CG Train Accident: कोलकत्ता से बिलासपुर पहुंचे सीआरएस मिश्रा, सहायक लोको पायलट का लिया बयान,ट्रेन हादसे में गई थी 12 लोगों की मौत
CG Train Accident: गतौरा–लालखदान रेल हादसे के 23 दिन बाद फिर से बयान लेने के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त बिलासपुर पहुंचे। यहां उन्होंने सहायक लोको पायलट रश्मि राज का बयान लिया। हादसे के बाद रश्मि राज को गंभीर अवस्था में अपोलो में भर्ती करवाया गया था जिसके चलते उनका बयान नहीं हो पाया था। स्थिति सुधारने पर उन्हें पहले अपोलो के आईसीयू से सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया फिर रेलवे अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। आज रेलवे अस्पताल में भर्ती सहायक लोको पायलट रश्मि राज से सुरक्षा आयुक्त ने दो घंटे तक बयान लिया है।

CG Train Accident: बिलासपुर। गतौरा–लालखदान के बीच हुए भीषण रेल हादसे को अब 23 दिन बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) बी.के. मिश्रा फिर से कोलकत्ता से बिलासपुर पहुंचे। यहां उन्होंने रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती सहायक लोको पायलट रश्मि राज का 2 घंटे तक बयान लिया। दरअसल 4 नवंबर को गेवरारोड–बिलासपुर मेमू ट्रेन खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मेमू का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया था। इस हादसे में लोको पायलट सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी और सहायक लोको पायलट सहित 20 से अधिक यात्री घायल हुए थे।
घटना की जांच सीआरएस बी.के. मिश्रा ने टीम के साथ की थी। फिर वापस लौट गए थे। लेकिन उस दौरान अपोलो हॉस्पिटल में गंभीर रूप से भर्ती सहायक लोको पायलट रश्मि राज का बयान नहीं हो पाया था। अब जब उन्हें रेलवे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया तो हादसे के 23 दिन बाद सीआरएस मिश्रा कोलकत्ता से बिलासपुर पहुंचे और सुबह 10 से 12 बजे तक रेलवे अस्पताल में रश्मि राज का बयान दर्ज किया।
मंडल ऑफिस में अधिकारियों के भी हुए बयान
सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि सीआरएस बी.के. मिश्रा ने रेलवे हॉस्पिटल में सहायक लोको पायलट रश्मि राज का बयान लेने के बाद मंडल ऑफिस में कुछ अन्य अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए हैं। इससे पहले भी तकरीबन 50 से अधिक अधिकारी–कर्मचारियों के बयान लिए जा चुके हैं। संभवत: सीआरएस की जांच रिपोर्ट अंतिम चरणों में है। जल्द ही हादसे की रिपोर्ट आएगी।
कई जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई तय
सूत्रों के अनुसार, सहायक लोको पायलट के बयान दर्ज होने के बाद अब केवल कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी की अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। प्रारंभिक स्तर पर कई संचालन संबंधी खामियों, तकनीकी निगरानी की कमी और सिग्नल ओवरशूट की आशंका सामने आई थी। माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट से कई जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई तय हो सकती है। देर रात बयान लेने के बाद सीआरएस वापस लौट गए।
