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CG Teacher News: युक्तियुक्तकरण का साइड इफ़ेक्ट: महिला लेक्चरर का एक हजार किलोमीटर कर दिया तबादला; अपनों को बचाने अफ़सरों ने किया गजब का खेला

CG Teacher News: महिला व्याख्याता को युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष बताकर 1 हजार किलोमीटर दूर स्कूल में तबादला कर दिया गया। ना तो उन्हें जिला स्तरीय और ना ही संभाग स्तरीय काउंसलिंग में बुलाया गया। उन्हीं के विषय की उनसे जूनियर व्याख्याता अब भी स्कूल में पदस्थ है। इसके खिलाफ प्रभावित महिला व्याख्याता ने संभाग स्तरीय समिति को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। जिसे समिति ने स्वीकार कर लिया है. प्रकरण निराकरण के लिए राज्य स्तरीय समिति को अनुशंसा की है। स्कूल में संलग्न जूनियर व्याख्याता के भी अतिशेष चिन्हांकन की कार्यवाही का निर्देश दिया गया है।

CG Teacher News: युक्तियुक्तकरण का साइड इफ़ेक्ट: महिला लेक्चरर का एक हजार किलोमीटर कर दिया तबादला; अपनों को बचाने अफ़सरों ने किया गजब का खेला
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By Radhakishan Sharma

CG Teacher News: अंबिकापुर। युक्तियुक्तकरण के तहत महिला व्याख्याता के तबादले के खिलाफ की गई अपील स्वीकार कर ली गई है। महिला व्याख्याता ने युक्तियुक्तकरण के तहत हुए तबादले के खिलाफ संभागीय स्तरीय समिति के समक्ष अभ्यावेदन देकर बताया कि उन्हें जिला स्तरीय व संभाग स्तरीय काउंसलिंग में शामिल न कर सीधे राज्य स्तरीय काउंसलिंग में बुलाया गया। इसके अलावा उनसे जूनियर दो व्याख्याता स्कूल में पदस्थ है। बावजूद इसके उनका तबादला कर दिया गया। इसके खिलाफ व्याख्याता ने संभाग स्तरीय में अभ्यावेदन दिया था। जिसे स्वीकार कर प्रकरण निराकरण हेतु राज्य स्तरीय समिति को अनुशंसा सहित प्रेषित किया गया है।

व्याख्याता एलबी शशि श्रीवास्तव शासकीय हाईस्कूल अजरिमा विकासखंड अंबिकापुर जिला सरगुजा में पदस्थ थीं। युक्तियुक्तकरण के तहत उनका तबादला वहां से 1 हजार किलोमीटर दूर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चेरपल्ली ब्लॉक भोपालपट्टनम जिला बीजापुर कर दिया गया। जिसके खिलाफ महिला व्याख्या ने संभागीय स्तरीय समिति में अभ्यावेदन दिया गया। अभ्यावेदन में बताया गया कि जिला और संभाग स्तरीय काउंसलिंग में आवेदिका को नहीं बुलाया गया। सीधे राज्य स्तर की काउंसलिंग पर बुलाकर एक हजार किलोमीटर दूर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चेरपल्ली ब्लॉक भोपालपट्टनम जिला बीजापुर कर दिया गया। आवेदिका व्याख्याता ने तथ्य प्रस्तुत किया है कि स्नेहलता पाठक शाला में संलग्न है. कनिष्ठ व्याख्याता निशु गुप्ता को जिला स्तर पर काउंसलिंग हेतु बुलाकर पदस्थापना की गई है जो नियम विरुद्ध है।

आवेदिका व्याख्याता शशि श्रीवास्तव को सात अगस्त को संभाग स्तरीय समिति के समक्ष सुनवाई करते हुए अभ्यावेदन में उल्लेखित तथ्यों की विस्तृत जानकारी देने हेतु बुलाया गया। समिति के समक्ष उपस्थित होकर बताया कि जिला पंचायत सरगुजा के नियुक्ति 21 जून 2012 के तहत शासकीय हाईस्कूल अजिरमा में व्याख्याता रसायन शास्त्र में नियुक्त होकर कार्यरत है। तथा कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण द्वारा 22 मई 2021 को आदेश जारी कर आवेदिका का समायोजन विज्ञान विषय पर कर दिया गया है। शासकीय हाई स्कूल अजिरमा में प्रारंभ में वर्ष 2012-13 में शैक्षणिक कार्य/ अध्यापन कार्य हेतु कुछ व्याख्याताओं को संलग्न किया गया था जिन्हें नवीन नियुक्ति के पश्चात कार्यमुक्त कर दिया गया है।

गजब का फ़र्ज़ीवाडा

विद्यालय में संलग्न समान विषय की व्याख्याता स्नेहलता पाठक जिनकी मूल नियुक्ति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिधमा ,ब्लॉक राजपुर जिला बलरामपुर है को तीन वर्ष की नियमित सेवा के बाद पति– पत्नी के आधार पर संलग्न किया गया है,जो पूर्णतः गलत है। स्नेहलता पाठक के पति शासकीय सेवा में नहीं बल्कि व्यवसायी है। लोक शिक्षण संचालनालय से स्पष्ट आदेश है कि जो शिक्षक अध्यापन व्यवस्था के तहत स्कूल में संलग्न है, उनकी पोस्टिंग मूल शाला में दर्शाई जाए। उक्त निर्देश के बाद भी विद्यालय में संलग्न शिक्षक का युक्तियुक्तकरण से मुक्त और स्थाई रूप से संलग्न संस्था में पदस्थ है। शिक्षिका को उपकृत करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर संलग्न विद्यालय से वेतन आहरण की व्यवस्था की है।

एक गड़बड़ी ऐसी, नियमों का किया उल्लंघन

संभाग स्तरीय समिति के सदस्यों द्वारा संपूर्ण प्रकरण के अवलोकन तथा दस्तावेजों के परिशिलीन उपरांत समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची कि जिला स्तरीय अतिशेष सूची में आवेदिका का नाम जीव विज्ञान विषय में दिया गया है। परंतु निशु गुप्ता को जिला स्तरीय काउंसलिंग में आवेदिका से कनिष्ठ होने के बावजूद पूर्व में बुलाया जाना त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि आवेदिका और निशु गुप्ता दोनों रसायन शास्त्र विषय से हैं। साथ ही यह भी पाया गया है कि हाईस्कूल में रिक्त जीव विज्ञान के पदों पर रसायन शास्त्र के व्याख्याता को समायोजित किया गया है. जिससे जीव विज्ञान के व्याख्याता के चयन के अवसर कम हुए हैं तथा उन्हें संभाग व राज्य स्तर पर काउंसलिंग के लिए जाना पड़ा है, जो छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग की युक्तिकरण के भाग 10 काउंसलिंग की प्रक्रिया का उल्लंघन है जो एक गंभीर त्रुटि है।








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