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CG Yuktiyuktakaran: BEO का खेला, वरिष्ठ शिक्षिका को अतिशेष बताकर किया अन्याय, हाई कोर्ट की फटकार के बाद मिला न्याय

CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में जिला स्तर के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जमकर मनमानी की है। अपनों को बचाने के लिए ऐसे शिक्षकों को खो कर दिया जिनका नाम अतिशेष की सूची में दूर-दूर तक नहीं था। इसके लिए उन विषयों में अतिशेष बता दिया जो पढ़ाते ही नहीं और ना ही उनकी नियुक्ति भी संबंधित विषय शिक्षक के रूप में हुई है। अगर शिक्षिका हाई कोर्ट में याचिका दायर नहीं करती तो दूर के स्कूल में आज पढ़ाते रहती और अपने मजे करते रहते। हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षिका को राहत मिली है।

CG Yuktiyuktakaran: BEO का खेला, वरिष्ठ शिक्षिका को अतिशेष बताकर किया अन्याय, हाई कोर्ट की फटकार के बाद मिला न्याय
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CG Yuktiyuktakaran

By Radhakishan Sharma

CG Yuktiyuktakaran: बिलासपुर। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा बरती गई मनमानी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाली शिक्षिका फाल्गुनी यादव को हाई कोर्ट के आदेश के बाद न्याय मिल गया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर शिक्षिका हाई कोर्ट में याचिका दायर नहीं करती तो शिक्षा अधिकारियों की पोल नहीं खुलती। अतिशेष के नाम पर पूरे छत्तीसगढ़ में विभाग के अफसरों ने जमकर खेला किया है। यही कारण है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को चुनौती देते हुए 750 से अधिक शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।


छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पाली ब्लाक के शा.पू.मा.शाला रतिजा में पदस्थ शिक्षक एलबी फाल्गुनी यादव ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि अतिशेष घोषित करने के लिए बीईओ ने कैसे खेला किया है। पांच साल जूनियर शिक्षिका को अतिशेष की सूची से हटाने के लिए पांच साल वरिष्ठ फाल्गुनी को अतिशेष बता दिया। अचरज की बात ये कि जिस विषय में उसे अतिशेष बताया है वह पढ़ाती ही नहीं। कला संकाय की शिक्षिका को हिंदी विषय का शिक्षिका बताते हुए अतिशेष की सूची में शामिल कर दिया और डीईओ ने दूसरे स्कूल के लिए पदस्थापना आदेश भी जारी कर दिया। काउंसलिंग के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दूर के स्कूलों को सूची में शामिल किया। आसपास के स्कूल जहां शिक्षक के पद पहले से ही रिक्त था, उन स्कूलों को छिपा लिया। या यूं कहें कि सूची में शामिल ही नहीं किया। इसके पीछे युक्तियुक्तकरण के बाद पास के स्कूल में पदस्थापना के लिए एक बार फिर बड़ा खेला करना है। आने वाले दिनों में इस तरह की शिकायतें आएंगी भी।

युक्तियुक्तकरण की इस प्रक्रिया को हाई कोर्ट में दी थी चुनौती-

छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के 28 अप्रैल 2025 एवं 02 अगस्त 2024 को जारी आदेश के अनुसार युक्तियुक्तकरण के तहत जिला स्तर पर आयोजित काउंसलिंग 03 जून 2025 में फाल्गुनी यादव, शिक्षक एलबी. शा.पू.मा.शाला रतिजा वि.खं. पाली के द्वारा अपने स्वेच्छा से शा.पू.मा.शाला मदनपुर, वि.खं. पोड़ी उपरोड़ा का चयन किया गया। जिसके अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने 03 जून 2025 को पदस्थापना आदेश जारी किया। उक्त पदस्थापना से असंतुष्ट होकर फाल्गुनी यादव बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने और अभ्यावेदन पर नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया था।

सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने डीईओ के आदेश पर लगाया था रोक-

हाई कोर्ट ने अपने निर्देश में याचिकाकर्ता शिक्षिका को 19 जून 2025 को जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने एवं जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति को एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार निराकरण करने का निर्देश दिया गया, तब तक इनके युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही पर रोक लगाई गई है।

कलेक्टर को सौंपे अभ्यावेदन में शिक्षिका ने खोली पोल-

फाल्गुनी यादव द्वारा 16 जून.2025 को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया एवं निर्धारित तिथि 19 जून 2025 को जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष / अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। पेश अभ्यावेदन में लिखा कि मेरी शिक्षक कला में शाला में कार्यभार ग्रहण तिथि 30 अप्रैल 2013 एवं कला विषय की अन्य शिक्षिका महिमा प्रतिभा तिर्की का शाला में कार्यभार ग्रहण तिथि 16 अगस्त 2017 है जो कि मेरे से कनिष्ठ है। सूची में केवल दूरस्थ शिक्षकविहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं को ही दिखाया गया था। पास के रिक्त पद वाले शालाओं को सूची में शामिल नहीं किया गया।

जगह चयन करने दबाव डालने की शिकायत-

शिक्षिका ने कलेक्टर को साैंपे अभ्यावेदन में लिखा है कि युक्तियुतकरण की प्रक्रिया के दौरान जगह का चुनाव करने के लिए दबाव डाला गया एवं भय के कारण जगह चयन करना पड़ा। बुजुर्ग सास एवं परिवार की देखरेख में समस्या हो रही है। काउंसलिंग के दौरान मेरी सहमति जबरदस्ती ली गई। सत्र 2014-15 में मुझे कला विषय में अतिशेष किया गया था बाद में संस्था में ही गणित विषय में समायोजित किया गया। अब मुझे पुनः हिन्दी विषय में अतिशेष कर दिया गया।

डीईओ द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश को कलेक्टर ने किया रद्द-

आवेदिका के अभ्यावेदन पर विचारोपरांत फाल्गुनी यादव, शिक्षक एल.बी. (कला) की शाला में कार्यभार ग्रहण तिथि 30 अप्रैल 2013 है एवं महिमा प्रतिभा तिर्की, शिक्षक एल.बी. (कला) का शाला में कार्यभार ग्रहण तिथि 16 अगस्त2017 है। प्रस्तुत मूल दस्तावेज अनुसार फाल्गुनी यादव के शाला में कार्यभार ग्रहण तिथि अनुसार शिक्षक कला विषय में महिमा प्रतिभा तिर्की से वरिष्ठ होने के कारण फाल्गुनी यादव का अभ्यावेदन मान्य किया जाता है तथा इनके युक्तियुक्तकरण के तहत शा.पू.मा.शाला मदनपुर वि.खं. पोड़ी उपरोड़ा हेतु जारी पदस्थापना को निरस्त किया जाता है। अतिशेष शिक्षिका महिमा प्रतिभा तिर्की की युक्तियुक्तकरण के तहत आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जाता है।

इनको दी जानकारी-

महाधिवक्ता बिलासपुर हाई कोर्ट।

संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय।

काउंसलिंग समिति के समस्त सदस्य।

संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बिलासपुर।

जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा।

विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पाली।

विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पोड़ी उपरोड़ा।

फाल्गुनी यादव, शिक्षक एल.बी, शा.पूमा.शाला रतिजा विखं पाली।

महिमा प्रतिभा तिर्की, शिक्षक एलबी, शा. पू.मा.शाला रतिजा वि.खं. पाली।

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