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CG Vidhansabha Budget Session 2025: धर्मजीत सिंह की तल्खी, कोयला का पैसा खाए हो तो हिसाब तो देना होगा

CG Vidhansabha Budget Session 2025: विधानसभा में बजट सत्र के दसवें दिन प्रश्नकाल के दौरान पूरे एक घंटे छत्तीसगढ़ में कोल लेव्ही घोटाला छाया रहा। कोयला घोटाले में ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल सहित आधा दर्जन लोगों के ठिकानों पर दबिश देकर जांच पड़ताल कर रही है। ईडी की कार्रवाई के विरोध में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा मचाया। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी और हंगामा के बीच तखतपुर के विधायक धर्मजीत सिंह की तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई। विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि कोरबा में कोयला का पैसा खाए हो। ईडी आ रही है तो तकलीफ हो रही है। हिसाब तो देना पड़ेगा ना।

CG Vidhansabha Budget Session 2025: धर्मजीत सिंह की तल्खी, कोयला का पैसा खाए हो तो हिसाब तो देना होगा
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By Radhakishan Sharma

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। कोयला लेव्ही घोटाले और ईडी की कार्रवाई को लेकर सोमवार को सदन में अभूतपूर्व हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्यों ने राज्य सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए ईडी के नाम पर डराना बंद करो,जैसे नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में प्रवेश कर गए। नियमों और व्यवस्था के तहत सदस्यों के गर्भगृह में प्रवेश मतलब स्वत: निलंबन। निलंबित होने के बाद भी सदस्य सदन के भीतर नारेबाजी करते रहे।

इस बीच तखतपुर के विधायक धर्मजीत सिंह की तल्खी भी सामने आई। प्रश्नकाल को बाधित करने और विधानसभा अध्यक्ष के अनुरोध के बाबद भी लगातार नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से धर्मजीत सिंह ने कहा कि कोरबा में कोयला का पैसा खाए हो,हिसाब तो देना पड़ेगा। ईडी आ रही है तो तकलीफ क्यों हो रही है। विपक्षी सदस्यों के नारेबाजी और प्रश्नकाल को बाधित करने से विधायक अजय चंद्राकर भी नाराज दिखे। धर्मजीत सिंह और अजय चंद्राकर ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष की भूमिका गैर जिम्मेदारना रही है। गैर जिम्मेदारी के साथ विपक्ष अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। विपक्षी अपनी बातों को नियमों के तहत उठा सकता है। कांग्रेस को नियम, कानून कायदे पर विश्वास नहीं है।

0 विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- प्रश्नकाल महत्वपूर्ण

विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण सत्र होता है। यह सुचारु रूप से चले यह सुनिश्चित करने का काम हम सबका है। शून्यकाल में पर्याप्त समय मिलेगा। सदस्य अपनी बात विस्तार से शून्यकाल के दौरान रख सकते हैं। प्रश्नकाल को बाधित ना करें इसे चलने दें। विधानसभा अध्यक्ष की समझाइश का कोई असर विपक्षी सदस्याें को नहीं हुआ। पूरे समय सदन के भीतर ईडी की कार्रवाई के विराेध में नारेबाजी करते रहे।

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