CG Tendu Patta Bonus Scam: 14 आरोपियों के खिलाफ 4500 पेज का चालान पेश, करोड़ों के गबन मामले में EOW कर रही जांच...
CG Tendu Patta Bonus Scam: छत्तीसगढ़ में तेदूपत्ता बोनस घोटले में गिरफतार 14 आरोपियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने 4500 पेज का चालान पेश किया है।

CG Tendu Patta Bonus Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुये तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने चालान पेश किया है। ब्यूरो की टीम ने दंतेवाड़ा विशेष न्यायालय में 45 पेज का चालान प्रस्तुत किया। मालूम हो कि इस मामले में ईओडब्ल्यू ने दंतेवाड़ा जिले के तत्कालीन डीएफओ, समेत 14 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया था। सभी के खिलाफ जांच जारी है।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, ब्यूरो में अपराध क्रमांक-26/2025, धारा-409, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं 13(1)ए, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथासंशोधित भ्र.नि.अधिनियम 2018 में अशोक कुमार पटेल, डी0एफ0ओ0, वनमंडल सुकमा के द्वारा लोकसेवक के पद पर पदस्थ होते हुए अपने पद का दुरूपयोग करते हुए वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 सीजन के तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक हेतु संग्राहको को प्रदान किए जाने वाली राशि (करीब 7 करोड़) का एक बड़ा हिस्सा जो करोड़ो रुपयो में है, आपस में मिलकर संग्राहकों को वितरित न करने हुए गबन किया गया।
प्रकरण में अब तक की विवेचना में 17 समितियों में से 8 दूरस्थ समितियों के संबंध में जांच की गई, जाँच में पाया गया कि 3,92,05,362 रूपये का गबन वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा किया गया। साथ ही शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाया जाना पाया गया।
आज 14 आरोपियों 1 वनमंडलाधिकारी (डीएफओ) अशोक कुमार पटेल, 4 वनकर्मी/पोषक अधिकारी (चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, मनीष कुमार बारसे, पोड़ियामी इड़िमा (हिडमा) एवं 9 समिति प्रबंधक (पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु, मोह0 शरीफ, सी.एच. रमना (चिटटूरी), सुनील नुप्पो, रवि कुमार (रवि कुमार गुप्ता), आयतू कोरसा, मनोज कवासी, राजशेखर पुराणिक उर्फ राजू, बी.संजय रेड्डी) के विरूद्ध विशेष न्यायालय दंतेवाड़ा में लगभग 4500 पेज का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
उल्लेखनीय है कि बस्तर क्षेत्र के घोर नक्सल एवं अति संवेदनशील आदिवासी बहुल क्षेत्र में तेंदूपत्ता वहां के निवासियों की आजीविका का अत्यंत महत्वपूर्ण साधन हैं जिसके माध्यम से वे अपने परिवार का जीवन-यापन करते है। प्रकरण की विवेचना अंतर्गत मड़ईगुड़ा, गोलापल्ली, किस्टाराम, जगरगुण्डा, चिंतलनार, चिंतागुफा, भेज्जी, कोंटा तथा पोलमपल्ली के दूरस्थ अंदरूनी एवं पहुंचविहीन मार्गाें में जाकर ग्रामीणों से पूछताछ करने पर ग्रामीणों द्वारा बोनस स्कीम के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की और प्रकरण में महत्वपूर्ण साक्ष्य दिये। प्रकरण में अन्य 9 समितियों के संबंध में जांच जारी है।
