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CG Teacher News: शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला: 18 साल बाद अब जाकर हुई तीन आरोपियों की गिरफ्तारी, इसमें एक पूर्व बीईओ व शिक्षाकर्मी भी शामिल

CG Teacher News: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में 18 साल पहले शिक्षाकर्मी भर्ती के दौरान तत्कालीन बीईओ, जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष व शिक्षा विभाग के चेयरमैन व एक शिक्षाकर्मी ने जमकर फर्जीवाड़ा किया था। घोटाले के खुलासे के बाद से तीनों फरारी काट रहे थे। अब जाकर तीनों की गिरफ्तारी हुई है। कोर्ट ने शिक्षाकर्मी भर्ती में फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों को रिमांड पर जेल भेज दिया है।

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By Radhakishan Sharma

CG Teacher News: रायपुर। वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति के दौरान धमतरी जिले के एक बीईओ, जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष और एक शिक्षाकर्मी ने मिलकर जमकर फर्जीवाड़ा किया था। आलम ये कि पंचायत विभाग द्वारा स्वीकृत पद से ज्यादा पदों पर भर्ती कर लिया था। तीनों ने मिलकर रिश्तेदारों और जान पहचान वालों को नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्ति दे दी थी। आरटीआई के खुलासे के बाद तीनों के खिलाफ मगरलोड पुलिस नेपुलिस ने एफआईआर दर्ज किया था। इसके बाद से फरारी काट रहे थे। 18 साल बाद अब जाकर गिरफ्तारी हुई है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर जेल भेज दिया है।

शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। 18 साल बाद भर्ती घोटाले के तीन आरोपियों को मगरलोड पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फर्जीवाड़े का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ था। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता ने दसतावेजी प्रमाण के साथ पंचायत विभाग को पत्र लिखकर गड़बड़ी करने वाले तत्कालीन बीईओ, जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष व शिक्षा समिति के अध्यक्ष तथा शिक्षाकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जांच के बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जिला एवं सत्र न्यायालय धमतरी में पेश किया। कोर्ट ने तीनों आराेपियों को रिमांड पर जेल भेज दिया है।

इनकी हुई गिरफ्तारी,भेजे गए जेल

तत्कालीन विकास खंड शिक्षा अधिकारी, जनपद पंंचायत के उपाध्यक्ष व शिक्षा समिति के चेयरमैन कोमल यदु और शिक्षाकर्मी इशू साहू व सीताराम साहू शामिल हैं। फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब वर्ष 2011 में कृष्णकुमार ने आरटीआई के तहत आवेदन पेश कर शिक्षाकर्मी भर्ती की जानकारी मांगी थी। आरटीआई से मिली जानकारी के बाद दस्तावेजों के साथ शिकायत की थी। जांच में शिकायत सही पाई। इसके बाद पंचायत विभाग ने के अधिकारियों ने पुलिस में एफआईआर के लिए पत्र लिखा था। जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

स्वीकृत था 150 पद, 172 शिक्षाकर्मियों की कर ली भर्ती

बीईओ, जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष और दो शिक्षाकर्मियों ने बडृे पैमाने पर गड़बड़ी की है। भर्राशाही का आलम ये कि पंचायत विभाग ने शिक्षाकर्मी की भर्ती के लिए 150 पद स्वीकृत किया था। इन लोगों ने बिना किसी को जानकारी दिए और अतिरिक्त पद स्वीकृति की अनुमति लिए 172 पदों पर भर्ती कर डाली। जांच में यह बात भी सामने आई है कि तकरीबन 140 शिक्षाकर्मियों की भर्ती में नियमों व मापदंडों का खुलकर उल्लंघन किया गया है।चयन समिति के इन सदस्यों ने अपने परिजनों,रिश्तेदारों और जान पहचान वालों को रेवड़ी की तरह नौकरी बांट दी। जांच के बाद वर्ष 2018 में शिक्षाकर्मी भर्ती घाेटाले के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज गया था। वर्तमान में तीन और आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।

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