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CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में मौसम का बड़ा उलटफेर, पांच संभागों में यलो अलर्ट, आंधी-ओलों से जनजीवन बेहाल

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में मई का महीना जहां आमतौर पर तेज गर्मी और लू के लिए जाना जाता है, वहीं इस बार मौसम ने कुछ अलग ही रुख लिया है. प्रदेश के पांचों संभागों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा में मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है. इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई है. आइये जानते हैं कैसा रहेगा छत्तीसगढ़ में मौसम का हाल.

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में मौसम का बड़ा उलटफेर, पांच संभागों में यलो अलर्ट, आंधी-ओलों से जनजीवन बेहाल
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By Anjali Vaishnav

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में मई का महीना जहां आमतौर पर तेज गर्मी और लू के लिए जाना जाता है, वहीं इस बार मौसम ने कुछ अलग ही रुख लिया है. प्रदेश के पांचों संभागों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा में मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है. इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई है. आइये जानते हैं कैसा रहेगा छत्तीसगढ़ में मौसम का हाल.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बना कारण

बीते 10-12 दिनों में प्रदेश के अधिकतम तापमान में 6 से 7 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है. गर्मी की शुरुआत में जहां तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था, वहीं अब यह 35-38 डिग्री के बीच बना हुआ है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह परिवर्तन वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ लाइन के कारण हुआ है.

रायपुर में बारिश के आसार

राजधानी रायपुर में मौसम विभाग के मुताबिक यहां धूप-छांव वाला मौसम बना रहेगा और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है. सोमवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम रहा. न्यूनतम तापमान भी 25.6 डिग्री रहा जो सामान्य से 1.2 डिग्री कम था.

बिलासपुर में तापमान सामान्य से 5.5 डिग्री नीचे

बिलासपुर में रविवार को अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.5 डिग्री कम रहा. न्यूनतम तापमान 25.1 डिग्री रहा. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही क्षेत्र में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री और न्यूनतम 18.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से काफी कम माना जा रहा है.

आंधी और बारिश का ज्यादा असर

सरगुजा संभाग में मौसम का प्रभाव और अधिक देखने को मिला. यहां के अंबिकापुर में सोमवार को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री कम था. वहीं न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री रहा, जो औसत से 2.9 डिग्री नीचे था. इस संभाग में भी आंधी और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है.

बस्तर में भी मौसम ने ली करवट

बस्तर संभाग, में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. यहां गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है. ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान होने की आशंका भी बनी हुई है.

अगले 24 घंटों में क्या होगा मौसम का मिजाज?

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 7 मई से तापमान में 1 से 3 डिग्री की वृद्धि हो सकती है. हालांकि, प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम अभी भी अस्थिर बना रहेगा. बारिश और आंधी की गतिविधियां कम होने लगेंगी, लेकिन तापमान में भी तत्काल तेज वृद्धि की संभावना नहीं है.

अचानक मौसम में आए बदलाव ने जनजीवन को काफी हद तक प्रभावित किया है. एक ओर जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर बिजली कटौती, यातायात बाधा, फसलों को नुकसान जैसी समस्याएं भी सामने आ रही हैं.

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और बारिश या आंधी के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें. साथ ही, किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को ओले और तेज हवा से बचाने के लिए सावधानी बरतें.

येलो अलर्ट का मतलब क्या है?

मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया यलो अलर्ट यह संकेत देता है कि आने वाले समय में मौसम में हल्का से मध्यम बदलाव हो सकता है, जिससे जनजीवन पर कुछ असर पड़ सकता है. इसमें बिजली गिरने, आंधी चलने, पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी घटनाएं शामिल हो सकती हैं.

क्या होता है वेस्टर्न डिस्टर्बेंस?

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक प्रकार की बर्फीली हवा होती है जो भूमध्य सागर और कैस्पियन सागर बन कर भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों तक पहुंचती है. यह अपने साथ नमी लेकर आती है जिससे बारिश और कभी-कभी ओले भी गिरते हैं. ये हवाएं आमतौर पर ईरान, इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए भारत पहुंचती हैं और खासकर उत्तर भारत और मध्य भारत में मौसम को प्रभावित करती हैं.

छत्तीसगढ़ में वर्तमान मौसम का बदलाव एक प्राकृतिक चक्र का हिस्सा है, लेकिन यह स्पष्ट संकेत है कि जलवायु में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. जहां एक ओर यह गर्मी से राहत देता है, वहीं दूसरी ओर इससे फसलों, इंफ्रास्ट्रक्चर और जनजीवन को नुकसान पहुंचने की आशंका भी बनी रहती है. लोगों और प्रशासन दोनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.

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