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CG Teacher News: ड्रापआउट बच्चों को ऐसे नहीं मिलेगी TC.....DPI ने प्रदेशभर के DEO को किया आदेश, देखें डीपीआई का पत्र

CG Teacher News: शिक्षा के अधिकार कानून RTE के तहत निजी विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले ऐसे बच्चे जो बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, नोडल प्राचार्य की सहमति और अनुशंसा के बगैर निजी विद्यालयों को टीसी देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ड्रापआउट बच्चों के पैरेंट्स व बच्चों से शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलेंगे व उनकी काउंसलिंग करेंगे। दोबारा पढ़ाई के लिए ऐसे बच्चों को प्रेरित करेंगे। डीपीआई ने इस संबंध में जरुरी गाइड लाइन व दिशा निर्देश जारी किया है। डीपीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए डीईओ बिलासपुर ने नोडल प्राचार्य (आरटीई) शा. हाई्र हायर सेकेण्डरी व सभी प्राचार्य, प्रधान पाठक, संस्था प्रमुख निजी शाला को पत्र लिखकर गंभीरता के साथ पालन करने का निर्देश दिया है।

CG Teacher News: ड्रापआउट बच्चों को ऐसे नहीं मिलेगी TC.....DPI ने प्रदेशभर के DEO को किया आदेश, देखें डीपीआई का पत्र
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By Radhakishan Sharma

CG Teacher News: बिलासपुर। शिक्षा के अधिकार कानून RTE के तहत निजी विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले ऐसे बच्चे जो बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, नोडल प्राचार्य की सहमति और अनुशंसा के बगैर निजी विद्यालयों को टीसी देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ड्रापआउट बच्चों के पैरेंट्स व बच्चों से शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलेंगे व उनकी काउंसलिंग करेंगे। दोबारा पढ़ाई के लिए ऐसे बच्चों को प्रेरित करेंगे। डीपीआई ने इस संबंध में जरुरी गाइड लाइन व दिशा निर्देश जारी किया है। डीपीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए डीईओ बिलासपुर ने नोडल प्राचार्य (आरटीई) शा. हाई्र हायर सेकेण्डरी व सभी प्राचार्य, प्रधान पाठक, संस्था प्रमुख निजी शाला को पत्र लिखकर गंभीरता के साथ पालन करने का निर्देश दिया है।

राज्य में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के नियम 12 (ग) अन्तर्गत निजी शालाओं में बच्चों को प्रवेश दिया गया है। इन बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति राशि निजी विद्यालयों को नियमानुसार प्रदान की जाती है।

पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार अध्ययनरत बच्चों में से प्रतिवर्ष लगभग 10 प्रतिशत बच्चें 8 वीं तक अध्यापन पूर्ण किये बिना ही विद्यालय से ड्रापआउट हो जाते है। डापआउट बच्चों के भविष्य की चिंता और उसे अध्ययन अध्यापन में दोबारा लगाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने योजना बनाई है। आमतौर पर स्कूल प्रबंधन द्वारा टीसी जारी करने के बाद इन बच्चों की जानकारी नहीं लग पाती है, ऐसी स्थिति में इनसे संपर्क भी नहीं हो पाता। अब जब पैरेंट्स टीसी के लिए आएंगे तो ऐसे बच्चों की जानकारी स्कूल प्रबंधन द्वारा अपने नोडल प्राचार्य को दी जाएगी। नोडल प्राचार्य डीईओ को जानकारी देंगे। डीईओ के निर्देश पर ऐसे बच्चों व उनके पैरेंट्स की दोबारा काउंसलिंग की जाएगी।

टीसी जारी करने से पहले इन शर्तों का करना होगा पालन

डीपीआई से जारी दिशा निर्देश से साफ है कि आरटीई के तहत पढ़ने वाले ड्रापआउट बच्चों की टीसी उनके पालकों के आवेदन पर विद्यालय प्रबंधन जारी नहीं करेगा। ऐसे बच्चों का टीसी जारी करने के लिए नोडल प्राचार्य की सहमति और अनुमति को डीपीआई ने जरुरी किया है। मतलब साफ है कि टीसी के लिए नोडल प्राचार्य का पत्र अनिवार्य है।

DPI ने इन शर्तों को किया अनिवार्य, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

  • समस्त, आरटीई में पंजीकृत निजी विद्यालयों को पत्र लिखकर निर्देशित किया जाना है कि उनके विद्यालय में आरटीई में बच्चों को शिक्षा पूर्ण किये बिना टी.सी. तब तक प्रदान नहीं किया जाना है जब तक कि नोडल प्राचार्य के द्वारा सहमति प्रदान नहीं किया जाता है।
  • नोडल प्राचार्य के पास ऐसे बच्चों के टीसी. जारी करने हेतु आवेदन प्राप्त होता है तो नोडल प्राचार्य द्वारा ऐसे बच्चे एवं उनके पालक का काउंसलिंग किया जाना है कि किन कारणों व परिस्थितियों में उनके द्वारा टीसी की मांग की जा रहीं है।
  • यदि पालक द्वारा दिया गया कारण जायज प्रतीत होता है तो उस कारण का उल्लेख करते हुये नोडल प्राचार्य द्वारा अनुमति प्रदान की जानी है।
  • नोडल प्राचार्य द्वारा अनुमति प्रदान करने तथा निजी विद्यालय द्वारा स्थानांतरण प्रमाणपत्र जारी किये जाने के उपरांत अपने लाॅगिन से उस शाला से उस बच्चे को ड्रापआउट किया जाना है।
  • यदि निजी विद्यालय में बच्चें के साथ भेदभाव या किसी प्रकार की प्रताड़ना की बात सामने आती है तो इसकी सूचना तत्काल नोडल प्राचार्य द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को देते हुये जांच कराई जानी है। यदि सूचना सही पायी जाती है तो निजी शाला पर नियम सम्मत कार्यवाही प्रस्तावित करें।

देखें आदेश

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