CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को अधिकारियों ने बनाया मजाक, जारी है अटैचमेंट का खेल, कई स्कूलों में अब भी एक ही शिक्षक
जशपुर जिले में शिक्षा अधिकारियों ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को मजाक बनाकर रख दिया है। आलम ये कि राज्य शासन के आदेश के बाद भी शिक्षकों का अटैचमेंट खत्म नहीं किया गया है। युक्तियुक्तकरण के दौरान इन शिक्षकों को शामिल कर स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर दिया। डीईओ और बीईओ की लापरवाही और मनमानी का दुष्परिणाम सामने आने लगा है। पहली से पांचवीं तक के स्टूडेंट्स को एक शिक्षक के भरोसे कर दिया है।

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CG Yuktiyuktakaran: जशपुर। शिक्षक साझा संघ के नेताओं और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने जो आरोप लगाया था वह जशपुर जिले में सच साबित होते दिखाई दे रहा है।डीईओ और बीईओ की लापरवाही कहें या फिर मनमानी,इसका दुष्परिणाम अब जशपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे बच्चों और पालकों काे झेलना पढ़ रहा है। जिले की अधिकांश स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के मापदंडों को पूरा ही नहीं किया गया है। अधिकांश स्कूलों को एक शिक्षक के भरोसे छोड़ दिया है। NPG.NEWS को मिली जानकारी पर नजर डालें तो कक्षा पहली से पांचवीं के बच्चों को एक शिक्षक पढ़ा रहे हैं। यह स्थिति क्यों बनी,इसे पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य शासन ने शिक्षकों के संलग्नीकरण Attechment को खत्म करने का आदेश जारी किया था। अटैचमेंट खत्म करने के बाद शिक्षकों को मूल शालाओं के लिए रिलीव करना था। ऐसी स्थिति कमोबेश पूरे छत्तीसगढ़ में थी। मिल रही जानकारी पर भरोसा करें तो अभी भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है जैसी जशपुर में सामने आई है। अटैचमेंट खत्म ही नहीं किया गया है और शिक्षक आज भी मजे से मनचाहे दफ्तरों में नाैकरी कर रहे हैं। जशपुर में इसी के चलते यह स्थिति बनी है।
अटैचमेंट वाले शिक्षकों को बताया स्कूल में, पढ़ाने वालों को बता दिया अतिशेष-
जशपुर जिले में अटैचमेंट का खेल कुछ ज्यादा ही चल रहा है। युक्तियुक्तकरण के दौर में सूची बनाते वक्त डीईओ और बीईओ कार्यालय में जमकर खेला किया। हास्टल में अधीक्षक के पद पर पदस्थ शिक्षकों को स्कूल में अध्यापन कार्य में शामिल होना बताकर उन शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल कर दिया जो वास्तव में स्कूल में पढ़ाई करा रहे थे। इससे हुआ ये कि अतिशेष की सूची में नाम शामिल होने के बाद शिक्षकों को दूसरे स्कूल भेज दिया। अटैचमेंट में हास्टल अधीक्षक के पद पर नौकरी कर रहे शिक्षक हास्टल में ही हैं। ऐसे में स्कूल शिक्षकों से खाली हो गया है।
एक शिक्षक के भरोसे स्कूल-
टिमरला प्राइमरी स्कूल में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाई कराने के लिए एक शिक्षक है। प्राथमिक शाला डोंड़काचौरा में एक टीचर है। पहले यहां तीन शिक्षक हुआ करते थे। हेड मास्टर अब भी अटैचमेंट में है। प्राइमरी स्कूल झिलमिली की हेड मास्टर को हास्टल की जिम्मेदारी सौंप दी है। हेड मास्टर पंडरी बाई आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित हॉस्टल का प्रभार देख रही हैं।
यहां नियमों की अनदेखी-
मिडिल स्कूल साईटांगरटोली में 198 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र चार टीचर हैं। नियमों पर गौर करें तो 60 बच्चों पर दो शिक्षक, 61 से 90 बच्चों पर तीन, 91 से 120 बच्चों पर 4 और इसके बाद हर तीस बच्चे पर एक शिक्षक की पदस्थापना होनी थी। प्राइमरी स्कूल टिमरला में इस 50 बच्चे हैं। एक शिक्षक अब्राहम तिर्की को पदस्थ किया गया है।
