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CG Vidhansabha Budget Session 2025: छत्तीसगढ़ में जमीन का ऐसा खेला, 56 करोड़ की जमीन को अफसरों ने बिल्डर को 9 करोड़ में दे दी

CG Vidhansabha Budget Session 2025: राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन की अफरा-तफरी का मामला सबसे ज्यादा देखने में आया है। राजस्व विभाग के अफसरों से लेकर मैदानी अमले के साथ सांठगांठ कर भूमाफियाओं ने जमकर खेला किया है। इसी तरह का एक चौंकाने वाला मामला सदन में भी उठा। बिल्हा के विधायक धरमलाल कौशिक ने राजधानी रायपुर से लगे अमलीडीह के शासकीय भूखंड वह भी गोचर की जमीन को बिल्डर रामाबिल्डकान को कौड़ी के मोल देने का मामला उठाया। बाजार मूल्य में 56 करोड़ की चरई की जमीन को अफसरों ने बिल्डर से मिलीभगत कर मात्र 9 करोड़ में दे दिया। विधायक ने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से पूछा कि करोड़ाें की सरकारी जमीन को कौड़ी के मोल देने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे क्या।

CG Vidhansabha Budget Session 2025: छत्तीसगढ़ में जमीन का ऐसा खेला, 56 करोड़ की जमीन को अफसरों ने बिल्डर को 9 करोड़ में दे दी
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By Sandeep Kumar

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। विधायक धरमलाल कौशिक ने शासकीय जमीन के आवंटन में अफसरों और बिल्डरों की सांठगांठ का मामला सदन में उठाया। विधायक ने राजस्व मंत्री ने पूछा कि राजधानी रायपुर से लगे एक गांव में गोचर की जमीन को अफसरों ने मिलीभगत कर एक बिल्डर को कौड़ी के मोल आवंटित कर दिया था।आवंटन के बाद उसे निरस्त कर दिया है। निरस्त करने का कारण बताएंगे क्या। मंत्री ने जो जवाब दिया उसे सुनकर विधायक ने मंत्री से पूछा कि आपकी ओर से लिखित में जो जवाब दिया गया है उसे सही मानें या फिर सदन में आप जो मौखिक जवाब दे रहे हैं उसे सही माना जाए। मंत्री की चुप्पी के बाद विधायक कौशिक ने कहा कि दोनों से एक जवाब आपका गलत है। विधायक के सवालों से मंत्री टंकराम वर्मा पूरी तरह घिरे रहे, जवाब देते नहीं बना।

विधायक कौशिक के सवालों के बीच राजस्व मंत्री ने बताया कि राज्य शासन की योजना व नियमों के तहत अमलीडीह में रामा बिल्डकान को जमीन आवंटित किया गया था। जुलाई में शासन के द्वारा नीति में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत पूर्व में बनाए गए नियमों के तहत भूमि आवंटन के नियमों को निरस्त कर दिया गया। रामा बिल्डकान को भूमि का आवंटन नहीं किया गया था। आवंटन की प्रक्रिया चल रही थी। समय सीमा में मद परिवर्तन भी नहीं कराया था। राज्य शासन ने प्रक्रियाधीन प्रकरणों को निरस्त करने का निर्णय लिया था। इसी के तहत निरस्त कर दिया गया है। राज्य शासन ने जमीन आवंटन के लिए दरें तय कर दी थी। निर्धारित दर के आधार पर कई शर्तों के तहत जमीन का आवंटन किया गया था।

0 विधायक कौशिक ने बिल्डर और अफसरों की मिलीभगत की खोली पोल

मंत्री के जवाब के बाद विधायक कौशिक ने अफसरों और बिल्डर की मिलीभगत की पोल खोलते हुए कहा कि राजस्व विभाग के अफसरों ने चरई की जमीन को आवंटित कर दिया था। गोचर की जमीन का आवंटन नहीं होता और ना ही किया जाता है। राज्य शासन की नियमों की आड़ में राजस्व विभाग के अफसरों ने जानबुझकर गोचर की जमीन का आवंटन कर दिया। बिल्डर को सरकारी जमीन के एवज में 56 करोड़ रुपये पटाना था। अफसरों से मिलीभगत कर महज 9 करोड़ में ही जमीन ले ली। विधायक ने मंत्री से पूछा कि वर्तमान में जमीन किसके नाम पर है। राजस्व मंत्री ने बताया कि राजस्व दस्तावेजों में जमीन शासन के नाम पर है।

0 विधायक कौशिक ने पूछा, 56 करोड़ की जमीन को 9 करोड़ में देंगे क्या

राजस्व मंत्री के जवाब के बाद विधायक कौशिक ने मंत्री से पूछा कि राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर 56 करोड़ की जमीन को 9 करोड़ में बिल्डर को देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे क्या। जिस अधिकारी ने सरकार को अंधेरे में रखकर गड़बड़ी की है उसके खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे।सरकार की जमीन को रेवड़ी की तरह बांट देंगे क्या। जब चाहेंगे बांट देंगे और जब चाहेंगे निरस्त कर देंगे।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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