CG Yuktiyuktakaran: युक्तियुक्तकरण विवाद थमने का नहीं ले रहा नाम, अतिशेष शिक्षकों की सूची में हुआ बड़ा खेला
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बाद अब प्रदेशभर से लगातार गड़बड़ी की शिकायत मिलने लगी है। अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाते आला शिक्षा अधिकारियों के इशारे पर लंबा खेला की जानकारी भी मिल रही है। बहरहाल विवाद अब बढ़ते ही जा रहा है। शिक्षक साझा मंच के बैनर तले विरोध का ऐलान भी कर दिया गया है।

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बिलासपुर। युक्तियुक्तिकरण के नाम पर जिस तरह शिक्षकों के साथ खेला किया गया है अब विवाद की स्थिति बनने लगी है। शिकायतें मिल रही है कि अपनो को बचाने के लिए अतिशेष के नाम पर जमकर खेला किया गया है। आपाधापी कहें या फिर जानबुझकर बनाई गई शिक्षकों की सूची। ज्वाइनिंग के बाद अब पोल भी खुलने लगी है। रायगढ़ डीईओ ने 24 घंटे के भीतर ही अपने आदेश को रद्द कर दिया है। रायगढ़ के अलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से इस तरह की गड़बड़ी सामने आने लगी है।
प्रीति छाबड़ा नामक महिला शिक्षिका को जो शासकीय प्राथमिक शाला नवाडीह , सीपत में पदस्थ थी और स्कूल की दर्ज संख्या 133 है, अतिशेष बताकर काउंसलिंग के जरिए प्राथमिक शाला दर्राभाटा ( विकासखंड मस्तूरी) में पदस्थ कर दिया। एक हेड मास्टर सहित कुल 4 शिक्षक की पदस्थापना इस स्कूल में कर दी गई। जब शिक्षक ज्वाइन करने पहुंचे तो पता चला कि उस स्कूल में तो पहले से दो शिक्षक पदस्थ हैं यानी 99 की दर्ज संख्या पर प्रधान पाठक को मिलाकर कुल 6 शिक्षक हो गए हैं। नियमानुसार 99 की दर्ज संख्या पर प्रधान पाठक और दो शिक्षकों को रहना था। चार में से तीन शिक्षक स्कूल पहुंचते ही फिर से अतिशेष हो गए हैं । काउंसलिंग में दर्राभाटा में चार रिक्त पद दिखाकर कलेक्टर के सामने काउंसलिंग कराई गई है और दो शिक्षक वहां पहले से कार्यरत थे। जहां केवल एक प्रधान पाठक की जगह थी वहां तीन अन्य शिक्षकों को भेज दिया गया है।
वरिष्ठता क्रम में ही कर दी गड़बड़ी-
शासकीय प्राथमिक शाला चांटीडीह में पदस्थ सहायक शिक्षक दिनेश सिंह 2008 से बिलासपुर जिले में कार्यरत हैं। उनकी पहली पोस्टिंग कोटा ब्लॉक में सहायक शिक्षक पंचायत के तौर पर हुई थी ।2018 में संविलियन हुआ, उसके बाद 2022 में उनका ट्रांसफर चांटीडीह स्कूल हुआ। स्थानांतरण संविलियन के बाद हुआ था और जिले के अंदर हुआ था, ऐसे में वरिष्ठता प्रभावित होने का कोई मामला ही नहीं था। काउंसलिंग के लिए जब सूची तैयार की गई तो अन्य शिक्षकों का जहां नियुक्ति दिनांक लिया गया है वहीं दिनेश सिंह की गणना उनके चांटीडीह स्कूल में जॉइनिंग करने की तिथि 15 सितंबर 2022 से लिया गया जिसके चलते उनसे पहले विभाग में नियुक्त हुए सभी शिक्षकों को अपने स्कूल चयन करने का मौका मिल गया और वह अंतिम क्रम में चले गए। रसायन शास्त्र की व्याख्याता सुनंदा डोंटे का मामला भी कुछ ऐसा ही है। स्कूल दिनांक को उनका वरिष्ठता दिनांक बनाकर महिलाओं में सबसे नीचे ला दिया गया जबकि अन्य महिला व्याख्याता के वरिष्ठता क्रम का निर्धारण करते समय उनके विभाग में जॉइनिंग को लिया गया है।
कमिश्नर से इस तरह की शिकायत-
संभागायुक्त से की गई शिकायत में आत्मानंद स्कूल के शिक्षकों को मुद्दा बनाया गया है। स्वामी आत्मानंद के नाम से संचालित महारानी लक्ष्मीबाई, मल्टीपरपजे, कन्या शाला सरकंडा और बालक शाला सरकंडा के एक भी शिक्षक को अतिशेष की सूची में शामिल करने की शिकायत की गई है। महारानी लक्ष्मीबाई में रसायन शास्त्र के 3 लेक्चरर, बालक शाला सरकंडा में जीव विज्ञान के 3 व कन्या शाला सरकंडा में भौतिक शास्त्र के दो लेक्चरर कार्यरत है। इन सभी को अतिशेष सूची से बाहर रखा गया है।
ये बड़ी गफलत-
सरवानी स्कूल में पदस्थ शिक्षक राजेश कुमार तिवारी जिनका 2022 में तबादला कर दिया गया था, मुंगेली के लिए रिलीव करने के बजाय स्कूल में ही रखा गया। प्रशासनिक स्थानांतरण से स्कूल पहुंचे शिक्षक घनश्याम देवांगन को अतिशेष बताकर चपोरा ज्वाइनिंग दे दी।
प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक, बरती गई है पारदर्शिता- डीईओ तिवारी
डीईओ अनिल तिवारी का कहना है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। इसके बाद भी किसी शिक्षक को शिकायत है तो अभ्यावेदन दे सकते हैं। अभ्यावेदन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
