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CG Teacher promotion News: प्राचार्य पदोन्नति को हाई कोर्ट से मिली हरी झंडी, सभी याचिकाओं को कोर्ट ने किया खारिज

प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा तय मापदंड को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

Bilaspur High Court
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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

CG Teacher promotion News: बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा तय मापदंड को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस अमितेंद्र कुमार प्रसाद की डिविज़न बेंच ने राज्य शासन के पक्ष को सही माना है। कोर्ट ने नियम 15 को संशोधन करने कहा है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़ से भेंटकर इस विषय मे चर्चा किया था, अब जब फैसला आ गया है तो नया शिक्षा सत्र आरंभ होने के बाद तत्काल पदोन्नति होगी। स्कूल में प्राचार्य के अधिसंख्य पद रिक्त है, शालाओ में शिक्षण सत्र की तैयारियों में प्राचार्य की शीघ्र पदोन्नति जरूरी है। सुनवाई के दौरान संजय शर्मा, मनोज सनाढ्य, मुकेश पांडेय, रामगोपाल साहू, राजेश शर्मा, चिंताराम कश्यप, चंद्रशेखर गुप्ता, तोषण गुप्ता, अनामिका तिवारी, मोहन तिवारी उपस्थित थे।

हाई कोर्ट में इस तरह चली सुनवाई-

10 जून से शुरू हुई थी दोबारा सुनवाई, समर वेकेशन के बाद सोमवार 10 जून को बिलासपुर हाई कोर्ट में नियमित कामकाज प्रारंभ हुआ। जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई प्रारंभ की। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने जवाब दावा पेश करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की थी। डिवीजन बेंच ने एक दिन का समय देते हुए सुनवाई के लिए 11 जून की तिथि तय कर दी थी। इस दिन डिवीजन बेंच में फाइनल हियरिंग होनी थी।

शिक्षकों की ज्वाइनिंग पर हाई कोर्ट हुआ था नाराज-

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिक्षकों की ज्वाइनिंग का मुद्दा भी याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने जोर-शोर ने उठाया था। बताया कि व्याख्याता से प्राचार्य पद की पदोन्नति पर 7 मई तक रोक थी। इसके बाद भी कई जिलों में ज्वाइनिंग जारी रही। बताया गया कि प्राचार्यों के प्रमोशन आदेश में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया था कि यह पदोन्नति हाई कोर्ट के आदेश के अधीन रहेगी। उसके बाद काउंसलिंग के जरिये डीपीआई पोस्टिंग करेंगे। इसके बाद भी कई जगहों पर प्राचार्य पद पर ज्वाइनिंग देकर पावती ले ली गई। इसमें डीईओ और व्याख्याताओं के मिलीभगत की बात भी उठाई गई। ऐसे शिक्षकों की निलंबन की मांग भी की। हाई कोर्ट ने रोक के बाद भी ज्वाइनिंग को गलत बताया और शासन से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। बता दें कि 30 अप्रैल को ही प्राचार्य प्रमोशन की सूची जारी की गई थी। इसके तहत छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के ई संवर्ग के 1524 एवं टी संवर्ग के 1401 कुल 2925 प्राचार्य के पदों पर स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के व्याख्याता नियमित,व्याख्याता एलबी तथा प्रधान पाठक माध्यमिक विद्यालय को पदोन्नति देकर प्राचार्य बनाया था।

30 अप्रैल को जारी कर दी थी प्रमोशन लिस्ट-

प्राचार्य प्रमोशन को लेकर हाई कोर्ट में कई याचिकाएं लगी है। एक मामला 2019 से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा प्रकरण 2025 और बीएड-डीएलएड से जुड़ा है। 28 मार्च 2025 को जब हाई कोर्ट की पिछली सुनवाई हुई थी, तो राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वस्त किया गया था कि अगली सुनवाई तक प्राचार्य प्रमोशन का आदेश जारी नहीं किया जाएगा। कोर्ट का आश्वस्त करने के बाद भी 30 अप्रैल को प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी गई। अगले दिन एक मई को हाई कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

इन शिक्षकों ने दायर की थी याचिका-

पी गलिक राव, लक्ष्मी प्रसाद रबेठ,दूज राम खरे, संजय कुमार वखारिया,रुपनारायण कुशवाहा, अनुराग त्रिवेदी, अखिलेश त्रिपाठी, आनंद प्रसाद साहू,कोमल प्रसाद साहू, पुरुषोत्तम सिंह यदु।

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