CG Tehsildar News: तहसीलदार संघ की बड़ी चेतावनी, 17 सूत्रीय मांग पूरी नहीं होने पर प्रदेशभर में इस तारीख से करेंगे आंदोलन...
CG Tehsildar News: छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रदेश भर में आंदोलन की चेतावनी दी है। तहसीलदार संघ ने लंबित मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं।

CG Tehsildar News: रायपुर। छत्तीसगढ़ तहसीलदार संघ ने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। बलौदाबाजार में छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही चेतावनी दी है कि 17 सूत्रीय मांगों पर 26 जुलाई तक सकारात्मक पहल नहीं होने पर 28 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा।
छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ दद्वारा पूर्व में भी विभाग एवं शासन को समय-समय पर विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया है। विशेष रूप से तहसील कार्यालयों में पदस्थ तहसीलदारों को संसाधनों की कमी, मानवीय संसाधन, तकनीकी सुविधाएं, सुरक्षा, शासकीय वाहन एवं प्रशासनिक सहयोग की अनुपलब्धता से कार्य निष्पादन में गंभीर कठिनाइयों उत्पन्न हो रही हैं। 26 जलाई तक इस दिशा में कोई स्पष्ट एवं सकारात्मक पहल नहीं होती है, तो संघ के सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार चरणबदध आदोलन करेंगे...नीचे देखें १७ सूत्रीय मांग
1. सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना
सभी तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, WBN. KGO. नायब नाजिर, माल जमादार भृत्य, वाहन चालक. आदेशिका वाहक राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए। यदि संभव न हो तो संबंधित तहसील को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए।
2. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रियाः-
सीधी भर्ती और पदोन्नति का अनुपात पूर्व की भांति 50:50 रखा जाए और पूर्व में की गई घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।
3. नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने की मांगः-
इस आशय की पूर्व घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।
4. ग्रेड पे में शीघ्र सुधारः-
तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे सुधार को शीघ्र किया जाए।
5. शासकीय वाहन की उपलब्धताः-
सभी तहसीलों में कार्यवाही, प्रोटोकॉल एवं लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी हेतु शासकीय वाहन व चालक की व्यवस्था हो या वाहन भत्ता प्रदान किया जाए।
6. निलंबन से बहाली:-
बिना वैध प्रक्रिया, नियमित आदेश या अभियोजन कार्रवाई से प्रभावित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को 15 दिवस में जांच पूर्ण कर बहाल किया जाए।
7. न्यायालयीन प्रकरणों में आदेशों का पालनः-
जाए। न्यायालयीन मामलों को जनशिकायत/जनशिकायत प्रणाली में स्वीकार न किया
8. न्यायालयीन आदेशों पर FIR नहीं:-
न्यायाधीश प्रोटेक्शन act 1985 के सन्दर्भ में शासन दवारा जारी आदेश 2024 का कड़ाई से पालन किया जाये.... हर वो मामला जिसमे अपील का प्रावधान सहिता में निहित हैं तो किसी भी अन्य न्यायालय में परिवाद पेश ना कि जा सके जिससे FIR कि स्थिति ना बने (केवल न्यायालयीन प्रकरण के सन्दर्भ में)
9. न्यायालय में उपस्थिति हेतु व्यवस्थाः-
न्यायालयीन कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रोटोकॉल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था की जाए।
10. मानदेय भुगतान एवं नियुक्तिः-
जाए। आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ की नियुक्ति हेतु तहसीलदार को अधिकृत किया
11. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्तिः-
Agristack, स्वामित्व योजना, e-Court. भू-अभिलेख जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाएं।
12. SLR/ASLR की बहाली:-
तहसीलदारों की पर्याप्त संख्या को देखते हुए SLR/ASLR को पुनः भू अभिलेखीय कार्यों हेतु बहाल किया जाए।
13. व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयताः-
TI की भांति पदेन शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस प्रदान किया जाए।
14. राजस्व न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सुरक्षाकर्मीः-
जाए। प्रत्येक तहसील में सुरक्षा कर्मी की तैनाती एवं फील्ड भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध कराया
15. सड़क दुर्घटना मुआवजा की व्यवस्थाः-
सड़क दुर्घटना में तहसीलदारों के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि 25000 तत्काल मौके पर देने की मांग आती है। परंतु तत्काल में राशि उपलब्ध नहीं होती है। उक्त राशि मौके पर दिए जाने के संबंध में शासन से स्पस्ट गाइडलाइन्स जारी हो। इसके अलावा भी अन्य कई घटनाओं में तहसीलदारों से ही मौके पर मुआवजा राशि की अपेक्षा की जाती है। उसके सम्बन्ध में भी गाइडलाइन्स स्पष्ट जारी हो।
16. संघ की मान्यताः-
प्रदेश के समस्त तहसीलदार नायब तहसीलदार संघ के सदस्य है। अतः शासन के समक्ष मांगें प्रस्तुत करने व समाधान हेतु वार्ता एवं पत्राचार में संघ को की मान्यता दी जाए।
17. विशेषज्ञ कमिटी का गठन :-
प्रदेश में राजस्व न्यायालय के संदर्भ में सलाह व अपनी समस्याओं को प्रस्तुत किये जाने हेतु राजस्व न्यायालय सुदृणीकरण तहत विशेषज्ञ कमिटी/परिषद का गठन किया जाए।
