CG Vidhansabha Budget Session 2025: विधायक धरमलाल कौशिक ने अरपा के प्रदूषण का उठाया मुद्दा, डिप्टी सीएम ने दिया कुछ इस तरह जवाब
CG Vidhansabha Budget Session 2025: बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के विधायक धरमलाल कौशिक ने अरपा नदी में प्रदूषण का मुद्दा उठाया। डिप्टी स्पीकर व नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने अरपा नदी में प्रदूषण को नियंत्रित करने की घोषणा करने के साथ ही समुचित कार्ययोजना बनाकर अरपा के संरक्षण व संवर्धन की बात कही।

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व बिल्हा के विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानकर्षण के जरिये अरपा नदी के प्रदूषण के मामले को उठाया। कौशिक ने कहा कि अरपा नदी बिलासपुर जिले कि जीवन दायनी नदी है और जिस तरह से नाले के गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट के नदी में बह रहा है।साथ ही नदी क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, जो शहर की प्रगति के लिए आवश्यक हैं। लेकिन इसके साथ ही, विभिन्न नालों का जल इसमें प्रवाहित होने से नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह भविष्य में गंभीर संकट का कारण बन सकता है।
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने अरपा नदी के पुनर्जीवन के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाने और ठोस कदम उठाने की मांग की है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव द्वारा जवाब में अरपा नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए सुव्यवस्थित बड़ी परियोजना बनाने की घोषणा कि है और कहा कि इस समस्या के समाधान हेतु बड़ी परियोजना बनाकर फिर से अरपा नदी को जीवनदायिनी नदी बनाएंगे।
0 दूषित जल के उपचार के लिए एसटीपी का काम पूर्णता की ओर
बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 9 नालों के दूषित जल उपचार हेतु 04 नग एसटीपी जिसमें कोनी 6 एमएलडी, मंगला, 10-एमएलडी, मंगला-6 एमएलडी, पचरी घाट में 1 एमएलडी के कुल 23 एमएलडी एसटीपी का निर्माण पूर्णता की ओर है। कौशिक ने उपमुख्यंत्री अरुण साव का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बिलासपुर की जीवनदायिनी आरपा नदी न केवल इस शहर की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि हजारों लोगों की दैनिक जरूरतों का आधार भी है। इसके जल का उपयोग आसपास के निवासियों द्वारा स्नान, घरेलू कार्यों और अन्य आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। निश्चित ही इस सुव्यवस्थित कार्ययोजना से आने वाले समय पर अरपा नदी का जल संरक्षित रहेगा, सुरक्षित रहेगा और व्यवस्थित रहेगा। जिससे इसका जल स्वच्छ बना रहे और इसका उपयोग करने वाले लोगों को शुद्ध जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।