CG Transfer: बैकडेट से तबादला करने नगरीय प्रशासन विभाग ने ई-ऑफिस से आदेश नहीं निकाला, बड़ी संख्या में बाबुओं को बना दिया अफसर...
CG Transfer: छत्तीसगढ़ सरकार ने महीने भर के लिए ट्रांसफर से बैन हटाया था। मगर नगरीय प्रशासन विभाग ने बैक डेट से ट्रांसफर कर डाला। इसके लिए ई-ऑफिस से आदेश नहीं निकाला गया, ताकि लोगों को इसका पता न चल जाए। जबकि, सारे मुख्यमंत्री समेत सारे मंत्रियों के विभागों में ई-ऑफिस से तबादला आदेश निकाला गया। सचिवों ने भी मंत्रियों को दो टूक कह दिया था कि सरकार का सख्त निर्देश है...ई-ऑफिस से ही ट्रांसफर आदेश निकलेगा। यही वजह है कि बैन हटाने का पांच दिन टाईम बढ़ाने के लिए जीएडी को आदेश निकालना पड़ा। वरना, पहले तो नियत डेट के महीने भर बाद तक आदेश निकलते रहता था।

CG Transfer: रायपुर। नगरीय प्रशासन विभाग अपने कारनामों से हमेशा चर्चाओं में रहता है। पहले 183 नगरीय निकायों में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी की प्रतिमा लगाने में कमीशनखोरी को लेकर मामला गर्म रहा। पद्मश्री सम्मान प्राप्त मूर्तिकार ने इसको लेकर सरकार से शिकायतें की थी। उधर, 72 नगरीय निकायों में क्लास थ्री के मुलाजिमों को प्रभारी सीएमओ बनाए जाने का खुलासा भी एनपीजी न्यूज ने किया था। इन 72 में से 20 कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर आर्थिक अनियमितता की शिकायतें दर्ज है। इसके बाद भी नगरीय प्रशासन विभाग ने कमाल करते हुए उन्हें निकायों में मुख्य नगरपालिक अधिकारी बना दिया।
आश्चर्य की बात यह कि 33 में से 15 जिला मुख्यालयों के नगरीय निकायों में भी सहायक ग्रेड-टू या राजस्व उप निरीक्षकों को सीएमओ अपाइंट किया गया है। इनमें दंतेवाड़ा, कोंडागांव जैसे बड़े जिले शामिल हैं।
ई-ऑफिस को नजरअंदाज
ताजा मामला ई-ऑफिस से ट्रांसफर का है। बता दें, सरकार का पूरा सिस्टम ई-ऑफिस से काम कर रहा है। ऑनलाइन आदेश निकल रहे हैं और ऑनलाइन नोटशीट चल रही है। मुख्यमंत्री खुद अपना काम भी ऑनलाईन कर रहे हैं। इस बार ट्रांसफर आदेश भी ई-ऑफिस से निकाला गया। यही वजह है कि नगरीय प्रशासन को छोड़कर कोई दूसरा विभाग हार्ड पेपर में आदेश नहीं निकाला। नगरीय प्रशासन विभाग ने ज्वाइंट डायरेक्टर से लेकर बाबुओं तक के करीब 100 लोगों का ट्रांसफर किया, उसे ई-ऑफिस की जगह हार्ड पेपर में आदेश निकाल दिया। आदेश में हालांकि डेट 30 जून का डला है। मगर सूत्रों का कहना है कि ट्रांसफर बाद में किया गया। यही वजह है कि ई-ऑफिस से आदेश नहीं निकाला गया। ई-ऑफिस साफ्टवेयर से ट्रांसफर आदेश निकलता तो जिस डेट को ट्रांसफर किया जाता, वह डेट आदेश में अंकित हो जाता।
अफसरों ने किया दो टूक इंकार
ई-ऑफिस की मजबूरी थी कि मंत्रियों को 30 जून तक ट्रांससर आदेश निकालना पड़ा। वरना, पहले टाईम खतम होने के महीने भर बाद तक बैकडेट में आदेश निकलते रहते थे। ऑनलाईन वर्किंग का ही प्रभाव था कि सामान्य प्रशासन विभाग को बैन की मियाद पांच दिन बढ़ाने के लिए बकायदा आदेश निकालना पड़ा। पहले ऐसा कभी डेट नहीं बढ़ाया जाता था। भीतर-ही-भीतर सब हो जाता था।
ट्रांसफर आदेश जारी नहीं
दिलचस्प यह है कि बाकी सभी विभागों के ट्रांसफर आदेश जारी किए गए मगर नगरीय प्रशासन विभाग का तबादला आदेश जारी नहीं किया गया। इसलिए किसी मीडिया में भी इसकी खबर नहीं आ पाई। विभाग को डर था कि मीडिया में खबर आने के बाद बैक डेट से तबादले का पोल खुल जाएगा। क्योंकि, अगर ई-ऑफिस से ट्रांसफर करना होता तो फिर हार्ड कॉपी में आदेश क्यों निकाला जाता।
बाबुओं को बना दिया अफसर
नगरीय प्रशासन विभाग ने हालांकि, तबादले में 10 प्रभारी सीएमओ को हटाया है मगर इस लिस्ट में भी 18 निकायों में प्रभारी मुख्य नगरपालिक अधिकारी बनाया गया है, जो बाबू स्तर के कर्मचारी हैं।
