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CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों के लिए बनी संभागीय कमेटी, देखें आदेश

CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से प्रभावित ऐसे शिक्षक जिनके मामलों की जिला स्तरीय समिति में सुनवाई नहीं हुई है, प्रकरणों के निराकरण के लिए संभाग स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। संभागीय कमेटी के चेयरमैन संभागायुक्त को बनाया गया है।

CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों के लिए बनी संभागीय कमेटी, देखें आदेश
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CG Yuktiyuktakaran

By Radhakishan Sharma

CG Yuktiyuktakaran: रायपुर। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान ऐसे शिक्षक जिनको बीईओ व डीईओ ने जानबुझकर अतिशेष की सूची में शामिल करते हुए अन्य स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश जारी कर दिया है, नई कमेटी से राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने संभागीय स्तरीय कमेटी का गठन किया है। समिति के चेयरमैन संभागायुक्त को बनाया गया है। जेडी और डीपीआई कार्यालय के सहायक संचालक को सदस्य बनाया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने कमेटी का गठन करने के साथ ही शिक्षकों के अभ्यावेदन पर सुनवाई का निर्देश जारी कर दिया है।


जिला स्तरीय समिति के निर्णय के खिलाफ चुनौती देते हुए शिक्षकों द्वारा पेश किए जाने वाले अभ्यावेदन पर संभागीय कमेटी अपना निर्णय सुनाएगी। उन शिक्षकों के लिए राहत की बात है जिनको हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद भी राहत नहीं मिल पाई है। या फिर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जिला स्तरीय समिति में अभ्यावेदन पेश करने के बाद समिति ने कोर्ट के आदेश पर निराकरण करने की औपचारिता निभाते हुए अभ्यावेदनों को निरस्त कर डीईओ के आदेश को यथावत रख दिया है। ऐसे शिक्षक दोबारा जिला स्तरीय समिति के निर्णय को चुनौती देते हुए संभागीय कमेटी के सामने अभ्यावेदन पेश कर सकेंगे।

युक्तियुक्तरण की प्रक्रिया के दौरान डीईओ के निर्देश को चुनौती देते हुए प्रदेशभर के 700 से अधिक शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने नए सिरे से जिला स्तरीय समिति के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने और अभ्यावेदन पर निराकरण का निर्देश जिला स्तरीय समिति को दिया था। जिला स्तरीय समिति ने अभ्यावेदन का निराकरण करते हुए डीईओ के पूर्व के आदेश को ही बरकरार रखा है। लिहाजा शिक्षकों को राहत नहीं मिल पाई है।

जांजगीर-चांपा जिले में अलग ही मामला-

जांजगीर चांपा जिले में शिक्षा विभाग ने चार शिक्षा ब्लाक बनाया है। अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाने और विषयों को मापदंड रखते हुए चारों ब्लाक के बीईओ ने अलग-अलग सूची बना दी है। एक बीईओ ने हिंदी को अलग विषय माना है तो दूसरे बीईओ ने हिंदी को कला संकाय के शामिल कर दिया है। इसके पीछे चहेते शिक्षकों को बचाने और दूसरे शिक्षकों को अतिशेष की सूची में डालकर खेला कर दिया है। जांजगीर डीईओ ने तो गजब ही कर दिया है। शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल करने के बाद मुंगेली जिले के लिए तबादला आदेश जारी कर दिया है।

एक चालाकी ऐसी भी-

युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के दौरान डीईओ और बीईओ जानबुझकर पास के स्कूलों को सूची में शमािल नहीं किया। इसके चलते शिक्षकों को मजबूरी में दूर के स्कूल के लिए अपनी सहमति देनी पड़ी। इस तरह की गड़बड़ी प्रदेशभर से मिल रही है। अब जबकि समीप के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है पदस्थापना के नाम पर बीईओ और डीईओ का बड़ा खेल शुरू होगा।

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