CG Yuktiyuktakaran: DEO का फ़रमान, अतिशेष शिक्षकों को एकतरफा रिलीव करने जारी किया डेडलाइन, पढ़िए क्या है आदेश में
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी ने बीईओ को पत्र लिखकर अतिशेष शिक्षक जिनको नई स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश जारी किया गया है, संबंधित स्कूलों में ज्वाइनिंग कराने का आदेश दिया है। डीईओ द्वारा जारी पत्र में सोमवार को शाम चार बजे तक हर हाल में इन शिक्षकों को रिलीव करने कहा गया है।

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कोरबा। युक्तियुक्करण को लेकर छत्तीसगढ में बवाल की स्थिति बनी हुई है। शिक्षक संगठनों ने विरोध का ऐलान कर दिया है। 11 जून से शिक्षक साझा मंच के बैनर तले शिक्षक सड़क की लड़ाई लड़ते दिखाई देंगे। विवादों के बीच कोरबा जिले के डीईओ ने बीईओ को पत्र लिखकर अतिशेष शिक्षक जिनको नई स्केल के लिए पदस्थापना आदेश जारी किया गया है,हर हाल में आज शाम चार बजे तक रिलीव कर दें व संबंधित स्कूलों में ज्वाइनिंग कराएं। डीईओ ने यह भी आदेश दिया है कि ऐसे संस्था प्रमुख जिन्होंने काउंसलिंग के बाद अतिशेष शिक्षक जिनको नई स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश जारी किया गया है,किसी कारणवश रिलीव नहीं कर पाए हैं तो आज ही ऐसे शिक्षकों को एकतरफा कार्यमुक्त रिलीव करने कहा गया है। रिलीव करने के साथ ही संबंधित स्कूलों में ज्वाइनिंग कराने निर्देश दिया गया है।
डीपीआई को देनी है जानकारी, इसलिए जारी हुआ आदेश-
डीपीआई द्वारा जारी आदेश पर नजर डालें तो 10 जून तक प्रदेश के सभी डीईओ को अतिशेष शिक्षकों की सूची, ज्वाइन करने वाले स्कूलों की जानकारी के साथ जानकारी भेजनी है। डीपीआई द्वारा तय किए गए डेडलाइन का कल आखिरी दिन है। कोरबा डीईओ के पत्र को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। कोरबा के अलावा प्रदेशभर के जिला शिक्षा अधिकारियों को डीपीआई के निर्देशानुसार और तय डेडलाइन के अनुसार अतिशेष शिक्षक जिन्होंने नई स्कूलों में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है, पूरी जानकारी देनी होगी। काउंसलिंग के बाद पुरानी स्कूल से रिलीव करना और नई स्कूल में ज्वाइन की रिपोर्ट भी देनी होगी। डीईओ ने बीईओ को यह जिम्मेदारी सौंप दी है।
शिक्षक साझा मंच की अपनी तैयारी-
युक्तियुक्तकरण के खिलाफत को लेकर शिक्षक साझा मंच की अपनी तैयारी भी शुरू हो गई है। चरणबद्ध आंदोलन का आगाज भी जल्द होने वाला है। इस बीच इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर प्रभावित शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। लिहाजा राज्य सरकार के साथ ही शिक्षक साझा मंच के पदाधिकारियों की नजरें भी इस ओर लगी रहेंगी।