CG Vidhansabha: मंत्री की कमजोरी! ओपी चौधरी का प्रयास काम नहीं आया, सवाल राजेश मूणत का, बीच में कूदे चंद्राकर और हाथ सेंक लिया विपक्ष ने...
CG Vidhansabha: विधानसभा के प्रश्नकाल में आज गजब वाकया हुआ...प्रश्न पूछा राजेश मूणत ने और उसे भूना लिया विपक्ष ने। आरआई प्रमोशन घोटाले के पूरक प्रश्न पर न केवल हंगामा किया बल्कि बहिर्गमन भी कर डाला। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने काफी प्रयास किया कि राजस्व मंत्री की गाड़ी पार हो जाए, मगर ऐसा हो नही ंसका। सरकार द्वारा ईओडब्लू जांच का ऐलान और अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति दे देने के बाद भी राजस्व मंत्री इसे प्रभावशाली ढंग से सदन में रख नहीं पाए। बल्कि, कांग्रेस कार्यकाल का नाम लेकर विपक्ष को घेरने के लिए आमंत्रण दे डाला। इसका नतीजा यह हुआ कि विपक्ष ने अपनी रोटी सेंक ली।

CG Vidhansabha: रायपुर। विधानसभा के प्रश्नकाल में राजस्व मंत्री को एक ऐसे प्रश्न पर बगले झांकना पड़ा, जब सरकार ने कड़ा स्टैंड लेते हुए न केवल ईओडब्लू जांच की घोषणा ही नहीं की है बल्कि अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति दे दी है। इसके बाद भी राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा सदन में जवाब देने में लड़खड़ा गए। उनके बगल में बैठे वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने फुसफुसा कर उन्हें अपडेट करने की काफी कोशिश की...ताकि टंकराम विधायकों को संतुष्ट कर दें। मगर ऐसा हुआ नहीं। ये तब हुआ, जब कल रात ही बीजेपी विधायक दल की बैठक में समझाइश दी गई थी कि विपक्ष के हमलों का कैसे जवाब देना है।
मानसून सत्र के पहले दिन आज आरआई प्रमोशन घोटाल गूंजा। सत्ताधारी पार्टी के विधायक राजेश मूणत ने सवाल करते हुए पूछा कि इस मामले में सरकार क्या कर रही है। मूणत के तीखे हमले के बीच अजय चंद्राकर कूद पड़े। उन्होंने प्वाइंटेड सवाल किया...आरआई परीक्षा घोटाले की ईओडब्लू जांच का आदेश किसने दिया। इसका जवाब देते टंकराम वर्मा ने कांग्रेस शासनकाल का जिक्र कर दिया...पिछली सरकार में इसकी प्रक्रिया शुरू हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा जब जनवरी 2024 में हुई तो फिर हमारी सरकार कहां से आ गई। इस पर विपक्ष के उमेश पटेल, देवेंद्र यादव समेत विपक्ष के कई सदस्य भूपेश बघेल के समर्थन में खड़ होकर बोलने लगे।
साथी मंत्री द्वारा संभालने का प्रयास
प्रश्नकाल के लाइव वीडियो में देखा जा सकता है कि राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के घिरने पर उन्हीं के बेंच पर बैठे मंत्री ओपी चौधरी ने फुसफुसाकर उन्हें कुछ बताते नजर आए। वीडियो में दोनों की भाव-भंगिमा देखकर साफ लग रहा कि ओपी टंकराम को बता रहे कि ऐसा बोलिये। मगर वैसा हो नहीं सका। एक समय ऐसा आया कि टंकराम वर्मा को जवाब देते नहीं सूझ रहा था। इस पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह को बोलना पड़ा, बोलिये, मंत्री जी बोलिये...। स्पीकर ने राजस्व मंत्री को शुरू में ही टोक दिया था, जब राजेश मूणत के सवाल का जवाब देने खड़े हुए और कहा कि माननीय सदस्य इस प्रश्न को लेकर गंभीर हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्रीजी गंभीर आपको होना है, उन्हें नहीं।
फायदा उठाया विपक्ष ने
राजस्व मंत्री की पुअर तैयारी का फायदा मिला विपक्ष को। सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने प्रश्न जरूर पूछा मगर कांग्रेस ने उसे आगे बढ़ाते हुए सरकार पर न केवल हमला बोला, बल्कि अफसरों को बचाने की नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया। हालांकि, सदन से विपक्ष का बहिर्गमन कोई बड़ा इश्यू नहीं। विपक्ष अपना विरोध दर्ज करने के लिए सदन से वॉक आउट करता रहता है। महत्वपूर्ण यह है कि सरकार जिस मामले पर कड़ाई से जांच करने केस को ईओडब्लू को हैंडओवर कर चुकी है, उस बात का राजस्व मंत्री द्वारा सही ढंग से सदन में नहीं रखा जा सका। कायदे से मंत्री को इस प्रश्न का जवाब दमदारी के साथ देना था।
राजस्व विभाग द्वारा लीपापोती
हालांकि, यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री अगर ईओडब्लू को जांच के लिए नहीं दिए होते तो राजस्व विभाग ने उसे दबाने का इंतजाम कर लिया था। आरआई प्रमोशन घोटाले में आईएएस अधिकारी समेत कई अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम आ रहे हैं, इसलिए राजस्व विभाग शुरू से लीपापोती का प्रयास करता रहा। मामाल उछलने पर राजस्व विभाग ने आईएएस केडी कुंजाम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई मगर यह कमेटी भी भारी प्रेशर में रही। कमेटी के कई अफसर नहीं चाहते थे कि इसे किसी निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए। मगर कमेटी के दो सदस्य अड़ गए कि वे दस्तखत नहीं करेंगे। तब जाकर रास्ता निकाला गया कि गोलमोल रिपोर्ट दे दिया जाए।
कुंजाम कमेटी ने उच्चस्तरीय जांच की जरूरत बताई तो राजस्व विभाग ने लिंगारान करने के लिए उसे गृह विभाग को भेज पल्ला झाड़ लिया। उसके बाद गृह विभाग से पूछा भी नहीं कि इसकी क्या जांच हो रही है। एनपीजी न्यूज ने जब इस खबर को उठाया कि गृह विभाग कोई जांच एजेंसी नहीं। गृह विभाग के अधिकारियों ने भी कहा कि राजस्व विभाग अगर परीक्षा घोटाले की जांच कराना चाहता है तो उसे पुलिस के पास जाना चाहिए, गृह विभाग कोई जांच एजेंसी नहीं है। इसके बाद राजस्व विभाग की स्थिति हास्यपद हो गई।
राजस्व मंत्री का सदन को आश्वासन
प्रश्नकाल में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन को बताया कि आरआई प्रमोशन मामले में किसी को भी बचाया नहीं जाएगा। उन्होंने सदन का आश्वासन दिया कि अगले सत्र से पहले इस भर्ती घोटाले की जांच हो जाएगी।
