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CG Wildlife News: जंगल में शिकार: गर्भवती बायसन के सिर पैर काटे, दिवाली के दूसरे दिन किया शिकार

CG Wildlife News: बलौदा बाज़ार वन मण्डल के अर्जुनी परिक्षेत्र मे दिवाली के दो दिन बाद एक प्रेग्नेंट बाइसन (गौर) को शिकारियों ने बेरहमी से मार दिया।

CG Wildlife News: जंगल में शिकार: गर्भवती बायसन के सिर पैर काटे, दिवाली के दूसरे दिन किया शिकार
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By Radhakishan Sharma

CG Wildlife News: रायपुर। बलौदा बाज़ार वन मण्डल के अर्जुनी परिक्षेत्र मे दिवाली के दो दिन बाद एक प्रेग्नेंट बाइसन (गौर) को शिकारियों ने बेरहमी से मार दिया। शिकारियों को फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट की कम निगरानी के बारे में पता था, इसलिए उनके पास इस जुर्म को अंजाम देने के लिए काफ़ी समय था। उन्होंने न सिर्फ़ बाइसन को करंट लगाकर मारा, बल्कि उसका सिर और पैर भी काट दिए। मादा बायसन गर्भवती थी और उसके पेट मे विकसित शावक का भ्रूण था। इस घटना को लेकर रायपुर के नितिन सिंघवी ने वन एंव पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा है कि उनके द्वारा त्योहारी सीजन में ज्यादा शिकार होने की चेतावनी देने के बावजूद यह घटना घटी है।

सिंघवी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को शिकायत

पत्र मे लिखा है कि यह घटना तब हुई जबकि उन्होंने दिवाली के कई दिनों पूर्व चीफ़ वाइल्डलाइफ़ वार्डन सह प्रधान मुखय वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को पत्र लिखकर आशंका जताई थी कि दिवाली और होली जैसे त्योहारों के मौसम में, लंबी छुट्टियों की वजह से जब फ़ील्ड स्टाफ़ अक्सर कम असरदार हो जाता है, शिकार की घटनाएँ हमेशा बढ़ जाती हैं। शिकारी की एक्टिविटी खास तौर पर दिवाली से पहले शरद पूर्णिमा के बाद तेज़ हो जाती है। इसके अलावा, कुछ समुदाय इस समय के दौरान, खासकर दिवाली से पहले और दो दिन बाद तक जंगली जानवरों को मारते हैं। इसलिए ज़रूरी निर्देश जारी करने की मांग कि गई थी। साथ मे जहाँ भी स्निफ़र डॉग तैनात हों, वहाँ पेट्रोलिंग के लिए उन्हें असरदार तरीके से तैनात करने का सुझाव दिया गया था। पत्र मे लिखा गया था कि जंगल सफारी में अभी जो स्निफ़र डॉग है, उसे भी इस काम के लिए दिवाली के समय कुछ समय के लिए बारनवापारा अभ्यारण मे भेजा जाए।

गौरतालाब है कि बारनवापारा अभ्यारण, बलौदा बाज़ार वन मण्डल के अंतर्गत आता है. सिंघवी ने बताया कि उनके पत्र को गंभीरता से नहीं लिया गया और बिना किसी ठोस फॉलो-अप के, पोस्ट ऑफिस की तरह, बस मशीनी तरीके से डिवीजनों को फॉरवर्ड कर दिया गया। अगर स्निफर डॉग को बताए गए तरीके से भेजा गया होता, तो बलौदा बाज़ार वन मण्डल के बारनवापारा अभ्यारण मे उसकी मौजूदगी का डर भी शिकार रोकथाम का काम कर सकता था, जिससे शायद मासूम बाइसन और उसके अजन्मे बच्चे की जान बच सकती थी।

सिंघवी ने बताया कि वन विभाग की लापरवाही के कारण इसी साल दिवाली के एक दिन बाद रायगढ़ वन मण्डल मे जंगली सूअर के शिकार के लिए बिछाए गए बिजली का करंट प्रवाहित तार के चपेट मे आने से एक हाथी भी मारा गया है।

वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप

सिंघवी ने पत्र मे आरोप लगाया कि आज वन विभाग का वाइल्डलाइफ विंग वन्य प्राणियों की सुरक्षा करने का प्राथमिक काम करने की बजाए जैवविविधता के संवेदनशील इलाकों में भी इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट्स लाने मे ज्यादा व्यस्त है। सिंघवी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव से मांग की कि वन विभाग की वाइल्डलाइफ़ विंग को तुरंत निर्देश दिए जाएं कि वे टूरिज़्म को बढ़ावा देने के बजाय सिर्फ़ वाइल्डलाइफ़ प्रोटेक्शन और एंटी-पोचिंग उपायों पर ध्यान दें। हर फॉरेस्ट डिवीज़न में, खासकर सभी वाइल्डलाइफ़ सैंक्चुअरी, नेशनल पार्क और टाइगर रिज़र्व में ट्रेंड स्निफ़र डॉग स्क्वॉड तैनात किए जाने चाहिए।

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