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CG Train News: बारिश के चलते रेलवे ट्रैक पर खतरा, रेलवे ने बनाया स्थाई पोस्ट, कर्मचारी पल-पल का दे रहे अपडेट

CG Train News: बारिश के चलते रेलवे ट्रैक पर खतरा बढ़ गया है। नदी– नालों के ऊपर से गुजर रहे रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए रेलवे ने वहां स्थाई पोस्ट बनाकर तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी है। पोस्ट में तैनात कर्मचारी मौसम और ट्रैक की स्थिति की जानकारी अफसरों को दे रहे हैं। कहीं कोई खराबी आई तो इसमें सुधार के लिए इंजीनियरों को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

बारिश के चलते रेलवे ट्रैक पर खतरा,  रेलवे ने बनाया स्थाई पोस्ट, कर्मचारी पल-पल का दे रहे अपडेट
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By Radhakishan Sharma

CG Train News: बिलासपुर। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ट्रेनों का परिचालन भी इससे प्रभावित हो रहा है। यात्री गाड़ियों को दुर्घटना से बचने के लिए रेलवे सतर्क मोड पर है। इसके लिए रेलवे ने अलर्ट जारी किया है। नदी– नालों के ऊपर बने पुल जहां से ट्रेनें गुजरती हैं व रेल परिचालन के नजरिए से खतरनाक जगहों पर, स्थायी पोस्ट बनाकर निगरानी के लिए तीन शिफ्टों में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। यह कर्मचारी मौसम की और रेलवे ट्रैक की स्थितियों की पल-पल का अपडेट अफसरों को दे रहे हैं। सबसे अधिक चौकसी मुंबई– हावड़ा रूट और कटनी रूट की हो रही हैं।

मुंबई-हावड़ा रूट सबसे व्यस्त लाइन है। कटनी रूट डिवीजन व जोन का सबसे खतरनाक रूट है। इन दोनों लाइनों में छोटी सी लापरवाही बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए रेलवे लगातार दोनों लाइनों के खतरनाक पाइंट पर की चौकसी करा रही है। दोनों रूट के सभी डेंजर पाइंट पर कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। हर थोड़ी-थोड़ी देर में लाइन की रिपोर्ट सेक्शन इंजीनियरों को दे रहे हैं। इसके अलावा नदी नालों के जल स्तर के घटने और बढ़ने की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। ऐसे सभी पाइंट जहां नदी-नाले हैं, वहां रेलवे के परमानेंट पोस्ट हैं। इनमें अब तीन शिफ्ट में कर्मचारी तैनात हैं। खतरा बढ़ते ही इनकी सूचना पर ट्रेनों की रफ्तार संबंधित पाइंट में कम कर दी जाएगी। खतरा बहुत ज्यादा रहा तो ट्रेनों को डायवर्ट रूट से भी रेलवे चलाने का निर्णय ले सकती है।

खोडरी से खोंगसरा सबसे खतरनाक लाइन

बिलासपुर डिवीजन के खोडरी से खोंगसरा के बीच की लाइन सबसे ज्यादा संवेदनशील है। यहां बारिश के चलते जंगल के बीच लैंड स्लाइड से पहाड़ से पत्थर गिरकर कभी भी ट्रैक पर गिर सकते हैं। हालांकि रेलवे ने पहाड़ों को लोहे की जाली से बांध रखा है। पेड़ गिरने के अलावा नदी-नालों का जल स्तर बढ़ने से भी रूट पर खतरा बना रहता है।

शहडोल मुरमुरा नदी और उदल कछार में पानी कम

शहडोल के मुरमुरा नदी उदल कछार के अमृत धारा में अभी जल स्तर कम है। उदल कछार स्टेशन और शहडोल में एक-एक टीम दोनों जगहों पर तैनात है। बता दें कुछ दिनों पहले हुई तेज बारिश में शहडोल स्टेशन का प्लेटफार्म में पानी भर गया था। सारे सिग्नल ठप पड़ गए थे। इसलिए नदी के जल स्तर की मॉनिटरिंग कराई जा रही है।

बृजराजनगर में बारिश से ईब नदी का जल स्तर बढ़ रहा

झाड़सुगुड़ा से पहले बृजराजनगर भी बिलासपुर डिवीजन का हिस्सा है। इसके बीच ईब नदी है, जिसका जलस्तर लगातार बारिश के कारण बढ़ता जा रहा है। शनिवार शाम तक स्थिति खतरे से बाहर थी। लेकिन, तेज बारिश के चलते रेलवे की टीम पूरी रात ईब नदी के किनारे बने पोस्ट पर तैनात रही।

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