एमडीएम में गड़बड़ी करने के लिए ऐसा किया जाता है। या यूं कहें कि इस तरह की हेराफेरी करने में इनको महारत हासिल है। दर्ज संख्या बढ़ाने का मतलब भी साफ है, शिक्षक अतिशेष नहीं होंगे और छात्रों की संख्या के आधार पर अपने चहेतों को एडजस्ट कर सकेंगे।

कागजों में स्कूल की दूरी को ज्यादा बताने का काम किया जा रहा है। ऐसा कर शिक्षकों को उसी स्कूल में अध्ययन अध्यापन करते रहने की आजादी मिल जाएगी। अतिशेष शिक्षक के रूप में गिनती नहीं होगी।

राज्य सरकार ने साफ कहा कि युक्तियुक्तकरण करते वक्त शिक्षक जो विषय पढ़ाते हैं और संबंधित विषय पढ़ाने के लिए ही पदस्थ किए गए हैं, अगर एक विषय के दो शिक्षक होंगे तो एक को अतिशेष मानते हुए दूसरे स्कूल में पदस्थ किया जाएगा। शासन के नियमों का तोड़ निकालते हुए अतिशेष शिक्षकों की संख्या में जानकारी देते वक्त जानबूझकर छिपाया जा रहा है।

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