Begin typing your search above and press return to search.

CG Vidhansabha: जानिये 18 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र क्यों बुलाया गया? नए भवन में विधानसभा शिफ्ट करने के क्या हैं नियम और प्रक्रिया?

CG Vidhansabha: नए विधानसभा में शीतकालीन सत्र से पहले पुराने विधानसभा भवन में एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसे विदाई सत्र नाम दिया गया है। मगर नियमों की दृष्टि से इस सत्र को बुलाया जाना अपरिहार्य था। जानिये विधानसभा को नए भवन में शिफ्ट करने के क्या है नियम?

CG Vidhansabha: जानिये 18 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र क्यों बुलाया गया? नए भवन में विधानसभा शिफ्ट करने के क्या हैं नियम और प्रक्रिया?
X
By Gopal Rao

CG Vidhansabha: रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन का उद्घाटन हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्योत्सव के दौरान एक नवंबर को नवा रायपुर स्थित नवनिर्मित विस भवन का लोकार्पण किया। इस नए भवन में अगल शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाएगा। याने रेगुलर सत्र अब नए भवन में होंगे।

मगर शीतकालील सत्र से पहले 18 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसे विदाई सत्र कहा गया है। इसमें विधायक पुराने विधानसभा भवन में अपने अनुभवों को शेयर करेंगे।

सदन की सहमति जरूरी

संसदीय नियमों के तहत विधानसभा या लोकसभा को नए भवन में शिफ्ट किया जाता है तो उसके लिए सदन की सहमति आवश्क होती है। जिस तरह किसी विधयेक को पारित करने के लिए सदन की अनुमति जरूरी होती है, उसी तरह विधानसभा और लोकसभा को शिफ्थ करने के लिए भी चाहिए होता है। दिल्ली में जब पिछले साल लोकसभा और राज्यसभा नए भवन में शिफ्ट हुआ तो उसमें प्रस्ताव पारित किया गया था।

क्या होगा 18 को विशेष सत्र में

18 नवंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। ये नियमित सत्र नहीं है, इसलिए इसमें प्रश्नकाल नहीं होगा। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर, सदन के नेता, नेता प्रतिपक्ष समेत मंत्री, विधायक अपने अनुभव शेयर करेंगे। फिर आएगा महत्वपूर्ण क्षण, जब विधानसभा अध्यक्ष डॉ0 रमन सिंह विधानसभा को नए भवन में शिफ्ट करने के साथ ही अगला शीतकालीन सत्र नए विधानसभा भवन में रखने का प्रस्ताव पेश करेंगे। इस प्रस्ताव पर सदन की सहमति लगेगी। विधायक हाथ उठाकर इस प्रस्ताव को पारित करेंगे, फिर विधानसभा अध्यक्ष नए विधानसभा भवन में अगले सत्र होने का ऐलान करेंगे।

इतिहास बन जाएगा विधानसभा भवन

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद केंद्रीय जल संसाधन विभाग के भवन को विधानसभा के लिए चुना गया था। दिलचस्प यह है कि इस बिल्डिंग की बनावट ऐसी की गई थी मानो विधानसभा के लिए ही तैयार किया गया हो। इसीलिए सरकार को इस भवन में ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी। हर साल बजट, मानसून और शीतकालीन मिलाकर 25 साल में 75 सत्र आयोजित किया गया। तीन विशेष सत्र भी बुलाए गए। 18 नवंबर की शाम के बाद विधानसभा भवन अब इतिहास बनकर रह जाएगा। अब इसे पुराना विधानसभा भवन कहा जाएगा। आगे इस बिल्डिंग को किस रूप में उपयोग किया जाएगा, ये अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।

Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

Read MoreRead Less

Next Story