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CG Vidhabsabha Session 2025: शहीदों के बेटों को डिप्टी कलेक्टर बना सकते हैं तो शहीद की पत्नी को सब इंस्पेक्टर क्यों नहीं?

CG Vidhabsabha Session 2025: तखतपुर के विधायक धर्मजीत सिंह ने सदन में अनुकंपा नियुक्ति का मामला उठाया। सदन में मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार जब शहीद एसपी विनोद चौबे व पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा के बेटे को विशेष अनुकंपा नियुक्ति देते हुए डिप्टी कलेक्टर बना सकते हैं तब छत्तीसगढ़ के लिए शहीद होने वाले एक शहीद पुलिस अधिकारी की पत्नी को सब इंसपेक्टर क्यों नहीं बना सकते। गृह मंत्री ने जब नियम व प्रावधान की दुहाई दी तब विधायक धर्मजीत से सवाल किया और कहा कि पूर्व में जो कुछ हुआ वह नियमों के तहत हुआ क्या। विधायक ने मंत्री से कहा कि शहीद के विधवा को पति के रेंज के अनुरुप नौकरी दे सकते हैं तो विचार करें। उन्होंने पूछा कि क्या इस मामले को कैबिनेट में लेकर जाएंगे। पढ़िए गृह मंत्री ने विधायक के माध्यम से अपने जवाब से सदन को किस तरह आश्वस्त किया।

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CG Vidhabsabha Session 2025: शहीद एसपी चौबे और कर्मा के बेटे को डिप्टी कलेक्टर बना सकते हैं तो शहीद की पत्नी को सब इंस्पेक्टर क्यों नहीं?

By Radhakishan Sharma

CG Vidhabsabha Session 2025: रायपुर। तखतपुर के विधायक धर्मजीत सिंह ने सदन में आज अनुकंपा नियुक्ति के तहत शासकीय अधिकारी व कर्मचारी के आश्रितों को दिए जाने वाली नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए। गृह मंत्री से कहा कि शहीद पुलिस अधिकारी की पत्नी को पति के रेंज के अनुसार नौकरी दे सकते हैं तो इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। विधायक के सवाल के जवाब में जब गृह मंत्री ने नियम व प्रावधान की बात कही तब धर्मजीत सिंह ने राज्य सरकार द्वारा पूर्व में लिए दो महत्वपूर्ण निर्णयों का हवाला दिया।

शहीद एसपी स्व विनोद चौबे और पूर्व मंत्री स्व महेंद्र कर्मा के बेटे को विशेष अनुकंपा के तहत डिप्टी कलेक्टर बनाए जाने की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार ने ही तो लिया है। शहीद पुलिस अफसर की विधवा के बारे में सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार क्यों नहीं कर सकती। उन्होंने गृह मंत्री से पूछा कि क्या वे इस विषय को लेकर कैबिनेट के समक्ष रखेंगे। गृह मंत्री विजय शर्मा ने विधायक धर्मजीत सिंह व सदन को आश्वस्त किया कि कैबिनेट मीटिंग में इस विषय को रखेंगे।

प्रश्नकाल के दौरान विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि वह अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में दो विशिष्ट प्रकरण की ओर गृह मंत्री और सदन का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शहीद उप निरीक्षक की पत्नी व बीमारी से ग्रस्त एक बच्ची के अनुकंपा नियुक्ति का मामला है। शहीद निलेश पांडेय की पत्नी कल्पना पांडेय को सहायक उप निरीक्षक एम के पद पर नियुक्ति दी है।

एकता तिवारी की मां सहायक उप निरीक्षक अ के पद पर बिलासपुर में कार्यरत थी। उनके निधन के बाद एकता को पहले बाल सिपाही फिर सिपाही बनाया गया। विधायक के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि 2013 में नियुक्ति दी गई थी। अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में बनाए गए नियमों व प्रावधान की जानकारी देते हुए कहा कि एक बार नियुक्ति देने के बाद पुन: नियुक्ति नहीं दी जा सकती।

0 बड़े पद पर काम करने का सबको है अधिकार

विधायक धर्मजीत सिंह ने गृह मंत्री से कहा कि हम आपकी गलती नहीं निकाल रहे हैं। अनुकंपा नियुक्ति के तहत सबको बड़े पद पर काम करने की इच्छा होती है और यह अधिकार भी है। हम तो आपसे अनुरोध कर रहे हैं। एक शहीद की विधवा के साथ सरकार न्याय तो कर सकती है। इसी बीच स्पीकर डा रमन सिंह ने कहा कि मंत्री वहीं करेंगे जो नियमों में होगा। विधायक धर्मजीत ने कहा कि नियम बनाने वाले कौन हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने ही तो दो विशेष अनुकंपा नियुक्ति दी है। शहीद की पत्नी का मामला कैबिनेट में रखकर इस पर विचार क्यों नहीं किया जा सकता। गृह मंत्री ने विधायक को आश्वस्त किया कि शहीद की पत्नी का विषय कैबिनेट की मीटिंग में रखेंगे।

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