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CG Transport Service: सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सरकार के प्रयासों से लगातार हो रही बढ़ोतरी, 240 ई बसों के अलावा सड़क यात्रा में सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का भी रखा जा रहा ध्यान

CG Transport Service: सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाने विष्णुदेव साय सरकार लगातार पहल कर प्रयास कर रही है। जनता को किफायती, आरामदायक आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव पर 240 ई बसों की स्वीकृति राज्य सरकार ने प्रदान की है। जिसे विभिन्न शहरों में संचालित किया जा रहा है। इसी तरह सड़क परिवहन और यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए 48 नवीन वाहन परिवहन के उड़न दस्ता दल को दिए गए है।

CG Transport Service: सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सरकार के प्रयासों से लगातार हो रही बढ़ोतरी, 240 ई बसों के अलावा सड़क यात्रा में सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का भी रखा जा रहा ध्यान
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By Radhakishan Sharma

CG Transport Service: रायपुर। आम जनता के लिए सुविधायुक्त,किफायती सार्वजनिक परिवहन सेवाएं उपलब्ध करवाने में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार लगातार प्रयासरत है। सार्वजनिक परिवहन के अलावा यात्रियों की सुविधा और पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके ऐसे प्रयास लगातार सरकार के द्वारा हो रहे हैं। जिसके चलते प्राइवेट ट्रांसपोर्ट में जनता को रुपए नहीं फूंकने पड़ रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने से अपेक्षाकृत दुर्घटनाओं में कमी आई है और पर्यावरण की सुरक्षा हो रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सार्वजनिक परिवहन को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार को प्रपोजल भिजवाया था। उक्त प्रपोजल को स्वीकृति देते हुए भारत सरकार के द्वारा पीएम ई बस सेवा योजना के तहत छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक परिवहन के लिए 240 इलेक्ट्रिक बसों की स्वीकृति प्रदान की है। गौर तलब है कि शहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना शुरू की गई है। केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत बेसन का संचालन छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर सहित न्यायधानी बिलासपुर,औद्योगिक जिले कोरबा और दुर्ग–भिलाई में किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा भेजे गए प्रपोजल पर राजधानी के लिए 100 बस, बिलासपुर, दुर्ग– भिलाई के लिए 50–50 बसों का प्रस्ताव भेजा गया था,जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है।

केंद्र सरकार की सार्वजनिक परिवहन के लिए राज्य को प्रदान की जाने वाली इस योजना के तहत सुविधा में निगमों को बसों की खरीदी करने तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कुल तीन तरह की बसें इस योजना में चलाई जाएंगी। जिसमें स्टैंडर्ड,मीडियम और मिनी बसें चलाई जाएंगी। शेरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है। बजट का बड़ा हिस्सा शहर में बस डिपो के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाता है। इलेक्ट्रिक बसें होने के चलते कम कार्बन उत्सर्जन करती है जिससे कम वायु प्रदूषण होता है और पर्यावरण का भी संरक्षण होता है। इसके चलते ऊर्जा भी कम खपत होती है और नागरिकों को भी सस्ती तथा आरामदायक परिवहन की सुविधा मिलती है।

छत्तीसगढ़ में इस योजना को विष्णु देव साय सरकार मेट्रो ट्रेन के विकल्प के रूप में विकसित कर रही है। जिसके चलते लोगों को कम खर्चे में किफायती और सुविधाजनक आवागमन सुविधा मिले। जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियां में शहरों को बांट कर ई बसों की पात्रता दी जाती है। 20 से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को डेढ़ सौ बसों की पात्रता, 10 से 20 लाख आबादी वाले शहरों को 100 बसों की पात्रता, तथा 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई बसों की पात्रता है।

छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों को मिली इतनी बसें

छत्तीसगढ़ शासन के प्रस्ताव के आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई बस,बिलासपुर को 35 मीडियम ई बस,दुर्ग– भिलाई को 50 ई बस तथा कोरबा को बीस मीडियम एवं 20 मिनी बसों की स्वीकृति दी गई है।

परिवहन और यातायात सुरक्षा के लिए 48 बसों की तैनाती

सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के अलावा सड़क मार्ग से यात्रा या करने वाले राहगीरों की सुरक्षित यात्रा को भी सरकार प्राथमिकता देकर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में परिवहन और यातायात सुरक्षा में लगे उड़न दस्ता दल को 48 नवीन वाहनों की स्वीकृति देकर सड़कों में तैनाती दी गई है। परिवहन विभाग के निरीक्षकों को वाहनों की जिम्मेदारी दी गई है। परिवहन विभाग के उड़न दस्ता दल में चलने वाले यह वाहन लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए जागरूक करेगी,जिससे कि दुर्घटनाओं में कमी आ सके। इसके अलावा सुरक्षा मानकों के बेहतर क्रियान्वयन, यातायात व्यवस्था में सुधार एवं अनुशासन बनाए रखने में भी इन वाहनों का उपयोग हो रहा है। इससे दूर दराज के क्षेत्र में भी परिवहन दस्ते की निगरानी और पहुंच सुनिश्चित हो जाएगी। इसके अलावा हाईवे की सड़कों में इन वाहनों से दुर्घटना की स्थिति में तत्काल पहुंचे घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाना और दुर्घटना कारित करने वाले वाहनों का चिन्हांकन कर आगे की कार्यवाही में भी मदद मिलेगी।

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